नाम : सलोनी केसरवानी
पद : उपाध्यक्ष, ऑल इंडिया प्रोफेशनल काँग्रेस, लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड़ : 71188257
बहुमुखी प्रतिभा की धनी सलोनी केसरवानी एक उच्च शिक्षित, प्रतिभावान और कर्तव्यनिष्ठ महिला हैं, जो न केवल अपने सामाजिक-राजनीतिक जीवन में अपना शत प्रतिशत योगदान देते हुए आगे बढ़ रही हैं बल्कि अपने गृहस्थ जीवन को भी एक कुशल गृहणी की भांति संभाले हुए हैं। काँग्रेस पार्टी के बैनर के साथ जुड़कर संगठन मजबूत करने के अतिरिक्त समाज सेवा के प्रति भी उनका रुझान काफी अधिक है। विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने "बिंग वुमन" फाउंडेशन के माध्यम से अभियान चलाया हुआ है।
जीवन परिचय
सलोनी केसरवानी ऑल इंडिया प्रोफेशनल काँग्रेस, लखनऊ से उपाध्यक्ष हैं, साथ ही वह जिला काँग्रेस कमेटी लखनऊ में भी उपाध्यक्ष पद पर कार्य कर रही हैं। राजनीति के साथ साथ अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का भी वहन करते हुए सलोनी केसरवानी "बिंग वुमन" फाउंडेशन की प्रेसीडेंट भी हैं, जिसके जरिए वह महिलाओं को आगे लाने की मुहिम चलाए हुए हैं। मूलत: बिहार में जन्मी और पली-बढ़ी सलोनी केसरवानी की कर्मभूमि लखनऊ है, जहां वह विवाह के बाद 1997 से रह रही हैं।
बिहार के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने वाली सलोनी केसरवानी को संस्कार, उच्च आदर्श, सिद्धांत, कर्तव्यनिष्ठा और राजनीतिक-सामाजिक गुण विरासत में मिले हैं। उनके बुजुर्गों ने देश की आजादी के आंदोलन में, इंडो-चीन युद्ध के दौरान अपने योगदान से भावी पीढ़ी को देशसेवा का भाव उपहार में दिया है।
बात शिक्षा की करें तो, दिल्ली यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ साथ जर्नलिज़म में शिक्षित सलोनी केसरवानी ने फैशन डिजाइनिंग में भी तालीम हासिल की है और दिल्ली में रहकर दो वर्ष एक्सपोर्ट हाउस में जॉब भी की है। साथ साथ उन्होंने बीएड और एनटीटी की डिग्री भी प्राप्त की है और लखनऊ के सीएमएस व जयपुरिया स्कूल में अध्यापन कार्य भी किया।
24 वर्ष की आयु में उनका विवाह लखनऊ के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ, जिसके बाद उन्होंने दस वर्ष का समय अपने पारिवारिक जीवन को दिया लेकिन दस साल के इस ब्रेक ने सलोनी केसरवानी के भीतर से राजनीति व समाज सेवा के जुनून को कभी कम नहीं होने दिया। उनके मन में समाज-राष्ट्र सेवा का जज़्बा हमेशा से रहा, जिसके चलते वह आज लखनऊ काँग्रेस की राजनीति और महिलाओं के बीच एक जानी-मानी शख्सियत हैं।
राजनीति से जुड़ाव और सफ़र की कहानी
सलोनी केसरवानी ने बचपन से अपने पिताजी श्री जय कुमार को समाज व राजनीति के जरिए लोगों की सेवा करते देखा है और बिहार की राजनीति में उनका नाम बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके पिताजी मगध यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री लेक्चरर होने के साथ साथ काँग्रेस से विधायक भी रहे हैं और उन्हीं से सलोनी केसरवानी को राजनीति में आगे बढ़ने की प्राथमिक प्रेरणा भी मिली।
लखनऊ में एआईपीसी के गठन के बाद वह औपचारिक रूप से इस इकाई के साथ जुड़ी, जहां उनकी कुशलता को देखते हुए उन्हें उपाध्यक्ष का पद सौंपा गया। सलोनी केसरवानी ने काँग्रेस की प्रोफेशनल यूनिट के साथ मिलकर संगठन को मजबूती देने के क्रम में अपने विचारों को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया और जमीनी स्तर पर कार्य करने का निर्णय लिया। उन्होंने मलिन बस्तियों, कोरोना काल के दौरान, किसान आंदोलन, आमजन की बुनियादी समस्याओं आदि पर टॉप फ्रन्ट पर रहकर काम किया और आज भी उनका यह संघर्ष जारी है।
उनकी राजनीतिक योग्यता को देखते हुए लखनऊ जिला काँग्रेस समिति की ओर से उन्हें उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी गई, जिसमें उनकी भूमिका महिलाओं को काँग्रेस से जोड़ना और जन जन तक पहुंचना है। सलोनी केसरवानी बिना किसी धार्मिक, सामाजिक भेदभाव के साथ जिले में महिलाओं तक अपनी पहुँच बनाते हुए अपने पद की गरिमा को कायम रखे हुए हैं। 8 मार्च, 2021 को महिला दिवस के अवसर पर उनके नेतृत्व में प्रथम बार उप्र काँग्रेस समिति के मुख्यालय में अपने अपने क्षेत्रों में माहिर महिलाओं को सम्मानित किया गया और अपने आप में अनूठा यह कार्यक्रम बेहद सराहा गया।
राजनीति में संघर्ष
सलोनी केसरवानी का मानना है कि जीवन में बाधाएं तो आती जाती रहती हैं क्योंकि उतार-चढ़ाव हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है, लेकिन व्यक्ति को कभी हतोत्साहित नहीं होना चाहिए और अपना कर्म करते रहना चाहिए। उनके अनुसार सफलता उसी को मिलती है, जो तमाम बाधाओं से निकलकर खुद को साबित करता है। गृहस्थ जीवन के साथ साथ राजनीति-समाज में योगदान देना बेहद मुश्किल कार्य है लेकिन व्यक्ति यदि ठान लें तो वह हर कठिनाई का सामना अपनी दृढ़-इच्छाशक्ति से कर सकता है।
राजनीति में बिना किसी पद की इच्छा के सलोनी केसरवानी ने कार्य किया है और विभिन्न पदों पर कांटे की टक्कर होने के बावजूद भी उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया है। अपने इसी प्रयास को सलोनी केसरवानी सफलता का मूल मंत्र भी मानती है और उनका कहना है कि व्यक्ति को जीवन के हर मुकाम पर परिश्रम, इच्छा शक्ति और संतुलन बनाए रखना चाहिए।
"बिंग वुमन" फाउंडेशन के माध्यम से नारी सशक्तिकरण का प्रयास
एआईपीसी में काम करने के साथ साथ सलोनी केसरवानी की कार्यशैली में परिपक्वता आई और उन्होंने बिंग वुमन फाउंडेशन की नींव अपनी मित्रों के साथ मिलकर रखी। इस संस्था के माध्यम से वह सभी मोर्चों, जैसे शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, जागरूकता, सामाजिक सशक्तिकरण, आर्थिक मजबूती, अन्याय के खिलाफ कानूनी सहायता इत्यादि पर महिलाओं की सहायता कर रही हैं। जिससे महिलाएं अपने, अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए एक मजबूत आधारस्तंभ की तरह खड़ी हो सकें।
सलोनी केसरवानी की गिनती खुद भी लखनऊ की सशक्त महिलाओं में की जाती है और उन्हें बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा एवं लखनऊ मेयर संयुक्ता भाटिया द्वारा भी बहुत बार सम्मानित किया जा चुका है। बिंग वुमन संस्था के माध्यम से वह नि:स्वार्थ भाव से स्त्री-सशक्तिकरण का अभियान चलाए हुए हैं और बिना किसी मेंबरशिप फ़ीस के वह संस्था से जुडने वाले सभी लोगों का स्वागत करती हैं और उन्हें नए अवसर प्रदान करती हैं।
विविध पदों के साथ साथ पारिवारिक जीवन में सामंजस्य
बेहतर टाइम मेनेजमेंट को सलोनी केसरवानी बेहद अहम मानकर चलती हैं, उनके अनुसार एक महिला होने के नाते आपकी प्राथमिकता हमेशा आपका परिवार होता है लेकिन जब एक महिला राजनीति व समाज से जुड़कर कार्य करती है तो उसके लिए वहां समय देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
गृहस्थ जिम्मेदारियों के साथ विविध पदों में तालमेल बैठाने के लिए सलोनी केसरवानी संतुलन, टाइम मेनेजमेंट और काम के प्रति समर्पण..इन तीन सिद्धांतों को साथ लेकर चलती हैं। साथ ही वह अपने स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देती हैं, उनका मानना है कि आप सबसे पहले खुद का ख्याल रखें, उसके बाद ही आप बाकी सभी का ख्याल रख सकते हैं। वह हर कार्य को समयानुसार करते हुए अपने सभी कर्तव्यों को पूरा करती हैं।
वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को लेकर विचार
सलोनी केसरवानी कहती हैं कि पहले राजनीति स्वच्छ और सिद्धांतों पर चलकर हुआ करती थी, राजनीति के अपने आदर्श और राजनीतिज्ञों की अपनी मर्यादा थी। लेकिन बदलते समय के साथ, खासकर जबसे सोशल मीडिया का चलन बढ़ा है, तबसे राजनीति का बहुत ही विकृत चेहरा देखने को मिल रहा है।
जिस मीडिया को निष्पक्षता के साथ रहकर देशहित में अपनी बात जनता के आगे रखनी चाहिए थी, आज वही मीडिया नेताओं के कहे अनुसार चल रही है। आज के राजनीतिज्ञों का चारित्रिक हनन लगातार जारी है और भाषा की मर्यादा बिल्कुल नहीं रही, जो भावी पीढ़ी के लिए प्रतिकूल है। राजनीति उच्च सिद्धांतों के साथ की जानी चाहिए, उसमें व्यक्तिगत छींटाकशी के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। पर आज हम देखते हैं कि सोशल मीडिया के जरिए नेता एक दूसरे पर कीचड़ उछालते है, एक दूसरे को टारगेट कर के चलते हैं, जो बहुत ही दु:खदायी है।
साथ ही सलोनी केसरवानी का मानना है कि यदि आप सत्ता में हैं और जनता ने आपको देश का शासन सौंपा हैं तो यह मान-सम्मान आपके व्यवहार में दिखना चाहिए। भले ही गलत के खिलाफ आप बोलें लेकिन आपकी भाषा मर्यादित होनी चाहिए।
भावी विज़न
सबसे पहले सलोनी केसरवानी एक महिला होने के नाते देश और समाज में महिलाओं की सशक्ति, उनकी सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और उत्थान के लिए कार्य करना चाहती हैं। इस विज़न के साथ वह "बिंग वुमन" के माध्यम से आगे भी बढ़ रही हैं।
इसके साथ ही अपनी सांगठनिक जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए उनका भावी मिशन पार्टी को मजबूती दिलाना है। धरातल स्तर पर जनता के साथ जुड़कर काँग्रेस को उसका खोया हुआ मुकाम वह वापस दिलाना चाहती हैं। इसके अतिरिक्त यदि 2022 के चुनावों में उन्हें मौका मिलता है तो एक जन प्रतिनिधि के तौर पर भी वह स्थानीय जनता के लिए मजबूती से खड़े होना चाहती हैं। ताकि वह अपनी सशक्त समाज और लोकहित की राजनीतिक विचारधारा को आगे बढ़ा सकें।
स्थानीय मुद्दे और विशेषताएं
लखनऊ, जो अवध का अहम हिस्सा और गंगा-जमुनी संस्कृति की अनूठी विरासत है, उसके बारे में सलोनी केसरवानी का कहना है कि लखनऊ ने पिछले कुछ वर्षों में काफी तरक्की की है। वह 1997 से लखनऊ का हिस्सा हैं और उनके अनुसार इस दौरान लखनऊ बहुत बदला है लेकिन यहां की संस्कृति, तहजीब और लोगों का आपसी तालमेल आज भी वही है।
उनका कहना है कि वर्तमान सरकार ने भी यहां बहुत सी व्यवस्थाएं की हैं, जिन्होंने लखनऊ को विकास के एक नए मुकाम पर पहुंचाया है। चाहे वह महिलाओं के लिए पिंक बूथ बनाना हो, पेयजल या बेहतर सड़क व्यवस्था, हालिया सरकार ने बहुत से सराहनीय कार्य किए हैं।
किंतु पुराने लखनऊ में आज भी बहुत सी समस्याएं हैं क्योंकि यह इलाका बेहद संकरा व सघन है और बेहतर चीजें लगातार व्यवस्था भी मांगती हैं। पुराने लखनऊ में आज भी सड़क व्यवस्था, बिजली, पेयजल, सीवर, शिक्षा, सुरक्षा इत्यादि से जुड़ी दिक्कतें हैं, जिन पर व्यवस्थित रूप से कार्य होना जरूरी है। साथ ही उनका मानना है कि यदि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेरोजगारी और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रदेश स्तर पर योजनाबद्ध रूप से कार्य करें तो स्थितियां काफी बेहतर हो सकती हैं।
जनता को संदेश
बैलटबॉक्सइंडिया के मंच के जरिए सलोनी केसरवानी राष्ट्र की जनता को संदेश देना चाहती हैं कि वर्तमान में चल रहे कोरोना काल में हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपना व अपने परिजनों का ख्याल रखना है। आज हम मानव जाति के सबसे बुरे दौर से रूबरू हो रहे हैं और हमारी लापरवाही इस समय को ओर अधिक भयावह बना सकती है।
इसलिए हमें हिम्मत व धैर्य से काम लेना है, सभी प्रोटॉकाल का पालन करना है, नैतिकता को कायम रखना है और कालाबाजारी पर रोक लगानी है ताकि किसी भी प्रकार से संसाधनों की कमी नहीं हो पाए। सलोनी केसरवानी हाथ जोड़कर निवेदन करती है कि इस विपरीत समय का सामना एकजुट होकर करें और ईश्वर पर भरोसा रखें।