नाम : नन्दलाल
पद : सभासद (निर्दलीय), विश्वविद्यालय क्षेत्र, वार्ड-15, प्रयागराज
नवप्रवर्तक कोड़ : 71184268
परिचय
गरीबी में संघर्षपूर्ण जीवन जीने वाले नन्दलाल प्रयागराज के विश्वविद्यालय क्षेत्र, वार्ड-15 से सभासद के रूप में कार्य कर रहे हैं. आठवीं तक शिक्षा प्राप्त नन्दलाल जी ने युवावस्था से ही समाजसेवा के कार्यों में संलग्न रहना आरंभ कर दिया था परन्तु उनके समाजसेवा के इस मार्ग पर चलने के कारण कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी माता जी व भाई की हत्या कर दी, तभी से उन्होंने अपने विश्वास के दम पर आगे बढ़ने जा निश्चय किया.
राजनीतिक पर्दापण
जनकल्याण के मार्ग पर चलते रहने के साथ-साथ राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े नन्दलाल ने सर्वप्रथम सभासद पद से चुनाव में भागीदारी ली और लोगों के सहयोग व समर्थन से विजय प्राप्त की. राजनीतिक क्षेत्र से पूर्व व आमजन के मध्य रहकर उनकी समस्याओं के निवारण हेतु उपाय सोचते रहते परन्तु उनका मानना था कि बिना किसी राजनीतिक पद के व्यापक स्तर पर लोगों की समस्याएं हल नही की जा सकती.
सामाजिक अगुवाई
नन्दलाल समाज के निर्धन व असहाय वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयासरत रहते हैं. इसी ध्येय से उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया. उनका मानना है कि समाज में काफी सारी समस्याएं है, परन्तु उनके निवारण के लिए कोई आगे नही आना चाहता. इसीलिए उन्होंने इसी क्षेत्र में आगे बढ़कर कर कार्य करने की पहल.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें
नन्दलाल के अनुसार वर्तमान में उनके क्षेत्र में छोटी-छोटी बस्तियों में सीवर लाइन की समस्या है. उन बस्तियों में सीवर लाइनें डाली नहीं गयी हैं. वहां वर्षों पहले जल निगम द्वारा सीवर लाइन डाली गयी थी, जो अब ख़राब हो चुकी हैं. साथ ही क्षेत्र में सड़के भी क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं, जिस पर महापौर के सहयोग से कार्य कराया जा रहा है.
संपन्न विकास कार्य
सभासद के पद पर रहते हुए नन्दलाल
ने सड़क, नालियों व पेयजल इत्यादि की दिशा में कार्य कराया है. उनके
कार्यकाल के दौरान अभी एक नाले का निर्माण कार्य भी चल रहा है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार
वर्तमान में सरकारी
योजनाओं की विफलता को नन्दलाल सबसे बड़ी राष्ट्रीय समस्या मानते हैं. उनके अनुसार
सरकार ने सभी स्कूलों के लिए एक व्यवस्था निर्धारित की थी, जिसके अंतर्गत प्रत्येक स्कूल में कुछ निर्धन छात्रों को निःशुल्क
शिक्षा प्रदान की जाएगी परन्तु इस व्यवस्था की ज़मीनी हकीकत देखी जाये, तो ज्ञात होता है कि वास्तव में वहां भी अमीर वर्गों को ही शिक्षा दी जा रही
है. साथ ही अन्य योजनाओं के लिए यदि जरुरतमंद लोग कार्यालय जाते हैं तो अधिकारी उन्हें
फॉर्म न होने का हवाला दे देते हैं.
इसके अतिरिक्त उनके अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी भी एक सबसे बड़ी समस्या है, क्योंकि बेरोजगारी के कारण देश के युवा भटक रहें हैं. यदि सरकार गंभीरता से इन पर ध्यान दे तो यह सभी समस्याएं अपने आप ही समाप्त हो जाएंगी और देश विकास की दिशा में आगे बढ़ पायेगा.