नरेन्द्र मोदी भारतीय राजनीती में एक ऐसा नाम जिसने अपनी मेहनत से एक ऐसा मुकाम हासिल किया जो बस कुछ लोगों को ही हासिल हो सका है. मोदी आज भारत के प्रधानमंत्री हैं.
नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के एक छोटे से शहर में हुआ जहां वे गरीब किन्तु स्नेहपूर्ण परिवार में बड़े हुए. जीवन में आए आरंभिक कठिनाइयों ने न केवल उन्हें कठिन परिश्रम का पाठ पढ़ाया बल्कि उन अपरिहार्य दुखों से भी परिचित भी कराया जिससे आम जनों को अपने दैनिक जीवन में गुजरना पड़ता है. शायद यही कारण था कि इससे उन्हें कम उम्र में ही स्वयं को आमजन एवं राष्ट्र की सेवा में समर्पित करने की प्रेरणा मिली. अपने प्रारंभिक साल में उन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ कार्य किया. बाद में वह राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी संगठन के साथ कार्य करते हुए राजनीति से जुड़ गए.
वर्ष 2001 का वह दौर था जब वे अपने गृह राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री बने. उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में चार कार्यकाल पूरे किए. उन्होंने विनाशकारी भूकंप के दुष्प्रभावों से जूझ रहे गुजरात के लिए कई विकास कार्य किये.
26 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. वह भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है. समर्पित, ऊर्जावान एवं दृढ़ निश्चय वाले मोदी एक अरब से अधिक भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं के द्योतक हैं.
मई 2014 में जब से उन्होंने अपना पद संभाला तबी से ही प्रधानमंत्री मोदी चहुंमुखी और समावेशी विकास की यात्रा पर निकल पड़े हैं. जहां हर भारतीय अपनी आकांक्षाओं और आशाओं को पूरा कर सके. वे ‘अंत्योदय’ अर्थात अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाने के सिद्धांत से अत्यधिक प्रेरित हैं.
नये विचारों और पहल के माध्यम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रगति की रफ्तार तेज हो और देश के हर नागरिक को विकास का लाभ मिल सके. अब शासन मुक्त है, इसकी प्रक्रिया आसान हुई है. इसमें पारदर्शिता आई है.
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से पहली बार अभूतपूर्व बदलाव आया है जिसके तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि देश के सभी नागरिक वित्तीय तंत्र में शामिल हो पायें. कारोबार को आसान बनाने के अपने लक्ष्य को केंद्र में रखकर ‘मेक इन इंडिया’ के उनके आह्वान से उद्यमियों और निवेशकों में अभूतपूर्व उत्साह और उद्यमिता के भाव का संचार हुआ है. ‘श्रमेव जयते’ एक ऐसी पहल जिसके अंतर्गत श्रम सुधारों और श्रम की गरिमा से लघु और मध्यम उद्योगों में लगे ढेरों श्रमिकों का सशक्तिकरण हुआ है और देश के कुशल युवाओं को भी प्रेरणा मिली है.
पहली बार भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की और साथ-ही-साथ बुजुर्गों के लिए पेंशन एवं गरीबों को बीमा सुरक्षा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया है. जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल इंडिया बनाने के उद्देश्य के तहत डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत की ताकि प्रौद्योगिकी की सहायता से लोगों के जीवन में बेहतर बदलाव लाया जा सके.
स्वच्छ भारत के लिए 2, अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को लेकर देशभर में स्वच्छता के लिए एक जन-आंदोलन’ की शुरुआत की. इस मिशन कि, इस अभियान की व्यापकता एवं इसका प्रभाव ऐतिहासिक है.
नरेन्द्र मोदी की कूटनीति और विदेश नीति से संबंधित विभिन्न पहल के कारन विश्व के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश भारत की वैश्विक मंच पर वास्तविक क्षमता एवं भूमिका की छाप दिखती है. उन्होंने सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति में अपने कार्यकाल की शुरुआत की थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए उनके भाषण को दुनिया भर में प्रशंसा मिली. मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री बने जिन्होंने 34 वर्ष बाद सेशेल्स, 31 वर्ष बाद फिजी, 28 वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया, 17 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद नेपाल और साथ ही साथ अन्य देशों की द्विपक्षीय यात्रा की. पदभार ग्रहण करने के बाद से मोदी ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, सार्क और जी-20 शिखर सम्मेलनों में भाग लिया, जहां अनेक प्रकार के आर्थिक, राजनैतिक और वैश्विक मुद्दों पर भारत के कार्यक्रमों एवं विचारों की जबर्दस्त सराहना की गई. उनकी जापान यात्रा से भारत-जापान संबंधों में एक नए युग की शुरुआत हुई. वे मंगोलिया की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री हैं तो चीन व दक्षिण कोरिया की उनकी यात्राएं भारत में निवेश लाने की दृष्टि से कामयाब रही हैं. जर्मनी और फ्रांस की अपनी यात्रा के दौरान वे यूरोप के साथ निरंतर जुड़े रहे.
नरेन्द्र मोदी ने साथ ही अरब देशों के साथ मजबूत संबंधों को काफी महत्व दिया है. अगस्त 2015 में संयुक्त अरब अमीरात की उनकी यात्रा 34 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा रही जिसके दौरान उन्होंने खाड़ी देशों के साथ भारत की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर पहल की. जुलाई 2015 में नरेन्द्र मोदी ने पांच मध्य एशियाई देशों का दौरा किया. यह यात्रा अपने आप में विशेष रही. भारत और इन देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति और अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौते हुए. अक्टूबर 2015 में नई दिल्ली में ऐतिहासिक भारत-अफ्रीका फोरम सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें 54 अफ्रीकी देशों ने भाग लिया. 41 अफ्रीकी देशों के नेताओं ने इस सम्मेलन में भाग लिया जिसमें भारत-अफ्रीका संबंधों को मजबूत बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया. खुद प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में भाग लेने आये अफ्रीकी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की.
नवंबर 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने सीओपी-21 शिखर सम्मेलन में भाग लिया जहाँ उन्होंने विश्व के अन्य नेताओं के साथ जलवायु परिवर्तन पर विचार-विमर्श किया. नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने उर्जा से जुड़ें आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सौर ऊर्जा का समुचित उपयोग करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर एलायंस का उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री ने अप्रैल 2016 में परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में भाग लिया जिसमें उन्होंने विश्व मंच पर परमाणु सुरक्षा के महत्व के बारे में मजबूत संदेश दिया. सऊदी अरब का दौरे पर उन्हें सऊदी अरब का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, किंग अब्दुलअजीज सैश से सम्मानित किया गया.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी अबॉट, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना एवं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल सहित विश्व के कई अन्य नेताओं ने भारत का दौरा किया है जिससे भारत और इन देशों के बीच सहयोग सुधारने में सफलता मिली है. वर्ष 2015 में हुए गणतंत्र दिवस पर अमेरकी राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रमुख अतिथि के रूप में भारत दौरे पर आए जो भारत-अमेरिका संबंधों के इतिहास में पहली बार हुआ है. भारत ने अगस्त 2015 में एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की जहां प्रशांत द्वीप समूह के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया. इस दौरान प्रशांत द्वीप समूह के साथ भारत के संबंधों से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी चर्चा की गई.
किसी एक दिन को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” के रूप में मनाए जाने के प्रधानमंत्री के आह्वान को संयुक्त राष्ट्र में जबर्दस्त समर्थन मिला. पहली बार दुनिया भर के 177 देशों ने एकजुट होकर 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” के रूप में मनाए जाने का संकल्प संयुक्त राष्ट्र में पारित किया.
आज मोदी एक जन-नेता के तौर पर उभरे हैं. मोदी आम लोगों की समस्याओं को दूर करने तथा उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्हें लोगों के बीच जाना, उनकी खुशियों में सम्मलित होना और साथ ही उनके दुखों को दूर करने से बेहद ख़ुशी मिलती है.
जमीनी स्तर पर लोगों के साथ तो वह जुड़ें ही हैं साथ ही वह ऑनलाइन यानि सोशल मीडिया पर भी उपलब्ध हैं. तकनीकी तौर पर वह बेहद समृद्ध हैं, तकनीक की समझ रखने वाले नेताओं में वे भारत के सबसे अग्रिणी नेता हैं. वेबसाइट के माध्यम से वह लोगों तक पहुंचने व उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए हमेशा ही कार्यरत हैं. मोदी सोशल मीडिया जैसे - ट्विटर, फेसबुक, गूगल प्लस, इन्स्टाग्राम, लिंक्डइन, साउंड क्लाउड, वीबो तथा अन्य प्लेटफार्म पर भी बेहद सक्रिय हैं.
राजनीति के साथ ही साथ मोदी को लेखन का भी शौक है, यही नहीं उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं, उन्होंने कविताएं भी लिखी हैं. मोदी अपने दिन की शुरुआत योग के साथ करते हैं. नरेन्द्र मोदी करुणा, साहस और विश्वास से पूर्ण एक ऐसे व्यक्ति हैं जिसे देश ने इस आशा और विश्वास के साथ अपना जनादेश दिया है कि वे भारत का पुनरुत्थान करेंगे और उसे पूरे दुनिया का पथ–प्रदर्शक बनाएंगे.
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