नाम : साहिल
अरोड़ा
पद : पार्षद (भाजपा)
मीरापुर, वार्ड-66, प्रयागराज
नवप्रवर्तक कोड :
71184249
परिचय
विगत काफी वर्षों से राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े साहिल अरोड़ा प्रयागराज के निवासी हैं. उच्च शिक्षित साहिल अरोड़ा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा से लेकर बी.कॉम तक की शिक्षा भी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से प्राप्त की है. स्वयं का व्यापार संभालने के साथ-साथ राजनीतिक क्षेत्र में भी सक्रिय साहिल अरोड़ा का निवास स्थान एवं कार्य क्षेत्र दोनों ही प्रयागराज है. आरम्भ से ही भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर राजनीति में प्रवेश कर वह वर्तमान में भी राजनीति के माध्यम से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं.
राजनीतिक पर्दापण
पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक होने के चलते साहिल अरोड़ा का रुझान भी राजनीति के माध्यम से समाज सेवा के कार्यों में ही रहा है. उनके पिता जी इलाहाबाद ट्रेडर्स एसोसिएशन में शहर व्यापार मंडल के अध्यक्ष रहे हैं. साथ ही वह मीरापुर वार्ड-66 से कॉर्पोरटर भी रह चुके हैं. उन्होंने भी भाजपा के सिद्धांतों से प्रभावित होकर मीरापुर वार्ड से पार्षद के लिए चुनाव में भागीदारी लेकर सफलता प्राप्त की है.
इसके बाद किसी कारणवश सीट सामान्य नही हो पाई, जिससे साहिल अरोड़ा को चुनाव लड़ने का अवसर प्राप्त नही हुआ. इसके बाद वर्ष 2017 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से उन्होंने पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा और सफलता की. वर्तमान में वह मीरापुर, वार्ड-66, प्रयागराज से पार्षद का पदभार संभाल रहे हैं.
सामाजिक अगुवाई
समाजहित की भावना से राजनीतिक मार्ग चुनने वाले साहिल अरोड़ा का सदैव से यही मानना रहा है कि सभी पार्षदों को अपने क्षेत्र की समस्याओं पर कार्य करना चाहिए. यदि सभी अपने वार्ड के कार्यों को लेकर जागरूक रहेंगे तो देश का भी स्वयं ही सुधार हो जाएगा.
उन्होंने कभी नौकरी को प्राथमिकता नहीं दी, जिसका कारण उनका पारिवारिक व्यापार रहा है. अपने व्यापार को सम्भालते हुए भी वह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं. उनका मानना है कि परिवार को समय देने के साथ-साथ समाज के लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए भी पर्याप्त समय देना पड़ता है. समाज कार्यों में उनकी निरंतर सहभागिता को देखते हुए स्थानीय जनता ने उन्हें राजनीति में शामिल होने के लिए समर्थन दिया.
प्रमुख क्षेत्रीय समस्याएं
मीरापुर वार्ड से पार्षद साहिल अरोड़ा का मानना है कि वार्ड की समस्याएं कभी समाप्त नही होती परन्तु उन पर समयानुसार ध्यान दिया जा सकता है. उनके वार्ड में सड़कों, गलियों, पार्कों, सीवर आदि से जुड़ी लगभग सभी समस्याओं पर विकास कार्य किया जा चुका है, परन्तु एक समस्या जो वार्ड में अभी तक बनी हुई है, वह स्वच्छता से संबंधित है.
उनके अनुसार कुछ वर्ष
पूर्व क्षेत्र में एक संस्था द्वारा डोर-टू-डोर कूड़ा ले जाने का कार्य किया जाता
था, परन्तु संस्था के बंद होने से लोग इधर-उधर कूड़ा फैला देते
हैं. जिसके कारण क्षेत्र में स्वच्छता का अभाव देखा जा सकता है.
संपन्न विकास कार्य
अपने कार्यकाल में साहिल अरोड़ा ने विगत 15-20 वर्षों से जर्जर हालत में पड़ी गलियों का निर्माण कार्य कराया, चूँकि यह गलियां घरों के पीछे बनी होती थी तो अक्सर इन्हें अनदेखा किया जाता रहा है. अभी तक उन्होंने काफी सारी गलियों का सुधार कराया है.
इसके अलावा मार्ग प्रकाश व्यवस्था को सुचारू करने के मंतव्य से उन्होंने क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट की भी सुविधा करायी और अभी भी कुछ इलाकों में स्ट्रीट लाइट का कार्य किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त उन्होंने मीरापुर वार्ड की मेन रोड पर साइड की सड़कों की इंटरलॉकिंग का कार्य कराया, जिसे वह अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में देखते हैं.
इसके साथ ही वह सभी लोगों को स्वच्छता व क्षेत्र में हरियाली का वातावरण रखने के लिए लोगों को जागरूक भी करते हैं. उनका मानना है कि एक स्वच्छ क्षेत्र से स्वच्छ वातावरण का निर्माण होता है. इसी मंतव्य से उन्होंने वार्ड में बहुत से पार्कों का नवीनीकरण भी कराया. उन्होंने पार्कों को फिर से हरा-भरा बनाने के ध्येय से पेड़-पौधे लगाए.
विकास कार्यों में बाधाएं
विकास कार्यों में साहिल
अरोड़ा के अनुसार सबसे बड़ी बाधा वह क्षेत्र में इंडियन ऑइल की पाइप लाइन को मानते
है, जो उनके क्षेत्र में ही आती है. उनका कहना है कि इंडियन ऑइल
कम्पनी द्वारा वहां विकास कार्य कराने की अनुमति नही है, जिसके कारण क्षेत्र का कुछ हिस्सा विकास कार्यों से वंचित रह जाता है.
इसके अतिरिक्त पार्षदों
के पास पर्याप्त बजट नही होता और उन्हें कोई वेतन, भत्ता भी प्राप्त नही हो
पाता, जिससे वह अपने अनुसार क्षेत्र में विकास कार्य करा सकें.
उन्हें महापौर व संबंधित अधिकारियों से बातचीत करने के बाद ही विकास कार्य कराने
पड़ते हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर राय
साहिल अरोड़ा के अनुसार निरंतर बढ़ती जनसंख्या व शिक्षा का गिरता स्तर देश की सबसे बड़ी समस्या है, जिसके लिए सरकार को कठोर नीतियों व नियमों का निर्माण करना चाहिए. वर्तमान में शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य है, शिक्षा किसी जाति-धर्म से संबंधित नही होती. सभी को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है. उनका मानना है कि इन समस्याओं पर उचित कार्यवाही करने से देश के विकास में प्रगति हो सकती है.