नाम – प्रमोद सिंह राजन
पद – पार्षद प्रतिनिधि (भाजपा), काल्विन कॉलेज निशातगंज वार्ड - 41, लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड – 71183549
परिचय –
पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेई की कविताओं, भाषणों और विचारों से प्रेरित होकर राजनीति में कदम रखने वाले प्रमोद सिंह राजन भारतीय जनता पार्टी के नेता व कार्यकर्ता हैं. वह लखनऊ के रहने वाले हैं तथा वह कालविन कॉलेज निशातगंज वार्ड से पार्षद भी रह चुके हैं. वर्तमान में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विनीता प्रमोद सिंह राजन निषातगंज वार्ड से पार्षद हैं तथा प्रमोद सिंह राजन उनके साथ मिलकर वार्ड के पार्षद प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहे हैं. वह एक जन सुलभ एवं सामाजिक नेता हैं जो कि स्थानीय विकास के क्रम में संलग्न रहते हैं.
राजनीतिक पदार्पण –
प्रमोद सिंह राजन के अनुसार, कॉलेज के दिनों में में अटल जी के व्यक्तित्व से प्रेरित व उत्साहित होकर वह छात्र जीवन से ही राजनीति में आ गए थे. वहीं शुरू से ही समाजसेवा की दिशा में उनकी सक्रियता ने भी निकाय चुनाव तक उनका सफर तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
लोगों की समस्याओं को सुनते वक्त उन्हें जब यह आभास हुआ
कि किसी पद पर रहने के बाद आम जन के लिए कार्य करना सुगम हो जाता है, तो उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया. इसके बाद 2012 में उन्होंने
भाजपा के टिकट से पार्षदी का चुनाव लड़ा तथा उसमें विजयी भी रहे. इसके बाद 2017 के
चुनावों में उनकी पत्नी ने चुनावों में भागीदारी की तथा जनता ने उन्हें भी अपना समर्थन प्रदान करते
हुए पार्षद बनाया.
राजनीति, व्यापार और परिवार में सांमजस्य-
राजनीति को जनसेवा का प्लेटफार्म मानने वाले प्रमोद सिंह राजन के अनुसार उनका अपना निजी व्यवसाय है, क्योंकि वह राजनीति को पैसा कमाने का जरिया नहीं मानते. अपना व्यापार वह अपने भाई व अन्य सहयोगियों के माध्यम से चलाते हैं. इसके अलावा उनका मानना है कि राजनीति करने के लिए परिवार का सहयोग होना बेहद आवश्यक है, क्योंकि राजनीति व्यस्तता का क्षेत्र है. उनके माता- पिता व पत्नी ने हमेशा इस क्षेत्र में उनका साथ दिया व उन्हें प्रोत्साहित करके आगे बढ़ाने का कार्य किया. प्रमोद सिंह राजन के अनुसार, उनकी पत्नी स्वयं लोगों के बीच जाकर वार्ड की समस्याओं से रूबरू होती हैं.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें -
2012 में पहली बार पार्षद चुन कर आये प्रमोद सिंह राजन का कहना है कि एक पार्षद के रूप उन्हें एक बीमारू वार्ड मिला था. वार्ड के विभिन्न मोहल्लों में जलभराव की विकराल की समस्या थी, जिनमें कमर तक पानी भरा रहता था. उन्होंने पार्षद निर्वाचित होने के एक वर्ष के भीतर ही बादशाहनगर समेत अन्य मोहल्लों में बड़े पैमाने पर जल निकासी का कार्य करवाया.
इसके अलावा उनके वार्ड के अतर्गत आने वाली
पुलिस लाइन में सीवर, पानी व सड़क आदि व्यवस्थाओं को दुरूस्त करवाया. उनके
कार्यकाल के पहले वार्ड में मात्र 2 समर सेविल था, प्रमोद जी ने जिनकी संख्या
बढ़ाकर 40 तक कर दी. वहीं उन्होंने अपने वार्ड में जगह- जगह मार्ग प्रकाश,
ट्यूबवेल, सीवर आदि की व्यवस्था की तथा उनके तथा उनके सहयोगियों के अथक प्रयासों के
परिणामस्वरूप लखनऊ के 110 वार्डों में से उनके वार्ड को लखनऊ का पहला सीवर फ्री
जोन घोषित किया गया.
भावी योजनाएं –
प्रमोद सिंह राजन अपनी पत्नी के साथ मिलकर वार्ड के विकास का कार्य कर रहे हैं. उनके अनुसार, इस वार्ड में भी जल निकासी एक अहम समस्या है, जिसके समाधान के लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं. उनका मानना है कि यदि वह इस वार्ड से जलनिकासी की समस्या खत्म कर पाए तो यह उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. इसके अलावा उन्होंने निषातगंज वार्ड में कूड़े की समुचित व्यवस्था करवाने, एललीडी लाइट्स के जरिए मार्ग प्रकाश व्यवस्था करवाने तथा अमृत योजना के अंतर्गत भी जनता को पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य करवा रहे हैं.
इसके अलावा उनके वार्ड में पार्कों को शादियों का मैदान बना दिया गया था,
जिससे पार्कों में गंदगी फैल जाती थी. उन्होंने इसे रूकवाकर पार्कों के सौंदर्यीकरण का कार्य करवाया. प्रमोद सिंह राजन के अनुसार, आने वाले एक- दो वर्षों में निषातगंज की
सभी मूलभूत समस्याओं का समाधान करना ही उनका लक्ष्य है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार –
वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों को देश के विकास में अभूतपूर्व व ऐतिहासिक मानने वाले प्रमोद सिंह राजन आतंकवाद और शिक्षा को देश का प्रमुख मुद्दा मानते हैं. उनका कहना है कि यदि पिछली सरकारों ने इस दिशा में कठोर कदम उठाए होते तो आज देश इस स्थिति में नहीं होता. वहीं उनका मानना है कि यदि देश का किसान और जवान मजबूत होगा तभी देश मजबूत होगा, इसलिए किसानों को ऋणमाफी नहीं बल्कि अच्छी योजनाओं के माध्यम से उन्नत बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए.
प्रमोद सिंह राजन सामाजिक समानता के पक्षधर हैं तथा उनका मानना है कि राजनीति में जातिवाद और सांप्रदायिकता खत्म होनी चाहिए तथा इसके लिए सभी नागरिकों के नाम से उनकी जाति हटाकर सभी के लिए किसी एक ही सरनेम का प्रयोग होना चाहिए. तभी जातिवाद का अन्त संभव है. इसके लिए कुशल नेतृत्व की आवश्यकता है तथा यह कार्य वर्तमान प्रधानमंत्री देश के घर- घर में बिजली, गैस आदि पहुंचाकर बखूबी कर रहे हैं.