नाम- रिजवान अंसारी
पद – जिलाध्यक्ष, तालीमी बेदारी, कानपुर
नवप्रवर्तक कोड –
परिचय –
समाज सेवक रिजवान अंसारी सामाजिक संगठन तालीमी बेदारी के कानपुर जिले के जिलाध्यक्ष हैं. यह संगठन शिक्षा के प्रचार- प्रसार के क्षेत्र में कार्य कर रहा है. इस संगठन के अंतर्गत वह जगह- जगह जाकर बच्चों तथा उनके अभिवावकों को शिक्षा के महत्व के बारे में बताते हैं तथा उनकी काउंसलिंग भी करवाते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्चे की शिक्षा के प्रति रूचि क्यों नहीं है. इन सबके अलावा इस संगठन के माध्यम से शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए बच्चों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है. इसके अतिरिक्त वे ऑल इंडिया मोमिन कांफ्रेस, कानपुर से नगर महासचिव के पद पर भी कार्यरत हैं.
संगठन का ध्येय –
करीब 10 महीने पहले इस संगठन से जुड़े रिजवान अंसारी का कहना है कि तालीमी बेदारी संगठन की स्थापना सन् 2015 में डॉ वसीम अख्तर अंसारी एवम् उनकी टीम के द्वारा अशिक्षित लोगों के बीच शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई थी.
संगठन को स्थापित करने के पीछे उनका ध्येय था, कि सभी लोग अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें तथा शिक्षा प्राप्ति के लिए गरीब बच्चों की हर संभव मदद की जाये. वर्तमान में यह संगठन इसी लक्ष्य के साथ 7-8 जिलों में सक्रियता से कार्य कर रहा है.
संगठनात्मक कार्य –
तालीमी बेदारी से जुड़ने के बाद रिजवान अंसारी ने 2 बच्चियों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाते हुए उनकी पूरे वर्ष की फीस जमा की तथा उनकी किताबों आदि की व्यवस्था भी की. इसके अलावा वह कई कोचिंग इंस्टीट्यूट वालों को भी अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं तथा वर्तमान में वह तीन छात्रों को निःशुल्क कोचिंग भी पढ़वा रहे हैं. वहीं वह अपने संगठन के द्वारा सरकारी नीतियों तथा शिक्षा संबंधी जानकारियों को सोशल साइट्स के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का कार्य भी करते हैं.
भावी परियोजनाएं –
रिजवान अंसारी के अनुसार वह कानपुर में अपना एक कार्यालय खोलना चाहते हैं, जहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों की निःशुल्क काउंसलिंग करवायी जायेगी तथा उनकी योग्यता और रूचि के अनुसार उन्हें निःशुल्क फार्म भी भरवाया जायेगा. इसके अलावा अगले वर्ष तक उनका लक्ष्य कम से कम 20 छात्रों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाना है.
सामाजिक कार्यों में बाधाएं –
कुछ समय पहले ही संगठन से जुड़े रिजवान अंसारी का कहना है कि किसी भी अच्छे कार्य में लोगों को जोड़ने से पहले उन्हें विश्वास दिलाना काफी मुश्किल होता है. इसके अलावा अभी उनके पास फंड का भी अभाव है, हालांकि इसके लिए नीतियां बनायी जा चुकी हैं, कि भविष्य के लिए कहां से व कैसे फंड जुटाना है.
नीति- परिवर्तन पर विचार –
रिजवान अंसारी के अनुसार, वह किसी भी पार्टी या राजनेता के समर्थक नहीं है, किन्तु वह अरविन्द केजरीवाल की शिक्षा संबंधी नीतियों से काफी प्रभावित हैं तथा उनका मानना है कि जिस प्रकार उन्होंने शिक्षा- व्यवस्था में सुधार किया है, उसी प्रकार हर राज्य, हर शहर में सुधार किया जाये. वहीं सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए सरकार को बजट में इसके लिए अलग से प्रावधान करना चाहिए.
सामाजिक परिवर्तन पर विचार –
शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए सामाजिक परिवर्तन पर रिजवान अंसारी का कहना है कि समाज व्यक्तियों से मिलकर बनता है और इसके सुधार में एक-एक व्यक्ति की सोच महत्व रखती है. हमारे यहां कुछ लोगों की धारणा यह है कि बच्चों को पैसा कमाने के लिए कम उम्र में ही काम पर बैठा दो, क्योंकि उन्हें भविष्य में यही करना है.
उनका मानना है कि हमें लोगों की इस सोच को बदलना होगा, क्योंकि अगर बच्चे पहले पढ़ेंगे तो भविष्य में और अधिक पैसे कमा पायेंगे और ज्यादा सफल होंगे. इसके अलावा यदि बच्चे शिक्षित होंगे तो वह भविष्य में देश और समाज को आगे बढ़ाने में भी अपना योगदान दे सकेंगे.