नाम : मो. रेहान
पद : पूर्व विधायक, लखनऊ पश्चिम (समाजवादी पार्टी)
नवप्रवर्तक कोड : 71183097
जीवन परिचय :
हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िए,अपनी कुर्सी के लिए जज़्बात को मत छेड़िए.
छेड़िए एक जंग, मिल जुल कर गरीबी के खिलाफ, ए दोस्त मेरे मजहबी नगमात को मत छेड़िए.
प्रसिद्ध कवि अदम गोंडवी द्वारा कही गयी ये पंक्तियां आम जनता के प्रिय नेता मो. रेहान की विचारधारा पर पूर्णत: सटीक बैठती है. मो. रेहान ना केवल एक राजनेता, अपितु एक ऐसे समाजसेवी हैं, जिन्होंने अपना जीवन सामान्य जनता के दुःख-दर्दों के लिए पूरी तरह से समर्पित कर रखा है. नवविचारों के प्रवर्तक मो. रेहान को यदि धार्मिक सद्भावना के प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में वर्णित किया जाए, तो इसमें जरा भी अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि उनके द्वारा किये गये सभी कार्य उनकी नेक नीयत, सरल हृदय और कुशल संचालन क्षमता को ही इंगित करते हैं. उनके लहजे में लखनवी मिठास और चरित्र में गंगा-जमुनी तहज़ीब का अदब सहज रूप से अंकित करता है कि वर्तमान नेताओं की भांति पद एवं ओहदे का अभिमान उनमें दूर दूर तक भी नहीं है.
प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा-दीक्षा :
पश्चिम लखनऊ विधानसभा के पूर्व विधायक एवं राजनैतिक नवप्रवर्तक मो. रेहान मूल रूप से लखनऊ के निवासी हैं. इनकी आरंभिक शिक्षा दिल्ली (वसंत विहार) के मॉडर्न स्कूल से हुई, उन्होंने हॉस्टल में रह कर शिक्षा प्राप्त की. आगे की पढाई के लिए वर्ष 1995 में इन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बी.कॉम किया, यहीं से इन्होंने अपनी एम.बी.ए की डिग्री भी प्राप्त की. रेहान जी के अनुसार एएमयू एक विश्व प्रसिद्ध संस्थान है, जो छात्रों को बेहतर वर्ल्ड-क्लास शिक्षा उपलब्ध कराकर विश्व पटल पर देश का नाम ऊंचा करने के लिए प्रेरित करता है.
रेहान जी के पूर्वजों की रायबरेली में जमींदारी हुआ करती थी, जो वर्ष 1972 के पश्चात समाप्त हो गयी और तभी से उनका सम्पूर्ण परिवार लखनऊ में ही रह रहा है.
नवपरिवर्तन के प्रणेता :
रेहान जी के सोचने का नजरिया सदैव से ही जुदा रहा है. वह बने बनाए रूढ़िवादी कायदे कानूनों पर यकीन नहीं रखते अपितु अपने मार्ग का दिशा-निर्देशन स्वयं ही करने में अग्रणीय हैं. उनके परिवार में सभी प्रमुखत: सिविल सर्विसेज या नौकरीपेशा ही रहे हैं, परन्तु रेहान जी ने अपने लिए व्यवसाय का मार्ग चुनकर अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया. जब उन्होंने निर्माण आदि कार्यों में बिल्डर के तौर पर अपना व्यवसाय आरम्भ किया तो उन्हें पारिवारिक विरोध का सामना भी करना पड़ा. मगर अपने धुन के पक्के तथा हुनर में माहिर रेहान जी ने अपने व्यवसाय को भी वैश्विक रूप से स्थापित किया, अपनी कंपनी आइडल इंटरप्राइजेज के माध्यम से रेहान जी ने न केवल देश में अपितु विदेशों दुबई, फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड आदि में भी बेहद नाम कमाया.
राजनैतिक क्षेत्र में पदार्पण :
इन्होंने न तो कभी राजनीति में आने का सोचा था न ही इनके परिवार से कोई राजनीति में रहा मगर बावजूद कुछ ऐसी परिस्थिति बनी की इन्हें राजनीति के मैदान में आना पड़ा. वर्ष 2011 में प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर ही रेहान जी ने भी समाजवादी पार्टी में जाने का मन बनाया. वैसे भी इनकी विचारधारा रही है कि दूर से देखकर किसी भी क्षेत्र के बारे में अनुमान लगाने से बेहतर है कि व्यक्ति स्वयं संकल्पित होकर कार्य करे. व्यवसाय करते हुए अपनी स्वर्गीय माता के नाम पर "अनीस नईम फाउंडेशन" की शुरुआत उन्होंने की थी, जिसके जरिये वें गरीब किन्तु योग्य छात्र-छात्राओं को मुफ्त शिक्षा प्रदान कराते थे. यहीं से इन्हें महसूस हुआ कि यदि वें राजनीति से जुड़कर सामाजिक कार्य करेंगे तो वें और अधिक लोगों से जुड़ पाएंगे.
वर्ष 2012 में उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन का सफ़र आरम्भ किया और समाजवादी पार्टी से लखनऊ पश्चिम की सीट के लिए प्रत्याक्षी के तौर पर मनोनीत होकर पहली दफा ही विजय हासिल की. उनके अनुसार राजनीति में आगमन से व्यक्ति का कार्यक्षेत्र विस्तृत हो जाता है, जिससे वह अधिक लोगों की सहायता कर सकता है. भले ही वर्ष 2017 के चुनावों में रेहान जी कुछ वोटों से पीछे रह गये, परन्तु आज जहां भाजपा की लहर है, वहां उम्मीद रूपी साइकिल से आज भी वें आम जनता के हृदय में अपनी एक विशेष छाप अंकित किये हुए हैं.
एक प्रतिभावान जन प्रतिनिधि के रूप में कार्य :
पुराने लखनऊ से जुड़कर उन्हें लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं का भान हुआ. विधायक बन जाने के पश्चात से आज तक करीब 1700 बच्चों को वें शिक्षा के लिए आर्थिक संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं और साथ ही हजारों महिलाओं को पेंशन भी मुहैया करा रहे हैं. रेहान जी ने अपने कार्यक्षेत्र पश्चिम लखनऊ में लगभग 1000 करोड़ रूपये का कार्य सम्पूर्ण कराया है. जिसके अंतर्गत उन्होंने विधानसभा का अंतर्निहित विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास आदि को बढ़ावा दिया, कईं पुराने पड़े ट्रांसफार्मर बदलवाकर नए लगवाए. उन्होंने एक टी.बी. अस्पताल को सामान्य अस्पताल में भी बदला, जिससे आम लोगों को इलाज की बेहतर सुविधा मिले. एक पुराने पड़े यूनानी अस्पताल को, जिसको बंद कर देने के सरकारी फरमान थे, एक नया रूप देकर 100 बेड वाले अस्पताल में परिवर्तित कर दिया.
आलमनगर फ्लाईओवर का 50 वर्ष से अधिक पेंडिंग पड़ा कार्य भी उन्होंने सम्पन्न कराया. साथ ही राजाजीपुरम में अंडरपास का निर्माण भी इनके कार्यकाल में हुआ, जो शिलान्यास के बाद से ही अटका पड़ा था. यह सभी काम भले ही साधारण से लगे मगर हकीकत वहां की जनता से पूछिए जो इसके बन जाने कितनी रहत महसूस कर रही है. ये दोनों ही कार्य ना जाने कितने वर्षों से सरकारी लापरवाही और स्वार्थ के चलते अटके हुए थे, परन्तु रेहान जी ने अपने अथक प्रयासों से इन्हें सार्थक करवाया, यही कारण है कि क्षेत्र की जनता आज भी उनसे सम्पर्क बनाकर रखती है.
शुद्ध पेयजल के लिए भी उन्होंने बहुत से प्रयास किये, जिसमें वें 75 फीसदी सफल भी हो गये थे, परन्तु सरकार बदल जाने से उनकी इस परियोजना में बाधा आ गयी. समग्र विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2013 में बहुत से नए नालों, लाइन्स आदि का भी निर्माण कार्य इनके कार्यकाल में सम्पन्न हुआ.
आगामी भविष्य में भी रेहान जी जनता के लिए बहुत से कार्य करना चाहते हैं, जिनमें उचित शिक्षा, महिलाओं के लिए इंटर कॉलेज की स्थापना, महिलाओं एवं बुजुर्गों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाओं में वृद्धि करना उनके एजेंडे में प्रमुख है. साथ ही वें क्षेत्र के बुनकरों के लिए भी कार्य करना चाहते हैं, जो निर्यात पर लगी पाबंदी के कारण आज भुखमरी की कगार पर खड़े हैं.
राजनीतिक अनुभवों ने दी सामजिक कार्यों की प्रेरणा :
रेहान जी स्वयं को कोई नेता नहीं अपितु सामाजिक कार्यकर्त्ता कहलवाना पसंद करते हैं. उनका मानना है कि जितना अपनापन एवं आत्मीयता उन्हें अपने क्षेत्र की जनता से मिली, वह उनके लिए अमूल्य निधि के बराबर है. व्यवसाय ने भले ही उन्हें रुतबा व शोहरत दी हो परन्तु पांच साल के राजनैतिक सफर से उन्हें जो अनुभव मिला, उससे वें निरंतर लोगों के बीच रहकर काम करने के लिए प्रेरित हुए. लखनऊ में कार्य करते हुए उन्होंने अपने विभाग में लोगों को जब 400 रूपये के लिए चक्कर काटते देखा तो उन्हें महसूस हुआ कि एक सामान्य व्यक्ति किस प्रकार तकलीफ से गुजरता है. इन अनुभवों ने उनके ह्रदय को बुरी तरह कचोटा, जिससे उनके मन में समाज के प्रति और भी बहुत कुछ करने की असीम लग्न उत्पन्न हुई.
भाजपा बहुल क्षेत्र होने और धार्मिक भेदभाव के तमाम मिथकों से परे रहकर उन्होंने 2012 के चुनावों में जीत हासिल की थी और तभी से वें अपने अथक प्रयास से लोगों के पसंदीदा नेता के रूप में उभरें. आज भी भले ही वें चुनाव नहीं जीत पाए हों परन्तु अपने क्षेत्र के अनगिनत लोगों का दिल वें जीत चुके हैं. उनके क्षेत्र के बहुत से लोग आए दिन उनके दफ्तर में जाते रहते हैं तथा अपना दुखड़ा सुनाते हैं, यह उनकी लोकप्रियता ही है कि आज भी लोग उन्हें सम्मान एवं अपनेपन की भावना से देखते हैं और उनकी छवि आज भी लोगों के नेता के रूप में विद्यमान है.
राजनीति के साफ़- सुथरे स्वरुप के द्योतक :
आज के समय में रेहान जी उन कुछ नेताओं में से हैं, जो राजनीति को कारोबार नहीं अपितु समाज सेवा करने का एक व्यापक मार्ग मानते हैं. उनके अनुसार अधिकतर लोग यह कहते हैं कि राजनीति में सब चोर हैं, परन्तु लोगों को केवल कहना या कोसना नहीं बल्कि राजनीति से जुड़कर उन दोषपूर्ण व्यवस्थाओं को स्वयं बदलना चाहिए. धर्म, जात-पात, सम्प्रदायों की राजनीति से सभी को दूर रहना चाहिए. वें खुद को नकारात्मकता की राजनीति से कोसों दूर रहते हैं.
वें जो भी कार्य करते हैं, अपनी हार्दिक प्रसन्नता के लिए करते हैं, पैसों के राजनीति से रेहान जी का कोई लेना देना नहीं. वें अच्छे समाज के निर्माण के लिए कार्य अपने सतत प्रयासों के माध्यम से करते हैं, फिर चाहे उसमेंकितने भी विघ्न क्यों न आए, रेहान जी कभी पीछे नहीं हटते. धार्मिक सौहार्द से भरपूर उनकी सोच उनके कार्यों से दृष्टिगोचर होती है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारधारा :
रेहान जी का मानना है कि वर्तमान में सरकार को एक अच्छी विदेश नीति की आवश्यकता है, क्योंकि पड़ोसी देशों के साथ सम्बंधों में पारदर्शिता एवं स्पष्टता होनी बेहद जरूरी है. जो देश जिस स्वर में बात करे, उसका जवाब भी उसी स्वर में देना वर्तमान समय की मांग है. इसके साथ ही देश की आर्थिक नीति मजबूत होनी चाहिए, भारतीय मुद्रा का वैश्विक बाजार में गिरना देश की कमजोर वित्तीय क्षमता दर्शाता है, जिसमें निश्चय ही सुधार होना चाहिए. युवाओं को रोजगार के अवसर देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.
रेहान जी का मानना है कि देश के युवा उचित रोजगार के अभाव में अपराधों की गिरफ्त में आ जाते हैं, सरकार ने 2014 में जो रोजगार सम्बंधी दावे किये थे, आज उनकी ज़मीनी हकीकत सामने आ रही है. साथ ही आए दिन जो हादसे हो रहे हैं, उनके प्रति भी सरकार ठोस नीति नहीं बना रही, वाराणसी के हुआ दुखद हादसा इसका एक उदाहरण है.
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध देश के विकास को पीछे धकेलने का कार्य कर रहे हैं. रेहान जी के अनुसार इस प्रकार के अपराधों में सरकार का समर्थन मिलना घोर निराशाजनक है. इन सबसे पता चलता है कि आज देश किस दिशा में जा रहा है, विकास के नाम पर अत्याचार हो रहा है. सरकार को विदेशों से उदाहरण लेना चाहिए और महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मुद्दों को 3 महीने के अंदर ही सुलझा लेना चाहिए.
मजदूरों को उनका हक दिलाने की बात भी रेहान करते हैं, उनके अनुसार मजदूर किसी भी देश की आर्थिक संरचना के प्रमुख वाहक होते हैं, उनके बिना किसी भी देश के विकास की रीढ़ मजबूत नहीं हो सकती. परन्तु सरकार देश के इस अभिन्न अंग के प्रति ही उदासीन हो जाती है. मजदूरों को केवल मजदूर दिवस के दिन याद कर इतिश्री कर ली जाती है, जो गलत है.
वैश्विक पटल पर भारत से जुड़े मुद्दें :
विदेशी नीतियों में अपेक्षाजनक परिवर्तनों के माध्यम से पड़ोसी देशों के साथ सुचारू सम्बंध रखकर भारत वैश्विक पटल पर अपनी छवि सुधार सकता है. रेहान जी कहते है कि बैंकिंग सिस्टम की बदतर व्यवस्था और डिमोनेटाईजेशन के कारण आज देश के कईं बैंक बंद होने की कगार पर खड़े है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति लचर हो रही है. भारत में अपराध करके लोग खुलेआम विदेशों में घूम रहे हैं, जो वर्तमान सरकार की असफलता अंकित करता है. यदि देश की विदेशी नीतियां मजबूत होंगी तो देश का विकास संभव है. इसके अतिरिक्त हमारी शिक्षा से जुडी नीतियां भी प्रबल होनी चाहिए.
रेहान जी के अनुसार भारत के गौरवशाली इतिहास की प्रतीक बीएचयु, एएमयु तथा जेएनयु जैसी यूनिवर्सिटी आज अपनी प्रतिष्ठा के लिए जूझती नजर आ रही हैं, सरकारी लापरवाहियों के चलते इनकी शाख गिर रही है, जो बेहद गंभीर विषय है. उचित शिक्षा व्यक्ति के जेहन को प्रसारित स्वरुप देती है, उसे विकास के नये अवसर देती है और उसमें भविष्यगत संभावनाएं जन्म लेती हैं, इन पुराने शैक्षणिक संस्थानों को प्रतिष्ठित करके शिक्षा की महत्ता को यदि सार्थक कर लिया जाये तो देश विश्व के कोने कोने में नाम कमा सकता है.
मो. रेहान केवल एक नाम नहीं, अपितु स्वयं में विकास रूपी परिवर्तन की एक लहर हैं. एक सुगम सामाजिक बदलाव की चाह और असहायों के प्रति अपार सहानुभूति की भावना रखने वाले व्यक्तित्व के धनी रेहान जी की भविष्यगत सफलता की कामना हम तहेदिल से करते हैं. आज समाज को उन्हीं के समान नेतृत्त्व करने वाले सामाजिक सेवकों की आवश्यकता हैं, ना कि निजहित को प्राथमिकता देने वाले स्वार्थी नेताओं की. अंतत: हम रेहान जी के बारे में कुछ पंक्तियां कहते हुए उनके परिचय को विराम देंगे :-
वो धर्म नहीं, कर्म जानते हैं, वो जात नहीं, हालात जानते हैं, दबंगों को करते हैं दूर से सलाम,मिलकर असहायों से, उनके जज़्बात जानते हैं.समाजवादी धारा के रक्षक हैं रेहान, वह तो देश-हित की हर बात जानते हैं.