नाम : राम नारायण निषाद
पद : जोन इंचार्ज, कानपुर मंडल (बसपा)
नवप्रवर्तक कोड : 71183109
परिचय -
निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने वाले राजनीतिक नवप्रवर्तक राम नारायण निषाद जी युवावस्था से ही राजनीति से जुड़े हैं. मात्र 22 वर्ष की आयु में स्नातक करने के उपरांत ग्राम प्रधान के रूप में कार्य किया. 1995 में जब वह राजनीति में आये तो उन्होंने देखा कि राजनेताओं को उचित सम्मान नहीं दिया जाता है, जिसका कारण उनका ईमानदारी से कार्य ना करके जनता का भरोसा तोड़ देना होता है. इसीलिए उन्होंने राजनीति क्षेत्र में अथक परिश्रम किया तथा कानपुर शहर में पिछले 25 सालों में बहुत से पदों पर कार्य किया है.वे चाहते हैं कि समाज में कर्मठ एवं साफगोई के साथ कार्य करने वाले नेताओं को अवसर मिले, जिससे राजनीति विकास का जरिया बन सके.
राजनीतिक अनुभव -
राजनीति करियर की शुरुआत से ही राम नारायण जी बहुजन समाजवादी पार्टी से जुड़कर कार्य कर रहे हैं. वर्ष 1995 में ग्राम प्रधान रहने के पश्चात 1998 में जिले के संगठन मंत्री भी रह चुके हैं. बसपा के साथ मिलकर आज तक राम नारायण जी समाज की सेवा राजनीतिक पद के माध्यम से कर रहे हैं. जिला महामंत्री, ग्राम प्रधान, जिलाध्यक्ष, कल्यानपुर विधानसभा प्रभारी रहते हुए सामाजिक और राजनीतिक कार्य किये. उनकी पार्टी लगातार आगे बढ़ते हुए समाज में बदलाव के माध्यम से आज भाजपा की लहर को चुनौती दे रही है.
प्रमुख विकास कार्य -
राम नारायण जी बिना किसी स्वार्थ के लोगों की सहायता करना चाहते हैं. ग्राम
प्रधान के पद पर रह कर उन्होंने 5 ग्रामों तक बिजली, पानी एवं स्वास्थ से
जुड़ी सभी सुविधाएं प्रदान की. उन्होंने अभी तक के अपने राजनीतिक कार्यकाल में स्वास्थ
सुविधा मुहैया कराने, सड़कों का नवीनीकरण करने जैसे कईं कार्य किये. राम नारायण जी जाम
को शहर का प्रमुख मुद्दा मानते हैं. इस पर भी वह जल्द ही नीति बनाना चाहते है, जिससे
क्षेत्र को इस समस्या से निजात मिल सके.
भारत के प्रमुख मुद्दों पर विचारधारा -
राम नारायण जी भारत देश में समता रूपी न्यायव्यवस्था पर आधारित समाज की स्थापना चाहते हैं. वे जाति भावना को बिल्कुल भी तवज्जो नहीं देते हैं. वे चाहते हैं कि देश साम्प्रदायिकता से परे रहकर विकास की और अग्रसर हो. बेरोजगारी को भी विकासकार्य में बाधा मानते हैं और चाहत्ते हैं कि युवाओं को रोजगार के नए अवसर दिए जाए. राम नारायण जी का मानना है कि लोग मीडिया में आकर भाषण देना पसंद करते हैं, लेकिन उन चार लाइनों से देश का भला नहीं हो सकता. असल विकास हेतु जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है.