नाम : रमेश चंद्र मिश्रा
पद : पार्षद (भाजपा), चौखंडी, वार्ड-74, प्रयागराज
नवप्रवर्तक कोड़ : 71184222
परिचय
लम्बे वर्षों के अनुभव के साथ राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े रमेश चंद्र मिश्रा प्रयागराज के निवासी हैं. उच्च शिक्षित रमेश चन्द्र ने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की है. इसके अतिरिक्त वह कॉलेज के समय से ही अध्यक्ष पद पर रहते हुए राजनीति में सक्रिय रहें हैं. उन्होंने छात्र राजनीति से ही राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया था. उनके साथ ही वर्ष 1995 से उनकी पत्नी भी पार्षद रह चुकी है और वर्तमान में रमेश चंद्र चौखंडी, वार्ड-74, प्रयागराज से पार्षद पद पर अपनी सेवाएं दे रहें हैं.
राजनीतिक पर्दापण
पार्षद के पद पर कार्यरत रमेश चंद्र ने छात्र जीवन से ही राजनीतिक सफ़र की शुरुआत की थी, और उन्होंने अपने कॉलेज के सभी आंदोलनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. वर्ष 1995 में हुए नए यमुना पुल के निर्माण के लिए उन्होंने 14 दिनों तक अनशन भी किया. वह उस समय गौ घाट से पार्षद भी थे. उनकी कभी भी नौकरी व व्यवसाय करने की इच्छा नही रही. समाज के लोगों की सेवा करने की प्रवृति उनमें युवावस्था से ही रही है.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें
उनके अनुसार वर्ष 2001 में प्रयागराज में कुम्भ हुआ था, जिसमें सरकार द्वारा भ्रस्टाचार युक्त विकास कार्य किए गये. इस बार भी अर्धकुम्भ प्रयागराज में हुआ जिसे कुम्भ का नाम दिया गया और विभिन्न विदेशी सैलानी आने के चलते विकास के मंतव्य से बहुत से कार्य किए गए. परन्तु सभी कार्य बाहरी रूप से किए गए सभी सड़कों को चमका दिया गया. अंदर की सभी गलियों की स्थिति बेहद ख़राब है. जिस पर किसी ने गौर नही किया. इसके लिए काफी बार शिकायत पत्र भी हमारी ओर से भेजे गए हैं. जिन पर अभी तक कोई कार्यवाही नही की गयी. कुम्भ के चलते जिन सड़कों का निर्माण किया गया वह सभी आज बदतर हालत में हैं.
संपन्न विकास कार्य
रमेश चंद्र के अनुसार आम
जनता की भांति वह भी विकास कार्यों के लिए अधिकारियों पर दबाव डालते हैं, किन्तु
तब भी विकास कार्य संपन्न नही हो पाते. जिसका कारण राज्य सरकार का स्वयं में सुधार
नही करना है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारधारा
रमेश चंद्र का मानना है कि वर्तमान में राष्ट्रीय परिदृश्य को देखते हुए आज मध्यम वर्गीय लोगों पर आर्थिक रूप से बहुत असर पड़ा है. आज स्थिति यह हो गयी है कि कोई भी अपना पैसा बैंक में जमा नही करना चाहता क्योंकि बैंक से पैसा निकालने जाते है तो हजार सवाल उनसे पूछे जाते हैं. बैंक में व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जिससे जनता को राहत प्राप्त हो सके.