नाम – सादिया रफ़ीक
पद – पार्षद (निर्दलीय), तिलकनगर-कुंडरी, रकाबगंज वार्ड-34, लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड –
परिचय –
पत्रकारिता विषय से शिक्षा प्राप्त सादिया रफ़ीक राजनीति के क्षेत्र में सबसे युवा चेहरे के रूप में उभरकर सामने आयीं हैं. वह वर्तमान में लखनऊ के तिलकनगर वार्ड से निर्दलीय पार्षद के रूप में सेवाएं दे रही हैं. उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन तक शिक्षा प्राप्त की है. राजनीतिक पृष्ठभूमि से सम्बंध रखने वाली सदिया को राजनीति विरासत में मिली है तथा वह युवावस्था से ही सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी रही हैं. इसी कारण अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद से ही उन्होंने चुनाव में भागीदारी लेने का निर्णय लिया तथा उसमें जीत हासिल करते हुए वह क्षेत्र की सबसे युवा पार्षद चुनी गईं.
राजनीतिक पदार्पण
सादिया रफ़ीक का बचपन से ही राजनीतिक क्षेत्र की ओर रूझान रहा है. जिसका कारण उनके पिता व भाई दोनों का ही राजनीतिक क्षेत्र से संबंध होना रहा है. उनके पिता वर्ष 1989 में सभासद व भाई वर्ष 2012 में पार्षद रह चुके हैं. इसके बाद 2017 के नगर निगर चुनाव में महिला आरक्षित सीट होने के कारण सादिया रफ़ीक ने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए चुनाव लड़ा और अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की.
सामाजिक सरोकार
सादिया रफ़ीक के अनुसार, वार्ड के लोगों का उनके परिवार से काफी जुड़ाव होने के साथ ही उनसे काफी उम्मीदें भी हैं. जिसका कारण उनके पिता व भाई का समाज के प्रति लगाव होना रहा है. उनके मानना है कि जब उनके परिवार वालों के पास कोई राजनीतिक पद नही था. तब भी क्षेत्र के लोग उन्हीं के पास अपनी समस्याएं लेकर आते थे और उनका परिवार हमेशा से ही लोगों की सहायता करता रहा है. जनसेवा करते हुए उन्हें यह अहसास हुआ कि यदि कोई राजनीतिक पद होगा तो व्यापक स्तर पर लोगों की समस्याएं दूर की जा सकती हैं. इसके बाद क्षेत्र के लोगों का सहयोग और समर्थन मिलते ही वह राजनीति में आ गयी.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें
हाल ही में पार्षद चुनी गईं सादिया रफ़ीक का कहना है कि उनके भाई जो कि उनसे पूर्व क्षेत्र के पार्षद थे, उन्होंने अपने कार्यकाल में वार्ड में सड़क, सीवर आदि
पर काफी कार्य करवाया. वहीं क्षेत्र में जल व्यवस्था को सुधारने के लिए वार्ड में लगभग 95 पानी की टंकिया लगवायी, परन्तु 2017 के चुनावों में उनके वार्ड का दायरा बढ़ा
दिया गया है और इसमें जो नए क्षेत्र जुड़े हैं, उनकी स्थिति काफी खराब है. कई
क्षेत्र पानी, कूड़े व सीवर आदि समस्याओं से ग्रसित हैं. इसलिए उनका लक्ष्य नए
जुड़े क्षेत्रों से इन सभी समस्याओं से निजात दिलाना है.
राष्ट्रीय मुद्दों का अवलोकन
सादिया रफ़ीक के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान में मंहगाई सबसे अहम मुद्दा है. इसके अलावा दो- दो निवेशक समिट होने के बाद भी देश में बेरोजगारी कम नहीं हो रही. निरंतर बढ़ रहे पेट्रोल व डीजल के दामों और बेरोजगारी से लोग काफी परेशान हैं.
इसके अतिरिक्त सरकार को शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार करने की आवश्यकता है. सादिया रफ़ीक का मानना है कि सरकार योजनाएं तो अच्छी लेकर आती है, किन्तु वह जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो पाती. कागज पर बनीं योजनाओं को ज़मीन पर उतारने में यदि बीच में अधिकारियों व ठेकेदारों द्वारा भ्रष्टाचार न किया जाए, तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.