नाम : मनोज अवस्थी
पद : पार्षद (भाजपा), लाल बहादुर शास्त्री द्वितीय, वार्ड 91, लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड :
जीवन परिचय –
अपने जीवन में नियम एवं अनुशासन को विशेष महत्व देने वाले मनोज अवस्थी जी एक नव निर्वाचित पार्षद के रूप में लाल बहादुर शास्त्री वार्ड द्वितीय से कार्यरत हैं. मूल रूप से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिये लम्बे समय तक समाज की सेवा करते रहे हैं. पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनैतिक नहीं होने पर भी उनका रुझान सामाजिक कल्याण की ओर रहा है, इसी के चलते संघ से प्रेरणा लेकर उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया.
समाज की अगुवाई –
संघ में एक कर्मठ स्वयंसेवक के तौर पर उन्होंने काफी समय तक समाज हित के कार्य निस्वार्थ भाव से किये हैं. उनका मानना रहा है कि जिस प्रकार बच्चों के लिए शिक्षा प्राप्त करना आवश्यक है, ठीक उसी प्रकार संघ की शाखा में शामिल होना भी जरूरी है. स्वयंसेवक संघ व्यक्तित्व निर्माण स्थली है, इसलिए हर युवा को संघ में भागीदारी करके अपने चरित्र में निखार करना चाहिए और समाज उत्थान के कार्यों में अपना योगदान सुनिश्चित करना चाहिए.
राजनैतिक पदार्पण –
मनोज जी ने संघ के कहने पर ही राजनीति में औपचारिक रूप से पदार्पण किया. स्वयंसेवक के रूप में कार्य करते हुए आम जनता की मूलभूत समस्याओं को करीब से अनुभव किया और उनका निस्तारण करने के लिए प्रयासरत भी रहे.
समाज के निहितार्थ उनकी समर्पित भावना देखते हुए संघ ने उन्हें भाजपा का टिकट
दिलवाया एवं चुनावों में भागीदारी करवाई. वर्तमान में लाल बहादुर शास्त्री द्वितीय
वार्ड से पार्षद के पद पर कार्य करने के साथ ही वे जीवन पर्यंत स्वयंसेवक के
रूप में जनता की सेवा करना चाहते हैं.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें –
वार्ड का सबसे बड़ा मुद्दा मनोज जी जल भराव की समस्या को मानते हैं. उनके अनुसार शक्तिनगर लो लैंड एरिया होने के कारण थोड़ी वर्षा में भी क्षेत्र में पानी भर जाता है. इस दिशा में वे अग्रणी रूप से कार्य करना चाहते हैं. इसके अतिरिक्त सड़कों, नालियों आदि की समस्या भी वार्ड के विभिन्न स्थानों में है, जिसपर वे निरंतर कार्य कर रहे हैं. मनोज जी वार्ड के पार्कों का सौन्दर्यकरण करवाने की दिशा में भी अग्रसर होकर कार्य करना चाहते हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर अवलोकन –
देश में जनसंख्या नियंत्रण को मनोज जी सबसे बड़ी आवश्यकता मानते हैं, उनके अनुसार किसी भी देश में पनपने वाली प्रमुख समस्याओं की जड़ में बढती जनसंख्या ही है. साथ ही धार्मिक आधार पर राजनेताओं द्वारा वोट-बैंक निश्चित करना एक बेहद नकारात्मक प्रक्रिया है, जिस पर त्वरित कार्यवाही होने की आवश्यकता है. देश में यदि आपसी सौहार्द एवं भाईचारा होगा तो अवश्य ही देश विकसित होगा.
वैश्विक पटल पर भारत -
मनोज जी का मानना है कि यदि भारत सुशिक्षित एवं रोजगार की दिशा में अग्रणी
होगा तो विश्व में देश की एक नई पहचान बनेगी और स्वर्णिम भारत की संकल्पना सत्य
होगी.