नाम : राजेश
पद : पार्षद प्रतिनिधि (भाजपा), बेनीगंज, वार्ड-56(प्रयागराज)
नवप्रवर्तक कोड़ : 71184388
परिचय
राजेश भारतीय जनता पार्टी
से सक्रिय नेता हैं. वह प्रयागराज (उ.प्र.) के निवासी हैं और विगत कई वर्षों से पार्टी
के माध्यम से समाज सेवा का कार्य कर रहे हैं. पोस्ट ग्रेजुएट तक शिक्षित राजेश ने
अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए समाजहित के लिए कार्य करने आरंभ किए. वह जनसमर्थन
से दो बार पार्षद पद पर सेवाएं दे चुके हैं. वर्तमान में महिला सीट होने के चलते उनकी
भाभी सरस्वती देवी प्रयागराज के वार्ड – 56, बेनीगंज से पार्षद हैं और राजेश वार्ड के पार्षद प्रतिनिधि के रूप में स्थानीय
विकास कार्यों में अहम भूमिका निभा रहे हैं. सामाजिक क्षेत्र से जुड़ने के बाद से
वह सेवा कार्यों में ही अधिकतर संलग्न रहते हैं.
सामाजिक अगुवाई
लम्बे अरसे से राजनीतिक
क्षेत्र में सक्रिय राजेश का कहना है कि शुरू से ही उन्हें जनसेवा के कार्यों में
रूचि रही है. उन्होंने शिक्षा प्राप्त कर 4 वर्ष तक नौकरी भी की परन्तु स्थानीय
लोगों व दबे-कुचले वर्ग का शोषण होते देख उन्होंने नौकरी त्याग कर जनहित कार्यों
में संलग्न रहना आरंभ कर दिया. उनका मानना है कि जनता की सेवा करना उनका पहला
कर्तव्य है.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें
जलनिकासी की समुचित
व्यवस्था नहीं होना राजेश अपने वार्ड की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक मानते हैं, उनके अनुसार क्षेत्र में लोगों ने अवैध नाले के निकट दीवार बना रखी है, जिसके कारण नाले का मलबा निकालने की जगह नही होती, इसी वजह से यहां जल की निकासी की व्यवस्था नही है. जिसके कारण
बरसात के समय जलभराव की स्थिति से स्थानीय जनता को जूझना पड़ता है. इसके अतिरिक्त
संपन्न विकास कार्य
महापौर के प्रयासों की
सराहना करते हुए राजेश कहते हैं कि उनके सहयोग से क्षेत्र में काफी विकास कार्य
पूर्ण हो पाए हैं. उन्होंने पेयजल की उचित व्यवस्था करने हेतु 2 ओवरटैंक लगवाएं.
साथ ही मार्ग प्रकाश की उचित व्यवस्था हेतु एल.ई.डी लाइट लगवाई. इसके अतिरिक्त
सीवर नालों का कार्य चलने के कारण सड़कें जगह-जगह से खोद दी गयी हैं, उन सडकों का निर्माण कार्य भी साथ-साथ चल रहा है. अपने कार्यकाल
में उन्होंने अब तक वार्ड में कई सड़कों का निर्माण कराया है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार
राजेश के अनुसार वर्तमान
समय में सरकार को राजनीतिकरण में सुधार लाने की आवश्यकता है. उनका मानना है कि आज
पैसों के माध्यम से राजनीति में प्रवेश करने के लिए टिकट प्राप्त होता है, जिसके पास पैसा है, उसी के लिए राजनीति बनी है. यह
व्यवस्था खत्म होनी चाहिए. यदि इस व्यवस्था में सुधार आ जाता है तो दबे-कुचले
वर्गों को भी राजनीति के माध्यम से क्षेत्र के विकास कार्य करने का अवसर प्राप्त
होगा.