नाम : नीरज बाजपेयी
पद : पार्षद (भाजपा), वार्ड- 64, सर्वोदय नगर, कानपुर
नवप्रवर्तक कोड़ : 71183683
परिचय
मूल रूप से नीरज बाजपेयी जी कानपुर के निवासी हैं, यहीं से उनके राजनीतिक सफ़र
की शुरुआत भी हुई है. अपने विद्यार्थी जीवन से ही नेतृत्व की बेहतर क्षमता रखने
वाले नीरज जी ने छात्र जीवन से ही राजनीति आरंभ कर दी थी. उच्च शिक्षित नीरज जी ने
जे.के.एम.के विद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की तथा उसके पश्चात उन्होंने
बी.एस.सी व सिविल इंजिनियर में डिप्लोमा भी प्राप्त किया. उनका निवास स्थान व
कार्य क्षेत्र दोनों ही कानपुर है. आरम्भ से ही उन्होंने आर.एस.एस से जुड़कर राजनीति में प्रवेश कर लिया था और वर्तमान में भी राजनीति
के माध्यम से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं.
राजनीतिक पर्दापण
आर.एस.एस संघ से राजनीतिक सफ़र की शुरुआत करने वाले
नीरज वर्ष 1997 से राजनीति में सक्रिय हैं. भाजपा से जुड़ने के बाद उन्होंने वार्ड
अध्यक्ष के पद पर कार्य किया. तदोपरांत उन्होंने युवा मोर्चा मंडल में महामंत्री
का पदभार संभाला.
इसके पश्चात वह मंडल के अध्यक्ष नियुक्त हुए. उनकी काबिलियत के कारण उन्हें मंडल अध्यक्ष पद के बाद जिला कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया और फिर नीरज जी ने मंडल उपाध्यक्ष के पद पर अपनी सेवाएं दीं. अपने कार्यों द्वारा लोगों के मध्य अपनी पहचान कायम कर वर्तमान में नीरज जी वार्ड 64, सर्वोदय नगर, कानपुर में पार्षद पद पर कार्यरत हैं.
सामाजिक अगुवाई
जनसेवा की भावना के ध्येय से राजनीतिक मार्ग चुनने वाले नीरज जी सदैव से ही लोगों के बीच उपस्थित होकर उनकी परेशानियों को साझा करते थे. उन्होंने कभी भी नौकरी को अपने जीवन में प्राथमिकता नहीं दी. उनका मानना था कि यदि नौकरी या व्यवसाय को चुना जाएगा तो समाज के लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा. इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें
सर्वोदय नगर से पार्षद नीरज जी का कहना है कि उनके वार्ड में 6 मलिन बस्तियां हैं, जहां जलभराव की समस्या निरंतर बनी रहती है. जलभराव का मुख्य कारण नालों का अभाव होना है. क्योंकि लोगों ने अतिक्रमण कर अपने स्वार्थ से जगह-जगह मकान बना लिए, जिसके कारण नालों व सीवर के लिए वहां जगह शेष नहीं रही.
पार्षद चुने जाने के बाद उन्होंने सर्वप्रथम नाले का निर्माण कार्य आरंभ किया. उनका मानना है कि वर्ष 1960 से बने इस नाले का निर्माण कार्य आरम्भ होने से अभी कुछ समय तो लोगों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, परन्तु यह कार्य पूर्ण होते ही विभिन्न समस्याओं से स्थानीय निवासियों को निज़ात मिलेगी.
संपन्न विकास कार्य
पार्षदीय कार्यकाल में अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए नीरज जी ने अपने प्रयासों से मलिन बस्ती में जलभराव की समस्या को दूर करने हेतु नाले तथा नालियों के निर्माण कर कार्य आरम्भ कराया. जिससे स्थानीय निवासियों को इस समस्या से निदान मिले.
इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने क्षेत्र की तकरीबन 9 सड़कों का निर्माण कराया. उनके अनुसार सड़कों की ख़राब स्थिति क्षेत्र की पिछड़ी छवि दर्शाती है. यदि समय से इन सड़कों की हालत पर गौर किया जाए तो स्थानीय निवासियों को आवागमन में कभी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा.
अपने कीमती समय का उचित प्रकार से प्रयोग करते हुए नीरज जी ने अपने कार्यकाल के दौरान पार्कों के पुनर्निर्माण कार्य में भी अपनी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने पार्कों को फिर से हरा-भरा बनाने के मंतव्य से पेड़-पौधे लगाए, जिससे वातावरण स्वच्छ हो सके व लोगों को टहलने व व्यायाम करने में यह पार्क उपयोगी हो पाए.
इसके अतिरिक्त शिक्षा को जीवन का महत्वपूर्ण अंग मानते हुए
नीरज जी शिक्षा के माध्यम से समाज को बेहतर दिशा प्रदान करने के लिए भी प्रयासरत
हैं. वह बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का कार्य भी करते हैं. उनके अनुसार
कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए. इसी ध्येय से वह छात्र-छात्राओं को
शिक्षा से संबंधित सामग्री भी उपलब्ध कराते हैं.
विकास कार्यों में बाधाएं
विकास कार्यों की कड़ी में अभी तक नीरज जी विभिन्न कार्य करा चुके हैं. उनके अनुसार बाधाएं किसी भी कार्य को पूर्ण होने से नहीं रोक सकती. वह नाले के निर्माण कार्य में लोगों की मनमानी को सबसे प्रमुख बाधा मानते हैं. उनका कहना है कि क्षेत्र में लगभग 7-8 किलोमीटर लम्बा नाला बन रहा है, जिसका सड़कों से लेवल लगभग 8 फीट ऊपर जा रहा है. इसी कारण पुराने बने घरों का स्तर नीचे हो रहा है, जिसके कारण लोगों के बीच खासी नाराजगी दिखाई देती है.
वह स्वयं लोगों को समझाते हैं कि यह कार्य पूर्ण होते ही सड़कों का निर्माण कार्य भी कराया जाएगा. वर्ष 1960 में निर्मित इस नाले का पुनः निर्माण होना बेहद आवश्यक व जटिल कार्य है. इसीलिए वह सभी लोगों के सहयोग से इस कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने के प्रति संघर्षरत हैं.
राष्ट्र के प्रति विचारधारा
नीरज जी के अनुसार इस समय विदेशों से हमारी नीति मजबूत होनी चाहिए. यदि विदेशों से हमारे रिश्ते मजबूत होंगे तो देश के युवाओं को भी रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे. हमारे नौजवानों को रोजगार की तलाश में विदेशों में पलायन नहीं करना पड़ेगा और देश विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा.