नाम - मिथिलेश कुमार
नवप्रवर्तक कोड – 71183486
पद – सहायक प्रोफेसर, महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी शांति अध्ययन केंद्र, महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा
जीवन परिचय
मिथिलेश कुमार पेशे से अध्यापन के कार्य में जुटे हुए हैं। गांधी के विचार से बेहद ही प्रभावित मिथिलेश कुमार गांधी को जीने की कोशिश भी करते हैं। उनका जन्म बिहार के बांका में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा भागलपुर, पूर्णिया और पटना से उन्होंने प्राप्त की। तत्पश्चात उन्होंने अर्थशास्त्र से स्नातक की पढ़ाई टी.एम. भागलपुर विश्वविद्यालय,भागलपुर से की।
शुरुआत से शिक्षा के प्रति रुचि की वजह से उन्होंने आगे भी शिक्षा ग्रहण करने की सोची। घरवालों की तरफ से भी उन्हें इसकी इजाजत दे दी गई उनपर नौकरी का कोई दबाव नहीं डाला गया। इसके बाद मिथिलेश कुमार ने अपना एम.ए. अलग-अलग दो विषयों में पूरी की। उन्होंने वर्ष 2002 से 2004 तक अपना पहला स्नातकोत्तर अहिंसा एवं विकास अध्यन में पूर्ण किया तो वहीं 2010 से 2012 में उन्होंने समाज कार्य से अपनी स्नाकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने दोनों ही बार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से स्नाकोत्तर किया। पढ़ाई की इसी लगन की वजह से अहिंसा एवं विकास अध्ययन में उन्हें रजत पदक प्राप्त हुआ।
उन्होंने अपना एम.फिल. अहिंसा एवं शांति अध्ययन से किया उनका शीर्षक था 'जन आंदोलनों में गांधी दृष्टि: चिपको एवं नर्मदा बचाओ आंदोलन के संदर्भ में।' उन्हें यहां स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। उनकी पढ़ने की इच्छा यहीं समाप्त नहीं हुई और उन्होंने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से ही अहिंसा एवं शांति अध्ययन केंद्र से पीएचडी पूर्ण की। उनका शीर्षक था 'सूचना का अधिकार आलोचनात्मक अध्ययन'। यही नहीं उन्होंने जनसंचार एवं संप्रेषणी हिंदी में डिप्लोमा भी कर रखा है और उसमें भी उन्हें स्वर्ण पदक मिला है। शायद पढ़ने लिखने के इसी शौक की वजह से उन्होंने अध्यापन को अपना पेशा चुना।
शैक्षणिक कार्य अनुभव
सर्वप्रथम उन्हें अमन बिरादरी संस्था में सेवा संयोजक (शिक्षा) पद पर जुलाई 2005 से अप्रैल 2006 तक कार्य करने का मौका मिला। तत्पश्चात उन्होंने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के हिंदी सूचना विश्वकोश शोध सहायक पद पर अगस्त 2006 से अप्रैल 2007 तक कार्य किया। इसके बाद वह जून 2010 से अप्रैल 2012 तक महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में ही डॉ. जाकिर हुसैन अध्ययन केंद्र में शोध अनुषंगी यानी रिसर्च एसोसिएट के पद पर कार्यरत रहे। इसके बाद उन्होंने जुलाई 2012 से दिसंबर 2013 तक महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में ही महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी शांति अध्ययन केंद्र में अस्थायी शिक्षक पद पर रहकर अध्यापन का कार्य किया। इसके बाद इसी केंद्र में वह अस्थायी सहायक प्रोफेसर के पद पर रहकर जनवरी 2014 से जुलाई 2014 तक अध्यापन का कार्य किया। अपनी योग्यता और मेहनत से वह बतौर सहायक प्रोफेसर, स्थायी तौर पर 2015 में चयनित हुए और तबसे इसी केंद्र में रहते हुए अध्यापन का कार्य कर रहे हैं।
मिथिलेश कुमार की सक्रियता
मिथिलेश कुमार ने तीन अंतरराष्ट्रीय एवं 13 राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कार्यशाला का संयोजन भी किया है। यही नहीं मिथिलेश कुमार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में शोध समवाय के समन्वयक भी 2008 में रहे हैं तो वहीं विद्या परिषद के सदस्य भी 2008-09 में रह चुके हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के लिए चार इपोक मेकिंग केंद्र एवं एक नवाचारी केंद्र का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके साथ मिथिलेश कुमार सड़क के बच्चों यानी स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिए पाठ्यचर्या का निर्माण करने का कार्य किया है जो कि अमन बिरादरी एवं एनसीईआरटी, दिल्ली के सहयोग से पूर्ण हुई है।
उपलब्धियां
उन्होंने अपने एम.ए. अहिंसा एवं शांति अध्ययन में रजत पदक प्राप्त किया। तो वहीं जनसंचार एवं संप्रेषणी हिंदी के डिप्लोमा में भी स्वर्ण पदक लिया। उन्हें एम.फिल. में भी स्वर्ण पदक मिला। आई.सी.एस.एस.आर/सी.एस.डी.एस डॉक्टोरल फैलोशिप हेतु भी उन्हें चयनित किया गया। इसके साथ ही साथ उन्होंने प्रथम प्रयास में ही समाज कार्य विषय से यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में सफलता प्राप्त की साथ ही यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा तथा कनिष्ठ शोध वृत्ति यानी नेट तथा जेआरएफ बौद्ध,जैन, गांधी एवं शांति अध्ययन विषय में भी प्रथम प्रयास में सफलता प्राप्त की। अकादमी के स्तर पर प्रतिष्ठित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप 2016-17 हेतु इनका चयन किया गया, सामान्य वर्ग से बस यही थे जिनका चयन किया गया। इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर वर्ल्ड पीस (संयुक्त राष्ट्र की ई.सी.ओ.एस.ओ.सी., डी.पी.आई., यूनिसेफ, यूनेस्को से संबद्ध) द्वारा 21 मार्च 2016 को सोशल वर्क एजुकेशन एंड प्रमोशन अवार्ड से मिथिलेश कुमार सम्मानित किया गया।
मिथिलेश कुमार की पुस्तकें
मिथिलेश कुमार ने कई पुस्तकों को संपादित किया है जिसमें धर्म, सत्ता और हिंसा, बुनियादी तालीम, धर्म और सांप्रदायिकता, हिंद स्वराज का सत्य आदि प्रमुख रही है। उसके साथ उनकी पुस्तक पालका प्रकाशन से सूचना का अधिकार और गांधी दर्शन के विविध आयाम भी प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई विश्वकोश के लिए भी कार्य किया है जिसमें बाबा आम्टे, अहिंसा विश्वकोश, नेल्सन मंडेला, अहिंसा विश्वकोश, शांति सेना, अहिंसा विश्वकोश आदि शामिल है। इसके साथ ही साथ मिथिलेश कुमार ने राष्ट्रीय पत्रिका का संपादन भी किया है और कई राष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके कई आलेख भी छपे हैं।
अकादमिक व्यस्तता
मिथिलेश कुमार भारतीय गांधी अध्ययन समिति के आजीवन सदस्य हैं तो वहीं महाराष्ट्र समाज कार्य शिक्षक संघ के आजीवन सदस्य भी हैं। तो वहीं दूसरी ओर वह आजीवन सदस्य हैं भारतीय राष्ट्रीय व्यावसायिक समाज कार्यकर्ता संघ के और साथ ही साथ भारतीय व्यवसायिक समाज कार्यकर्ता समिति के यह दोनों ही प्रक्रियाधीन है। इसके साथ ही साथ आपने 6 एम.फिल. और 20 एम.ए. डिग्री का शोध निर्देशन का कार्य किया है और कई जारी है। आपको बतौर विशेष अतिथि और विशेष व्याख्यान के लिए जमशेदपुर महिला महाविद्यालय, गांधी विचार परिषद, वर्धा आदि में भी आमंत्रित किया जाता रहा है।