नाम - समीर भाटी
नवप्रवर्तक कोड – 71183027
पद – कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक , दादरी
परिचय –
समीर भाटी जी दादर के राजनेता महेंद्र सिंह भाटी जी के पुत्र हैं । आपने एमए एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है । अंग्रेजी से एमए करने बाद लॉ की प्रैक्टिस की शुरुआत की । लेकिन तभी आपके जीवन मे एक दुखद मोड़ आया जब आपके पिता जी की विरोधी पार्टी द्वारा हत्या करा दी गई ।
समीर जी वर्ष 2014 , 2017 में विधानसभा का चुनाव कांग्रेस पार्टी से लड़ा और 1993 में विजयी भी हुए । समीर जी के परिवार में उनके भाई , बहन , बेटा, बेटी , पत्नी हैं । बहन का विवाह कुँवर प्रणव सिंह जी से हुआ ।
समीर जी के पिता जी को लोग गुण्डा आदि बताते हैं , लेकिन 80 – 90 के समय में गुज्जर सम्प्रदाय उभर
कर आ रहा था । तब राजेश पायलट जी और महेंद्र जी दोनों नायक नेता रहे थे । महेंद्र जी
ने आगरा के सिन्जोंग कॉलेज से इंग्लिश में एमए किया था । इसके बाद उन्होंने आईएएस की
परीक्षा उत्तीर्ण की ।राजनीति के मॉस लीडर बन कर उभरे ।
समाज कल्याणी कार्य –
समीर जी का मानना है , कि लोग राजनीति में अपना फायदा देखते हैं लेकिन वे और उनके पिता जी ने सदैव समाज के हिट में ही कार्य किया है । विरोधी तबका अलग अलग तरह की बात करता है इसलिए लोगों को ये बताने की आवश्यकता है , कि कौन उनका हमदर्द है कौन फायदा लेना चाहिए ।
महेंद्र जी ने लोगों के लिए जिन चाहा और उन्हीं के कारण उनकी जान भी गयी । उस वक्त लोग दादरी में पोस्टिंग नहीं लेता है , क्योंकि वहाँ पर कोई भी धंधली नहीं हो सकती थी । उन्होंने लोगों के लिए कार्य किया इसीलिये वो आज भी लोगों के
दिल में जिंदा हैं ।
ग्रेटर नोएडा भी महेन्द्रजी की देन है , 89 के आसपास उन्होंने मुख्यमंत्री मुलायम
सिंह जी के साथ बात करके उस जमीन को लेकर अलग जहां बनाने की शुरुआत की लोगों में जमीन
देने का विश्वास उन्होंने अपनी जमीन देकर नीव रखवाई ।
राजनीतिक पृष्ठभूमि –
सन 1992 में पिता जी और 1991 में चाचा जी की
मृत्यु के बाद घर की जिम्मेदारी समीर जी पर आ गया । उनपे मानसिक , शारीरिक , आर्थिक तनाव देकर विरोधियों ने जिन
मुश्किल कर दिया था । इसके बाद कांग्रेस के साथ जुड़ कर आपने राजनीति की ज़मीन पर कदम
रखा ।इस बीच घर को किसानी द्वारा चलाया लेकिन विरोधियों की नुकसान पहुंचाने की कोशिश
आज भी जारी है ।
समाज की अगुवाई –
समीर जी मानते हैं , कि हमारा समाज भोला है हमदर्द कौन और परेशान को करना चाहता है, ये बताना कठिन है । वे समाज को नया रास्ता एवं सही रास्ता दिखाने का कार्य करना
चाहते हैं , इसलिए राजनीति में आकर समाज की अगुवाई
की ।
क्षेत्रिय मुद्दे –
अपने क्षेत्र की परेशानियां बताते हुए समीर जी ने कहा कि उन्होंने करीब 1500 लोगों को रोजगार दिलाया । विधानसभा में जीत के बाद लोगों के लिए कार्य करना शुरू किया । विधायक जितने के बाद अपने लिए कार्य करते हैं लोगों के लिए कार्य करने के लिये न ही उनके पास वक्त है ना जरूरत । ऐसे कानून बनाये जाते हैं , इलाके के किसान परेशान हैं वे 300 रुपये की मौरम ढोने का कार्य करना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें उनकी फसल का सही दाम नहीं मिल रहा । युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है ।
राष्ट्रीय मुद्दे –
समीर जी मानते हैं , कि वे राष्ट्र के नागरिक हैं इसलिए वे इस मुद्दे पर विचार दे सकते हैं । वैसे से
तो भारत युवा देश है । हमारे युवा ही सरकार बना रहे हैं मिटा रहे हैं , लेकिन वही युवा आज अपने लिए क्या कर रहा ? क्या उस युवा को कुछ मिल रहा है उस सरकार
से ?
आपका मानना है , कि इंटरनेट फ्री करने से युवा का भला नहीं हो रहा वो उस इंटरनेट का प्रयोग अपनी
को सी अच्छाई के लिए कर रहा है । युवाओं के जीवन एवं जरूरतों का नवीनी करण होना चाहिए
। आज हमारे देश मे युवा और किसान ही सबसे महत्वपूर्ण लोग हैं । उन्ही के उत्थान के
कार्य नहीं हो रहा है । यदि युवा और किसान सम्रद्ध और सशक्त होंगे तो देश उन्नति पथ
पर स्वयं ही चलने लगेगा ।
वैश्विक मामलों पर नज़र –
समीर जी का विश्वस्तरीय मामलों में कहना है कि जिन विकसित देशों , फोर्स , ताकतों की बात नेता , बुद्धिजीवी करते हैं , वे पहले अपने परिवार अर्थात देश को
सशक्त बनाएं । केवल दिखावे और भाषण से देश नहीं चलता । उस भाषण और बात का लोगों पर
असर होना चाहिये । उन बातों को करने का क्या फायदा जिसे सुनने के बाद लोग एक कञ से
सुने और दूसरे कञ से निकल दें ।
लोगों को असरदार बातों को जरूरत है न कि दकियानूसी बातों की । इसके लिए हमें खुद
भी तैयार होना पड़ेगा । हमारी हमारे पड़ोसी देशों जैसे श्री लंका , पाकिस्तान , चीन , नेपाल , बांग्लादेश से कोई वास्ता नहीं है ।
शुरू से रूस हमारा अच्छा नाता था वहां से आयरन , स्टील का आयात होता था । फिर ये आयात रशिया से होने लगा । आज हमारी लड़ाई रसिया
से भी है, वो हमारी बुनियादी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर रहा है ।
पहले ट्रांसपोर्ट रूबी , रूबल से होता था आज डॉलर से हो रहा है । एक तरह से तो हमें नुकसान ही हो रहा है
लेकिन दिल्ली में बैठे सियासत के लोग ज्यादा समझदार होंगे ।