नाम – ओमप्रकाश वाल्मिकी
पद – पूर्व पार्षद, वार्ड -4, ग्वालटोली, कानपुर
नवप्रवर्तक कोड –
परिचय –
सामाजिक एकता की लड़ाई लड़ते हुए राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले
ओमप्रकाश वाल्मिकी कानपुर के ग्वालटोली वार्ड से पूर्व पार्षद रह चुके हैं.
सामाजिक क्षेत्र में सक्रियता के बावजूद वह किसी राजनीतिक पार्टी के संपर्क में
नहीं हैं. हालांकि शुरूआत में वह कांग्रेस से जुड़े हुए थे, लेकिन वर्तमान में वह
निर्दलीय ही चुनाव लड़ना पसंद करते हैं. इसके साथ ही ओमप्रकाश जी उ.प्र. वाल्मिकी
पंचायत महासभा के संस्थापक भी हैं. जिसके अंतर्गत वह लोगों की सहायता के लिए कई
कार्य करते रहे हैं.
राजनीतिक पदार्पण –
लगभग 40 वर्षों से राजनीति में सक्रिय ओमप्रकाश जी ने अपने जीवन का ज्यादातर समय
समाजसेवा को ही समर्पित किया है. समाज के दबे- कुचले, गरीब वर्ग के प्रति सहानुभूति
व अपनत्व की भावना के चलते वह शुरू से ही लोगों के लिए कुछ करना चाहते थे. इसी
उद्देश्य के साथ उन्होंने 1981- 82 में राजनीतिक क्षेत्र में पदार्पण किया.
जनसेवा करते हुए वह सर्वप्रथम कांग्रेस पार्टी से जुड़े तथा कई वर्षों तक
पार्टी के लिए पूरी कर्मठता से कार्य भी किया. किन्तु कांग्रेस से पार्षदी का टिकट
न मिलने के कारण उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. सन् 2012 में
उन्होंने ग्वालटोली से न सिर्फ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, बल्कि
उसमें सफलता भी हासिल की.
क्षेत्रीय मुद्दे –
ग्वालटोली (वार्ड – 4) के प्रमुख मुद्दों पर ओमप्रकाश जी का कहना है कि उनके
वार्ड से कानपुर नगर का एक बड़ा नाला जुड़ा हुआ है, जिससे वार्ड में गंदगी व
प्रदूषण फैलता है. इसके लिए अपने कार्यकाल में उन्होंने काफी प्रयास किया. इसके
अलावा वार्ड में जलभराव की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है. वहीं गरीबों के शोषण को
ओमप्रकाश जी सिर्फ वार्ड ही नहीं राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख मुद्दों में से एक मानते
हैं.
प्रमुख कार्य –
सन् 2012 से 2017 के बीच अपने पांच वर्षीय पार्षदी के कार्यकाल में ओमप्रकाश
जी ने वार्ड में कई छोटे– बड़े विकास कार्य करवाए. जिसके अंतर्गत उन्होंने अपने
वार्ड की मलिन बस्तियों का नाम महर्षि वाल्मिकी नगर कराया. साथ ही मलिन बस्तियों व
वहां रहने वाले लोगों तक सभी सरकारी योजनाओं को पहुंचाने का कार्य किया.
वहीं अपने कार्यकाल में उन्होंने वार्ड में शौचालय व स्नानघर का भी निर्माण
कराया. साथ ही तमाम विरोध के वाबजूद क्षेत्र में फलदार बाग का वृक्षारोपण भी किया.
इसके अलावा वार्ड में सड़कों, नालियों के निर्माण के समेत ओमप्रकाश जी ने कई अन्य
विकास कार्यों को भी पूर्ण कराया.
राष्ट्रीय मुद्दों का अवलोकन –
वर्तमान में जिस तेजी सार्वजनिक क्षेत्रों व कंपनियों का निजीकरण किया जा रहा
है. उसे ओमप्रकाश जी देश का सबसे बड़ा व खतरनाक मुद्दा मानते हैं. ओमप्रकाश जी के
अनुसार, निजीकरण में पारदर्शिता की कमी होती है, जिस कारण गरीबों का लगातार शोषण
हो रहा है. जिससे न सिर्फ समानता के अधिकार का हनन हो रहा है, बल्कि देश के विकास
में भी बाधा उत्पन्न हो रही है.