नाम – रविदास मेहरोत्रा
पद- पूर्व विधायक व परिवार कल्याण मंत्री (सपा), लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड -
सन् 1975 में आपातकाल के समय हुए विद्रोह ने एक प्रभावशाली एवं ओजस्वी व्यक्तित्व वाले राजनीतिज्ञ को जन्म दिया, जिनका नाम था रविदास मेहरोत्रा. आपातकाल के खिलाफ तत्कालीन सरकार का विरोध करते हुए वह जेल गये और जेल से वापस लौटते ही उनका राजनीतिक सफर शुरू हो गया, जहां से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. सपा सरकार में विधायक व कैबिनेट मंत्री रह चुके रविदास मेहरोत्रा एक ओर जहां लम्बी- चौड़ी राजनीतिक पारी खेल चुके हैं, वहीं अपने राजनीतिक सफर में मंहगाई, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों के खिलाफ संघर्ष करते हुए उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं.
जीवन परिचय –
करीब 43 साल पहले राजनीति में कदम रखने वाले रविदास मेहरोत्रा समाजवादी पार्टी एक अनुभवी एवं जाने- माने राजनेता हैं. उनका राजनीतिक कार्यक्षेत्र उत्तर- प्रदेश की राजधानी लखनऊ है तथा वह लखनऊ मध्य क्षेत्र से सपा विधायक रह चुके हैं.
वह वर्तमान में लोक सेनानी कल्याण परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. रविदास जी ने बी.एस.सी. करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से वकालत (एल.एल.बी.) की पढ़ाई की है. लम्बे अरसे से समाजवादी पार्टी से जुड़े रविदास जी के राजनैतिक जीवन में काफी उतार- चढ़ाव रहे, लेकिन उन्होंने हमेशा पार्टी को प्राथमिकता दी और इसकी विचारधारा को लेकर आगे बढ़ते हुए कार्य करते रहे.
राजनीतिक पदार्पण –
छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रविदास मेहरोत्रा ने अब तक कई राजनीतिक पदों पर कार्य किया है. उन्होंने जयनारायण महाविद्यालय के छात्रसंघ उपाध्यक्ष के रूप में अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत की. इसके बाद वह लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के महामंत्री भी निवार्चित हुए. 1977 में वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए.
सपा में रहकर उन्होंने प्रदेश महासचिव के पद पर कार्य किया. इसके अलावा वह पार्टी से तीन बार विधायक भी चुने गये. वहीं वह सन् 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार में परिवार कल्याण कैबिनेट मंत्री के पद पर भी कार्य कर चुके हैं. वर्तमान में भी वह राजनीतिक स्तर पर काफी सक्रिय हैं तथा व्यापार महासंघ व लोकसेनानी कल्याण परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं. इसके अलावा वह अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा नामक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.
समाज सेवा सर्वोपरि –
बहुत कम उम्र में राजनीति में कदम रखने वाले रविदास जी ने अपना सारा जीवन समाज और राजनीति को समर्पित कर दिया. जीवन में समाज सेवा को सर्वोपरि मानने वाले रविदास जी मन में जनसेवा की भावना के चलते बिना घर- परिवार के बारे सोचे समाज के लिए कार्य करने लगे. समाजसेवा के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने व समाज की स्थिति में सुधार करने के उद्देश्य ने उन्होंने इस क्षेत्र में कदम रखा और करीब 43 साल बाद भी वह इसी उद्देश्य के साथ अपने इस दिशा में अनवरत आगे बढ़ रहे हैं.