नाम : राजेश वर्मा
पद : लोकसभा सांसद, सीतापुर, उत्तर प्रदेश
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बेहद अनुभवी एवं प्रतिभावान राजनीतिज्ञ राजेश वर्मा जी अपने लम्बे राजनीतिक सफ़र में बहुत सी जिम्मेदारियों का वहन कर चुके हैं, सीतापुर जैसे पिछड़े व अल्पविकसित जिले को राजेश जी अपने कार्यकाल के दौरान न केवल कुशल रूप से विकसित किया, अपितु अपने अबाध समर्पण और संकल्प के चलते वे जिले में निरंतर विकास योजनाओं का लाभ लेकर कार्य कर रहे हैं. केवल राजनीतिक फ्रंट पर ही नहीं बल्कि समाज की बेहतरी के लिए भी राजेश जी पूर्णत: संकल्पित होकर कार्यरत है.
जीवन परिचय :
सीतापुर जिले से भाजपा की सीट से सांसद राजेश वर्मा जी राजनीति में एक लम्बी पारी खेल चुके हैं, बतौर सांसद लखनऊ की राजनीति पर उनकी गहन पकड़ है. सर्वप्रथम वर्ष 1999 में वे बसपा की सीट से सांसद रहे, इसके उपरांत वर्ष 2004 में वे बसपा के संसदीय दल के नेता और सांसद के पद पर कार्यरत रहे. उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन में बहुत से पदों को संभाला है. वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग मोर्चा (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के पद के साथ साथ सांसद भी हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक और कानपुर यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट राजेश जी वर्तमान में भाजपा दल से जुड़कर उत्तर प्रदेश के तकरीबन 55 प्रतिशत पिछड़े वर्ग को पार्टी के साथ मिलाने का कार्य कर रहें हैं, जिसमें उन्हें लगातार सफलता भी प्राप्त हो रही है.
सामाजिक अगुवाई :
राजेश जी का मानना है कि सामाजिक कार्य करने की भावना प्रत्येक व्यक्ति के मन में होती है. उनके मन में भी समाज के प्रति उत्तरदायित्वों की भावना बहुत अधिक है. वें व्यवसाय भी कर रहे हैं, परन्तु उनका मुख्य ध्येय राजनीति के माध्यम से जनता की सेवा करना था, जिसके लिए वें अथक परिश्रम के जरिये तीन बार लोकसभा सांसद के रूप में मनोनीत हुए और यह लोगों का समर्थन, सहयोग और उनके प्रति अटूट विश्वास ही था, जिसने उन्हें सीतापुर कार्यक्षेत्र में बने रह कर लोगों की सेवा करने का अवसर दिया. समाज में धार्मिक सद्भावना को बढ़ाने के लिए भी वे अक्सर क्रियाशील रहते है और विभिन्न उपागमों के माध्यम से मजहबी एकता को बनाये रखने का प्रयास करते हैं.
सीतापुर जिले का विकास :
राजेश जी के प्रथम बार सांसद बनने के समय पर सीतापुर एक बेहद पिछड़ा हुआ इलाका था, जिसका धीरे धीरे विकास राजेश जी ने अपने कार्यकाल के दौरान किया. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की दृष्टि से जिले को संवारने का प्रयत्न लयबद्ध तरीके से किया. अग्रलिखित विकास कार्यों द्वारा राजेश जी ने विकास योजनाओं को फलीभूत किया.
शिक्षा का स्तर सुधारा -
वर्ष 1999 में सीतापुर जिले में केवल 3 कॉलेज हुआ करते थे, जिसके कारण छात्रों को शिक्षा के लिए पलायन करना पड़ता था. इस व्यवस्था के चलते क्षेत्र की बालिकाएं उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो जाया करती थी. वर्तमान समय में राजेश जी ने क्षेत्र में तीस से पैंतीस डिग्री कॉलेजों की स्थापना करवाई, जिसके माध्यम से सुदूर क्षेत्रों के विद्यार्थी और खासकर बालिकाएं आज उच्च शिक्षा प्राप्त कर जिले का गौरव बढ़ा रही हैं.
सड़कों का विकास -
इसके अतिरिक्त प्रथम बार सांसद के रूप में मनोनीत होने के बाद से ही उनका प्रथम लक्ष्य जिले की सड़कों को लेकर कार्य करना रहा है, जिसके अंतर्गत उन्होंने प्रधानमंत्री आम सड़क योजना, सेंट्रल रोड फण्ड, राज्य सरकार को पत्र लिखकर तथा अन्य कई माध्यमों से सड़कों के विकास का कार्य किया. प्रमुख जिला मार्गों को केन्द्रीय सड़कों से जोड़ने के लिए उन्होंने करोड़ों रूपयें खर्च किये. वर्तमान में भी जिले में तकरीबन 250 करोड़ की सड़कों के निर्माण का कार्य चल रहा है.
स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी -
राजेश जी के अनुसार उनका क्ष्रेत्र नदी तराई बेल्ट में स्थापित है, जिस कारण सुदूर ग्रामीण इलाकों में चिकित्सकीय सुविधाओं का प्राय: अभाव रहता था. इसके लिए उन्होंने संसद में आवाज उठाई, राज्य सरकार को पत्र लिखे तथा स्वयं भी भरसक प्रयत्न किया, जिससे आज क्षेत्र में कईं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व्याप्त हैं. गरीबों को चिकित्सा की सुविधाएं प्राप्त कराने के लिए सरकार चिकित्सा बीमा योजना के माध्यम से आधार लिंक कराकर जो सुविधा मुहैया कराने का प्रावधान ला रही है, उसका भी राजेश जी खुले दिल से स्वागत करते है.
मीरानगर गांव का विकास -
भाजपा मूल रूप से राष्ट्रवादी पार्टी के तौर पर जानी जाती है, इसी कारण राजेश जी ने स्वतंत्रता सेनानियों के इस गांव को मुख्य रूप से विकास कार्य के लिए चुना. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत उन्होंने गांव के प्रत्येक मजरे को बिजली उपलब्ध करवाई. यहां पेयजल की दिक्कतों को देखते हुए वाटर टैंक की स्थापना भी उन्होंने की तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना करके क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा करवाया.
कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र में विकास योजनाएं -
सीतापुर जिले में गन्ना उत्पादन अत्याधिक है, जिस कारण उन्होंने चीनी मिलों को विकसित किया, जिससे कृषक गन्ने की फसल के माध्यम से आर्थिक रूप से उन्नत हो सकें. साथ ही राजेश जी क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी को भी पत्र लिख चुके हैं, इस दिशा में उन्होंने केंद्रीय सडकों के विकास कार्य को प्रगति देनी भी शुरू करदी है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारधारा :
राजेश जी कहते हैं कि भारत मेक इन इंडिया के माध्यम से आज लगातार उन्नति कर रहा है, पहले जो दूसरे देशों पर निर्भरता थी, अब वह काफी हद तक कम हो चुकी है. वर्तमान में देश आत्मनिर्भर बनने की राह पर चल रहा है. विदेशी व्यापारी अब भारत में अधिक इन्वेस्ट कर रहे हैं जो देश के विकसित होने की प्रक्रिया की ओर एक इशारा है. देश की गरिमा बढ़ाने के लिए पीएम लगातार संघर्षरत हैं, इसलिए देशवासियों को भी उनका सहयोग करना चाहिए.
राजेश जी भ्रष्टाचार को भी देश का अहम मुद्दा मानकर चलते हैं, उनका कहना है कि प्रधानमंत्री जी आज देश को एक नए विकसित मुकाम पर पहुँचने का निरंतर प्रयत्न कर रहे हैं, परन्तु भ्रष्टाचार के कारण असल लाभ जनता तक नही जा पाता, जिससे देश विकास की दिशा में आगे नहीं बढ़ पाता. उनका मानना है की इसके लिए जनता और सरकार को संयुक्त प्रयास करने होंगे, तभी देश प्रगति कर पायेगा.
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत :
भारतीय सीमाओं की सुरक्षा को राजेश जी सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानते हैं. चीन, पाकिस्तान आदि पड़ोसी देशों से देश की सीमाओं की सुरक्षा उचित तौर पर होनी चाहिए, तभी विकसित देश का स्वप्न पूरा हो सकता है. इसके अतिरिक्त भारत में विश्व के अन्य देशों की तुलना में सर्वाधिक युवा है, यदि उन्हें स्वावलंबी, आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से दक्ष, रोजगारपरक शिक्षा से परिपूर्ण किया जाए तो देश निश्चित ही विश्व पटल पर एक स्वर्णिम छाप छोड़ने में सफल हो सकता है.