नाम- मुन्ना लाल कुरील
पद- पार्षद, खरिका वार्ड द्वितीय, वार्ड 30, लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड- 71183436
परिचय-
किसानों
को उनका हक दिलाने और किसानहित में कार्य करने वाले मुन्ना लाल कुरील राजनीतिक एवं
सामाजिक कार्यकर्ता हैं. खरिका वार्ड द्वितीय, लखनऊ से पार्षद पद पर रहकर अपने क्षेत्र में नवनिर्माण का कार्य रहे हैं. कानपुर विश्वविद्यालय से बी.ए. करने के बाद ही वे
सामाजिक रूप से सक्रिय हो गए थे. इसका बड़ा कारण किसानों के साथ हो रहा गलत
व्यवहार था. किसान नेता के रूप में उन्होंने 1995 में किसानों के हक में लड़ाई
शुरु की. किसानों का दु:ख बखूबी समझते हुए एवं किसान को समाज में उचित दर्जा दिलाने के लिए लगातार
प्रयास करते रहे. जिसके फलस्वरूप कुरील जी ने आवास विकास योजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण
पर जीत हासिल की. इसके अलावा उन्होंने किसानों को मुआवजा और भूखंड भी दिलावाया.
जनसेवा की भावना-
2017 में पार्षद बनकर क्षेत्र में स्वच्छता के मुहिम छेड़ने के अलावा सामाजिक कार्यों में भी कुरील जी रुचि रखते हैं. पार्षद पद को ग्रहण करने से पूर्व करीब 15 सालों से लगातार क्षेत्र के सामाजिक कार्यों में लगे हुए हैं. अपने समाज के किसी पीड़ितों के लिए, लड़कियों की शादी आदि सभी योगदान करते रहते हैं. पार्षद पद पर न होते हुए भी सामाज से जुड़ कर कार्य करना चाहते थे क्योंकि तत्कालीन नेता दलाली करने के साथ सामाजिक संपत्ति का दुरुपयोंग कर रहे थे. स्वयं भी किसान परिवार से संबंधित कुरील जी खरिका क्षेत्र के किसानों का दर्द गहराई से समझते हैं.
राजनीतिक पदार्पण-
कुरील जी
ने राजनीति में आने का फैसला यह सोच कर लिया कि उनके सक्रिय होने से कोई दलाली
नहीं कर पाएगा और क्षेत्र के सभी कार्यों को सुचारू रूप से करवा पाने में सक्षम भी
होंगे. समाज के कार्यों को अपना दायित्व समझ कर कार्यरत रहते हैं. उनका मानना है
कि यदि वे नौकरी को अपनाते तो स्वयं का हित देखते पर वह सम्मान न मिलता जो आज
किसान मंच का नेता होकर मिल रहा है.
क्षेत्र में पार्षद पद पर रहते हुए कुरील जी व्याप्त सभी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए कार्य कर रहे हैं. आवास विकास क्षेत्र 1989 में नगर निगम में आ गया था. यहां की मूल आबादी दलितों को मान जाता है. यहां के प्रमुख क्षेत्रों में भीम टोला, राम टोला, लौगा खेड़ा एवं स्वरूप नगर आते हैं. पार्षद ने बताया कि अस्तित्व में आने के बाद से जितने भी पार्षदों ने इसका जिम्मा उठाया उन्होंने क्षेत्र को उपेक्षा ही दी है. लोगों ने जब कुरील जी को जिम्मेदारी पूर्ण कार्य करते देखा तो उन्हें पार्षद पद संभालने का प्रस्ताव दिया. लोगों ने सोचा बिना पद के जब वे इतना कार्य कर रहे हैं तो क्यों न उन्हें सभासद बनाया जाए.
संपन्न विकास कार्य-
कुरील जी
ने पार्षद पद संभालने के बाद डूडा के माध्यम से 6 करोड़ रुपये के विकास कार्य कराए. उन्होंने
बताया कि उनके अभी तक के कार्यकाल के दौरान प्रमुख उपलब्धि कीचड़ से भरे रास्तों
को रोड में तब्दील करना है. इसके बाद लोगों ने शिकायत की पार्षद राशन कार्ड नहीं
बनवाते हैं जबकि कुरील जी के अनुसार राशऩ कार्ड के जरिए ही सारी सरकारी योजना का
लाभ जनता तक पहुंचाया जा सकता है. जिसके बाद पार्षद जी ने साढे चार सौ राशन कार्ड
बनवाए और जिसका जनता को पूर्ण लाभ मिल रहा है और आगे भी मिलता रहेगा.
उन्होंने
अभी तक के डेढ़ साल के कार्यकाल में करीब 32 सड़कों का जीर्णोंद्धार कराया. लोगों
की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टाइल रोड, नालियों का निर्माण करवाया. कुरील जी के अनुसार संपूर्ण विकसित
क्षेत्र के स्वप्न को साकार करने से क्षेत्रीय लोगों को रोजमर्रा के जीवन में काफी
लाभ मिलता है. इसके अलावा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत क्षेत्रीय लोगों को गैस-सिलेंण्डर
दिलवाया. लगातार पीड़ितो की मदद के लिए तत्पर रहते हुए क्षेत्र सुधार का कार्य कर
रहे हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-
कुरील जी के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख मुद्दे बेरोजगारी, शिक्षण नीति में आने वाले बदलाव हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षण नीति में जो परिवर्तन हो रहे हैं, उससे लोगों को खास कर दलित वर्ग को खासा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. संविधान में भीमराव अंबेडकर ने शिक्षा व उससे जुड़ी नीतियों को जो स्थान दिया उसे वर्तमान समय पर उपेक्षा मिल रही है. दलित समाज के लोगों को स्कूल-कॉलेजों में दाखिला नहीं पा रहा है. केन्द्र सरकार से इस समस्या के निदान की आशा करते हैं.