नाम - नदीम अशरफ जायसी
पद - विधायक प्रत्याशी (आप), लखनऊ मध्य विधानसभा, उत्तर प्रदेश
नवप्रवर्तक कोड - 71190155
"राजनीति को करने के स्थान पर राजनीति में बदलाव लाने की" पैरवी करने वाले नदीम अशरफ जायसी एक अनुभवी, वरिष्ठ जननेता हैं, जो कर्मभूमि लखनऊ से राजनीति को दिशा-दशा देने का काम कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के बैनर तले लखनऊ मध्य विधानसभा से विधायक प्रत्याशी के तौर पर खड़े नदीम अशरफ जायसी ने 80 के दशक में इसी विधानसभा से छात्र राजनीति के अंतर्गत अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी।
विगत 42 वर्षों के अपने राजनीति अनुभवों के आधार पर नदीम अशरफ जायसी जनता की समस्याओं और स्थानीय विकास को राजनीति की सबसे अहम आवश्यकता मानते हैं। लखनऊ मध्य विधानसभा की 70 प्रतिशत आम व जरूरतमंद जनता को अपनी वास्तविक ताकत मानकर चलते हुए वह आम आदमी पार्टी की नीतियों से उनका विकास होते देखना चाहते हैं। बैलटबॉक्सइंडिया टीम ने अपने चुनावी महासंग्राम अभियान के अंतर्गत नदीम अशरफ जायसी से वार्तालाप करते हुए बहुत से चुनावी मुद्दों पर उनकी राय जानी।
अपने राजनीतिक अनुभवों के बारे में हमें बताएं, आप समाजसेवा क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ें?
नदीम अशरफ जायसी - 1980 में हम स्नातक के लिए लखनऊ आए थे और मुमताज डिग्री कॉलेज से स्नातक किया, जो आज उत्तर विधानसभा का हिस्सा है, पहले यह मध्य विधानसभा के अमानीगंज में होता था। 1980-81 में छात्र राजनीति की शुरुआत करते हुए पहली बार चुनाव जीतकर सचिव बने और 81-82 में महासचिव चुने गए। चुनावी राजनीति की शुरुआत इसी मध्य विधानसभा से हुई थी और आज इसी से विधायक प्रत्याशी रहे।
मैंने 1984 में पोस्ट ग्रेजुएशन लखनऊ विश्वविद्यालय के मुख्य कैंपस से प्राप्त की। इसके बाद सक्रिय राजनीति में जायस से सक्रिय हो गया। मैं जायस के सूफी संतों, महात्माओं के परिवार से आता हूं और सुप्रसिद्ध सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी के गुरु परिवार के तौर पर हमें जाना जाता है। हमारे परिवार से उन्होंने दीक्षा प्राप्त की थी शाह मुबारक अशरफ जी से, जिसका जिक्र उन्होंने पद्मावत में भी किया है।
मेरे परिवार से कोई राजनीति में नहीं था। लोग कहते हैं कि राजनीति में अच्छे लोगों के लिए जगह नहीं है लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता क्योंकि मैं आज भी राजनीति में लगातार बना हुआ हूं। मैं निरंतर 2001-07 तक युवक कॉंग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष रहा हूं और अंतिम अध्यक्ष भी क्योंकि उसके बाद युवक कॉंग्रेस चार हिस्सों में बंट गई थी।
1992 में जब युवा कॉंग्रेस का गठन हुआ, तभी से मैं इससे जुड़ा रहा। 2007 में मैंने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कॉंग्रेस को छोड़ दिया और मान्यवर कांशीराम जी की प्रेरणा से बसपा की सदस्यता ली। पार्टी में आगे बढ़ा, चुनाव लड़ने के लिए पैसा भी पार्टी द्वारा की दिया गया और हारने के बाद भी जनता से सम्मान ही मिला। सरकार जाने के 4 वर्ष बाद तक भी मैं पार्टी में रहा लेकिन मैंने अनुभव किया कि कांशीराम जी के जाने के बाद पार्टी अपने मूल आदर्शों से भटक गई है और जिस पार्टी को उन्होंने आजीवन त्याग कर सींचा था उसे नेतृत्व ने खत्म कर दिया। वंचित, अल्पसंख्यकों, शोषित, कमजोर और दलित तबकों के सपने धराशाही हो गए।
23 फरवरी 2020 को मैंने लखनऊ में सांसद संजय सिंह के द्वारा आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली। समर्थकों ने उस वक्त मेरे इस निर्णय को गलत बताया कि पार्टी का अस्तित्व उत्तर प्रदेश में नहीं है लेकिन मुझे आप पर, उनके आदर्शों पर भरोसा था। आज देखें तो पाएंगे कि आम आदमी पार्टी प्रदेश में मजबूत है, यहां जनता से हमें बेहद सम्मान और प्यार मिल रहा है।
समाज की अगुवाई करने का निर्णय क्यों लिया?
नदीम अशरफ जायसी - समाज सेवा करके मुझे संतुष्टि मिलती है, परिवार के संस्कारों में हम सभी को नि:स्वार्थ लोगों की सेवा करना सिखाया गया है। प्रदेश में आज धर्म, जाति, बिरादरी, मंदिर, मस्जिद, श्री राम, अल्लाह के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं। कोई स्कूल, अस्पताल, बिजली, सड़क, भ्रष्टाचार की बात नहीं कर रहा है और जब हम इन मुद्दों पर वोट ही नहीं डालते हैं तो आगे नेताओं से प्रश्न करने का भी अधिकार हम खो देते हैं।
आम आदमी पार्टी की विकास नीतियों के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
नदीम अशरफ जायसी - आप पार्टी द्वारा आज जब मुफ़्त बिजली, महिलाओं के अधिकारों इत्यादि पर बात की गई तो अन्य दलों ने मजाक उड़ाया लेकिन हमारा मानना है कि जनता हमें टैक्स देती है और विदेशों में भी कमजोर तबकों को आगे बढ़ाने का प्रावधान है, तो भारत में क्यों नहीं। विकास की दौड़ में पिछड़ों को शामिल करना हर सरकार की जिम्मेदारी है। आप का कहना है कि आम आदमी से बड़ी कोई बिरादरी नहीं है, उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा सेवाओं, महिला सुविधाओं इत्यादि से वास्तव में फर्क पड़ता है ना कि धर्म-जाति-बिरादरी से।
इन 70 फीसदी आम लोगों के लिए आज आजीविका चलाना मुश्किल हो गया है। आज दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों से ज्यादा अच्छा रिजल्ट सरकारी स्कूलों में मिल रहा है। प्रदेश में एक प्रकार की उन्मादी राजनीति देखने को मिलती है और उन्मादी राजनीति से काम नहीं चलता है। इतिहास गवाह है कि जर्मनी में भी 100 साल पहले उन्माद की राजनीति आई थी और हिटलर का क्या हश्र हुआ, वह समस्त विश्व ने देखा।
आप की नकल में अन्य दलों ने भी मुफ़्त बिजली की घोषणा की लेकिन आप सरकार सच्ची नीयत से काम करती हैं, खाली घोषणाओं से नहीं। इन दलों ने आज तक जितनी घोषणाएं की, सभी कचरे में डाल दी और पूँजीपतियों की सहायता की। दिल्ली में हर घोषणा पूरी हुई, वहां भी वर्गों की राजनीति चलती थी, लेकिन अब वहां पूर्वांचलियों, दक्षिण भारतीयों इत्यादि से ऊपर उठकर केवल विकास की बात की जाती है।
आपके विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कौन से ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर आप आने वाले समय में काम होते देखना चाहते हैं?
नदीम अशरफ जायसी - पिछले काफी समय से लखनऊ मध्य विधानसभा में आप की टीम घर घर जा रही हैं, यहां विभिन्न वार्डों में 18 झोंपड़-पट्टियां हैं। लेकिन विक्रमादित्य वार्ड के पास स्लम एरिया में, जहां कुछ ही दूरी पर बहुखंडीय मंत्री आवास है, वहां आज भी बिजली की सुविधा नहीं है। देखने पर लगता है कि किसी आदिवासी क्षेत्र में आ गए हों।
हाल ही में हैदर कैनाल के पास बरसात में नाला उफन गया और पास ही के बस्ती क्षेत्र में समस्त घरों में छह छह फुट तक पानी भर गया। आप की टीम ने लगातार तीन दिनों तक उसी पानी में उतरकर उन्हें भोजन इत्यादि की व्यवस्था की। हमनें बरसात के बाद लगातार अपने स्तर पर विभिन्न वार्डों जैसे सुभाष चंद्र बोस वार्ड, रकाबगंज वार्ड इत्यादि अनेकों स्थानों पर जन लाभ के लिए फॉगिंग कराई। क्षेत्र के हालात इतने खराब है कि सीवर लाइन और पेयजल लाइन मिलने से यहां बालू अड्डे में दूषित पानी के चलते बच्चों की अकाल मृत्यु हो गई। इस दुखद प्रकरण के बाद हमारी टीम ने वहां जाकर लगातार धरना दिया, जिसके बाद एरिया में स्वच्छ पानी आना शुरू हुआ। हमारी प्राथमिकता इन्हीं बस्ती क्षेत्रों के लिए काम करना है।
सड़कों की हालत भी यहां बेकार है, विकास कार्य के नाम पर कमीशन खाई जाती है, ठेकेदार, पार्षद, विधायक, सरकारी अधिकारियों सबका नफा आने के बाद जो बचता है, उससे सड़क बना दी जाती है।
इसके अलावा सीवर लाइन के जो ब्रिटिश कालीन चैम्बर थे, वह सभी इन्होंने बेच दिए और अब जो नए चैम्बर बनवा रहे हैं, वह अत्याधिक कमजोर हैं, जल्दी ही टूट फुट जाते हैं। सरकार को अब एक एक चीज का हिसाब जनता को देना होगा, उनकी लड़ाई लड़ने के लिए ही हम विधानसभा पहुँच रहे हैं।
आप बैलटबॉक्सइंडिया के मंच के माध्यम से जनता को क्या संदेश देना चाहेंगे?
नदीम अशरफ जायसी - मुझे पूरा भरोसा है, मेरे पास 70 फीसदी आम जनता की ताकत है, जो जरूरतमंद हैं, जिन्हें विकास चाहिए, निज विकास के लिए सुविधाएं चाहिए। हम व्यवस्था को बदलने के लिए आप सभी का सहयोग मांग रहे हैं, क्योंकि राजनीति को करने के स्थान पर राजनीति में बदलाव होना जरूरी है।
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