नाम : संजय कुमार सिंह
पद : पार्षद (कांग्रेस), सराय गोवर्धन, वार्ड-67, वाराणसी
नवप्रवर्तक कोड़ : 71184152
परिचय
छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत करने वाले संजय सिंह एक स्थानीय सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में अपने क्षेत्र सराय गोवर्धन, वाराणसी में जाने जाते हैं. उनका निवास स्थान एवं कार्य क्षेत्र दोनों ही वाराणसी है. युवावस्था से ही राजनीति की ओर रुझान रखने वाले संजय सिंह वर्ष 2007 से क्षेत्रीय पार्षद के तौर पर कार्यरत रहे हैं.
राजनीतिक पर्दापण
विश्व हिंदु परिषद से राजनीति का हिस्सा रहे संजय सिंह ने औपचारिक रूप से चुनावों में भागीदारी छात्र राजनीति के माध्यम से उपाध्यक्ष पद से की. इससे पहले भी वह जनहित के कार्यों से जुड़े रहते थे, जिसके चलते स्थानीय जनता ने उन्हें राजनीति में सक्रिय भागीदारी करने के लिए अपना समर्थन दिया और उन्होंने चुनाव में सफलता भी हासिल की. उनका सर्वप्रथम भारतीय जनता पार्टी से राजनीति में आगमन हुआ था, परन्तु विगत दो वर्षों से वाराणसी में भाजपा की लहर होने के बावजूद भी उन्होंने कांग्रेस पार्टी से विजय प्राप्त की.
सामाजिक अगुवाई
उनकी प्रारम्भ से ही जनकल्याण के कार्यों में रूचि रही है. हमेशा से उनका यही मानना रहा है कि राजनीति के माध्यम से समाज के लोगों की समस्याओं को दूर किया जा सकता है. इसीलिए उन्होंने लोगों के समर्थन से राजनीतिक मार्ग का चयन किया.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें
सराय गोवर्धन वार्ड से पार्षद संजय सिंह का कहना है कि उनके वार्ड में सीवर की सबसे प्रमुख समस्या है. उनके अनुसार यह केवल वार्ड की ही नही अपितु पूरे वाराणसी की सबसे बड़ी समस्या है. वर्तमान में निगम के पास पैसा बहुत आता है, परन्तु वह पैसा जमीनी स्तर तक पहुँच नहीं पाता. इसी कारण विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है.
संपन्न विकास कार्य
अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अपने प्रयासों से जर्जर हालत में पड़ी सड़कों व गलियों का निर्माण कार्य करवाया. इसके अतिरिक्त पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए टयूबवेल की व्यवस्था भी वार्ड में कराई. साथ ही वार्ड की काफी गलियों में इंटरलॉकिंग का कार्य भी वह करा चुके हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारधारा
वर्तमान परिदृश्य के आधार पर उनका मानना है कि आज जिस प्रकार शिक्षा के स्तर में सुधार आया है. उसी प्रकार युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध होने चाहिए. परन्तु सरकार युवाओं को उनकी शिक्षा के अनुकूल रोजगार दिलाने में असफल रही है, जिससे कि दिन-प्रतिदिन बेरोजगारी का स्तर बढ़ता जा रहा है. जिसकी तरफ सरकार को ध्यान देना चाहिए.