नाम – सचिन राम
पद – जिला परिषद प्रतिनिधि, सह-संयोजक (महादलित प्रकोष्ठ, भाजपा, बिहार)
नवप्रवर्तक कोड – 71190862
बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जो "मुँह में सोने की चम्मच" लेकर पैदा होते हैं। संघर्ष जीवन का एक हिस्सा है, जो व्यक्ति को नए सिरे से गढ़ता है, नव अनुभवों का उपहार देता है, गिर कर उठने की ताकत देता है और बड़ी से बड़ी हार से भी प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। बैलटबॉक्स के मंच पर आज हमारे साथ एक ऐसे ही राजनीतिक नवप्रवर्तक सचिन राम मौजूद हैं, जो भगवान बुद्ध की कर्मभूमि बिहार के आते हैं और छोटी सी आयु से लोककल्याण के जज्बे को साथ लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं।
बिहार की सकरा विधानसभा से एक लोकप्रिय युवा नेता के तौर पर सेवारत सचिन राम उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, जो वर्तमान में अनर्गल मुद्दों के बीच भटके हुए हैं। उन्होंने अपनी काबिलियत से क्षेत्र के लोगों के बीच आज एक चहेते नेता और निष्ठावान समाज सेवक का मुकाम हासिल किया है। आइए करीब से जानते हैं सचिन राम जी के जीवन, समाज सेवा के प्रति उनके जज्बे और उनके राजनीति सफर को..
संघर्षों में बिताया बचपन –
सचिन राम, जो भले ही राजनीति में लगभग दो वर्षों से ही सक्रिय हों, लेकिन वह बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए हैं। छात्र जीवन से ही उन्होंने आरएसएस के साथ जुड़कर समाज के प्रति संकल्पित होकर सेवा करने का जो प्रण लिया था, उस पर वह आज भी उसी दृढ़ इच्छा के साथ अडिग हैं और भाजपा के बैनर तले अपने विकास कार्यों को जारी रखे हुए हैं। वर्तमान में वह जिला परिषद प्रतिनिधि होने के साथ साथ बिहार प्रदेश के महादलित प्रकोष्ठ से सह-संयोजक का कार्यभार कुशलतापूर्वक संभाल चुके हैं।
सचिन राम का बचपन बहुत ही संघर्षों के साथ बीता, उनके पिताजी रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण किया करते थे। खुद सचिन राम ने भी स्कूली शिक्षा के दौरान खेतों में दिहाड़ी मजदूरी करते हुए इंटरमिडीएट तक शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने छात्र जीवन में ही अनुभव कर लिया था कि उन्हें अथक परिश्रम करके इन संघर्षों से विजय प्राप्त करनी है।
इसके उपरांत उन्होंने राजधानी दिल्ली जाकर एक प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी करते हुए अपने घर परिवार को संभाला। "धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।" इसी उक्ति को जीवन ध्येय बनाकर चलते हुए सचिन राम जी ने अथाह परिश्रम किया और सबसे पहले अपने घास-फूँस से बनी झोपड़ी को पक्का किया। उन्होंने अपने बलबूते पर अपने भाई-बहनों का विवाह किया, तब कहीं जाकर अपनी गृहस्थी बसाई।
प्रिंटिंग प्रेस के व्यवसाय को दी मजबूती -
विवाह के उपरांत सचिन राम ने बैंक से लोन लेकर मेरठ में अपनी खुद की एक छोटी सी प्रिंटिंग प्रेस का व्यवसाय शुरू किया, जिसमें बच्चों की पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएं, पेंपलेट इत्यादि का प्रकाशन किया जाता था। उन्होंने अपनी प्रिंटिंग प्रेस को मजबूती देते हुए आगे बढ़ाया और अपने परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया।
15 वर्ष की आयु में आरएसएस से जुड़ाव -
15 वर्ष की छोटी सी आयु में ही सचिन राम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे, जिसके माध्यम से उनके मन में समाज और राष्ट्र के प्रति कुछ बेहतर करने की प्रेरणा ने जन्म लिया। उन्होंने संगठन के राष्ट्रहित व युवा शक्ति के विकास के सिद्धांतों से प्रभावित होकर संगठन में सेवाएं देनी आरंभ की।
सचिन राम का मानना है कि,
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यक्ति में सामाजिक समरसता के भाव उत्पन्न करता है, इसके माध्यम से युवावस्था में ही व्यक्ति को अखिल भारतीय दृष्टि की व्यापकता का बोध होता है। सिद्धांत, अनुशासन और स्वावलंबन के साथ ही एक स्वयंसेवक कार्यकुशल होकर आजीवन राष्ट्र एवं समाज सेवा के भाव के साथ संगठित होकर आगे बढ़ता है।
भाजपा की सक्रिय सदस्यता -
सचिन राम का मानना है कि यदि वह नौकरी या व्यवसाय में तल्लीन रहकर आर्थिक रूप से मजबूत भी हो जाते, तो भी वह समाज के लिए तो कुछ बेहतर नही कर पाते। इसी के चलते उन्होंने अपने व्यवसाय को भी अपनी धर्मपत्नी के भरोसे छोड़कर खुद को राजनीति के क्षेत्र में समर्पित किया।
सेवा, समर्पण और संकल्प के अमृत भाव के साथ आगे बढ़ते हुए सचिन राम आज इसी ध्येय के साथ काम कर रहे हैं कि भारत सरकार की हर एक लाभकारी योजना को जरूरतमंद वर्ग तक पहुंचाया जा सके। जिससे राष्ट्र निर्माण के भाजपाई क्रम को संबल मिल सके, क्योंकि एक गांव के विकास का सीधा प्रभाव राष्ट्र के विकास को भी मिलता है।
विगत दो वर्षों से सचिन राम जी भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। वर्तमान में वह जिला परिषद प्रतिनिधि होने के साथ ही भाजपा बिहार प्रदेश के महादलित प्रकोष्ठ में सह-संयोजक के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही बिहार की सकरा विधानसभा में कार्यरत एवं निर्बाध क्षेत्र की सेवा से जुड़कर सचिन राम एक युवा भाजपा नेता के रूप में सेवाभाव की दिशा में कृत संकल्पित हैं।
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दे –
सकरा (सुरक्षित) विधानसभा, जहां से आने वाले विधानसभा चुनावों में सचिन राम ने चुनावों में उतरने का निर्णय लिया हुआ है। वहां उचित शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में वह काम करना चाहते हैं। उनके अनुसार हालांकि देश के यशस्वी पीएम मोदी जी के कुशल नेतृत्व में कोई भी क्षेत्र आज विकास से अछूता नहीं है, लेकिन अपने क्षेत्र की वंचित, दलित, अति पिछड़ी जनता के कल्याण के लिए वह भविष्य में योजनाबद्ध रूप से विकासरूपी प्रयासों की एक शृंखला शुरू करना चाहते हैं। सरकार की शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सभी योजनाओं को सचिन राम धरातल पर प्राथमिकता के साथ करना चाहते हैं।
सचिन राम कहते हैं कि हर वर्ग तक शिक्षा का प्रचार होना आज भारतीय समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है क्योंकि यदि हम शिक्षित नहीं होते तो समाज में अराजकता और भ्रष्टाचार जन्म लेता है। शिक्षित होने से हम अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरूक होते हैं और राष्ट्र निर्माण की दिशा में योगदान सुनिश्चित करते हैं।
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