नाम – मयंक चौबे
पद – पार्षद प्रतिनिधि (कांग्रेस), वार्ड – 34, खजूरी, वाराणसी
नवप्रवर्तक कोड –
परिचय –
राजनीतिक नवप्रवर्तक मयंक चौबे की तीन पीढ़ियां कांग्रेस पार्टी से जुड़ी रही हैं. वह वाराणसी (उ.प्र.) के रहने वाले हैं तथा वर्तमान में उनकी पत्नी प्रीति चौबे जिले के वार्ड – 34, खजूरी से पार्षद हैं तथा मयंक जी कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता होने के साथ ही वार्ड के प्रतिनिधि के रूप में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने एमबीए किया है, साथ ही वह आईटी इंजीनियर भी हैं. शिक्षा पूर्ण करने के बाद से ही वह समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय योगदान दे रहे हैं.
राजनीतिक पदार्पण –
उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले मयंक चौबे जी के मुताबिक, पारिवारिक पृष्ठभूमि जनसेवा के क्षेत्र से जुड़ी होने के कारण उनके मन में भी शुरू से ही लोगों की सेवा करने की भावना थी. सन् 2010 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा तथा कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. इसके बाद पार्टी द्वारा पार्षदी का टिकट मिलने पर वह चुनाव में खड़े हुए तथा वार्ड के पार्षद चुने गए.
क्षेत्रीय मुद्दे –
मयंक जी के मुताबिक, वाराणसी जिले में नगर निगम की स्थिति बदहाल है. निगम के पास चेंबर बनवाने तक का धन नहीं है. वहीं पार्षदों के लिए पारित 25 लाख बजट का एक भी रूपया आज तक किसी भी पार्षद को नहीं मिला है. वहीं मयंक जी का कहना है कि उनके क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था तो खस्ताहाल है ही, साथ ही 20 साल पुरानी सीवर लाइन पड़ी हुई है, जिसके चलते अक्सर जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इसके अलावा वार्ड में एक भी एलइडी लाइट नहीं लगी है तथा फंड न मिलने के कारण किसी भी समस्या पर कार्य नहीं हो पा रहा है.
प्रमुख कार्य –
अपने कार्यकाल में कराए गए प्रमुख कार्यों पर मयंक जी का कहना है कि बजट न मिलने के कारण वह गलियों आदि के विकास का कार्य तो नहीं करा पाए हैं, किन्तु उन्होंने वार्ड की समस्याओं को संबंधित लोगों व अधिकारियों तक पहुंचाने का कार्य किया है, जिसके चलते वार्ड के विकास कार्यों से जुड़े कई प्रस्ताव पारित भी हो चुके हैं. इसके अलावा वह अपने स्तर पर क्षेत्र के लिए हमेशा कार्य करते रहते हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार –
मयंक जी का मानना है कि वर्तमान में देश में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है, जिससे व्यापार व अर्थव्यवस्था संकट में है. अतः सरकार को शहरों तथा स्थलों के नाम बदलना छोड़कर ऐसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, जो कि देश के विकास से जुड़े हों.