नाम : मंजू कुमारी
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परिचय -
बरौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रत्याशी रही मंजू कुमारी ने वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय बहुजन कांग्रेस पार्टी से भागीदारी की थी, इससे पहले भी वह इस विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रही हैं। मूल रूप से गोपालगंज के तिरबिरका गांव की निवासी मंजु कुमारी वर्तमान में भारतीय बहुजन काँग्रेस पार्टी से बिहार की प्रदेश अध्यक्ष हैं और राजनीति के साथ साथ समाज कल्याण से भी जुड़ी हुई हैं।
मंजु कुमारी पांच भाइयों में अकेली और सबसे छोटी बहन हैं और उनकी शिक्षा स्नातक है। वर्ष 2009 से राजनीति क्षेत्र से जुड़ी और धीरे धीरे संघर्ष करते हुए आगे बढ़ी, वह समाज में वंचित, शोषित और दबे कुचले वर्ग के लोगों के लिए विशेष रूप से कार्य करना चाहती थी, जिसके चलते उन्होंने भारतीय बहुजन काँग्रेस का दामन थामा।
राजनीति में आगमन और विज़न -
मंजू कुमारी का मानना है कि यदि वह नौकरी करती तो समाज सेवा का उनका क्षेत्र सिमट जाता और वह व्यापक तौर पर समाज को समय नहीं दे पाती। साथ ही उनका कहना है कि आज भी समाज में महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है, महिलाओं को लेकर पक्षपात की भावना आज भी काफी अधिक है, इसलिए उन्होंने राजनीति में जाने का निर्णय लिया ताकि महिलाओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न और अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा सके।
इसके अतिरिक्त मंजू कुमारी के अनुसार आज समाज में जो भी समस्याएँ हैं यदि उन्हें सुलझाना है तो राजनीति और सत्ता उसके लिए मास्टर चाबी हो सकती है। इसी के चलते देश में सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक व राजनीतिक स्थिति में बदलाव लाने के उद्देश्य से उन्होंने राजनीति में जाने का निर्णय लिया और वर्तमान में भी वह राजनीति के नतर्गत एक मुकाम हासिल करने दी दिशा में प्रयासरत हैं।
स्थानीय समस्याएँ -
गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र में आने वाली छह विधानसभाओं में मंजू कुमारी सबसे अधिक पिछड़ी हुई विधानसभा बरौली को मानती हैं। उनका कहना है कि यहां सड़क, जल निकासी, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है और हैरानी की बात यह है कि यहां की जनता अपने विधायक तक को नहीं जानती है। मंजू कुमारी के अनुसार वैसे तो यहां हर मुख्य पार्टी की सरकार रही है लेकिन कभी भी किसी ने आकर यहां जनता के मुद्दों और समस्याओं को जानने का प्रयास नहीं किया, इसलिए क्षेत्र पिछड़ा ही रह गया।
उनका मानना है कि बरौली विधानसभा में अधिकतर जनमानस निर्धन हैं और शिक्षा के प्रति जागरूकता यहां नहीं है, जिसका फायदा नेता उठाते रहते हैं और बाहर के लोग यहां के प्रतिनिधि बनकर बैठ जाते हैं।
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-
सामाजिक समानता को देश का अत्यन्त महत्वपूर्ण मुद्दा मानने वाली मंजू कुमारी का कहना है कि भारत की आजादी के बाद हम एक लोकतांत्रिक देश बनें, जिसके नाते भारत के जल, जंगल व जमीन पर देश की जनता का अधिकार होना चाहिए, लेकिन हमारे देश की ज्यादातर भूमि पर कुछ मुट्ठी भर लोगों का ही कब्जा है. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी जनतंत्र की वकालत की है. अतः भारत में भूमि का राष्ट्रीयकरण किया जाना चाहिए तथा देश के हर वंचित और निर्धन परिवार को भूमि का अधिकार मिलना चाहिए।
साथ ही मंजू कुमारी निर्धन रेखा के स्थान पर अमीरी रेखा का निर्धारण करने की वकालत करती हैं, उनका मानना है कि देश में सामाजिक के साथ ही आर्थिक असमानता के कारण गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई में बढ़ोतरी हुई है। इसलिए उनका भावी उद्देश्य है कि राजनीति में जाकर सरकार को अमीरी की रेखा तय करके आर्थिक समानता लाने के लिए आवाज उठा सकें।
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