नाम – कौशर अली
पद – पार्षद (कांग्रेस), वार्ड -99, सुजातगंज चंदारी
नवप्रवर्तक कोड –
परिचय –
बचपन से ही समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय कौशर अली कांग्रेस पार्टी के एक सक्रिय नेता व कार्यकर्ता हैं. वह वार्ड- 99, सुजातगंज चंदारी, कानपुर से बतौर पार्षद क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वह शुरू से ही जनता से काफी करीब से जुड़े रहे हैं तथा लोगों के लिए यथासंभव कार्य करते रहे है. इसी कारण क्षेत्र की जनता ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उन्होंने पार्षदी का चुनाव लड़ा और भाजपा लहर के बावजूद जीत दर्ज करने में भी सफल रहे.
राजनीतिक सफ़र –
अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत में कौशर जी सर्वप्रथम बहुजन समाज पार्टी से जुड़े थे. इसके बाद वह कानपुर से कांग्रेस के कद्दावर नेता व विधायक अजय कपूर के संपर्क में आए व उनके नेतृत्व में क्षेत्र में कार्य करने लगे. कांग्रेस से जुड़ने के बाद उन्होंने पार्टी के प्रचार-प्रसार हेतु कई सालों तक कड़ी मशक्कत की. संगठन के प्रति उनके समर्पित भाव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें पार्षदी का टिकट दिया तथा वर्तमान में वह कांग्रेस पार्षद के रूप में क्षेत्र की राजनीति में अपना अहम योगदान दे रहे हैं.
प्रमुख कार्य –
अपने कार्यकाल में कराए गए प्रमुख कार्यों पर कौशर अली जी का कहना है कि पार्षद निर्वाचित होने के बाद से ही उन्होंने वार्ड में सुनियोजित तरीके से विकास कार्य करवाए हैं. पहले उनके वार्ड में जलभराव व सफाई की समस्या थी, जिसे उन्होंने नियंत्रित किया. कौशर जी का मानना है कि यदि नेता व जनता दोनों समान रूप में स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे, तो कहीं नाममात्र भी गंदगी नहीं होगी.
इसके अलावा उनके क्षेत्र में पेयजल की भी समस्या थी, जिसे दूर करने के लिए उन्होंने वार्ड में सब्मर्सिबल लगवाए. वहीं पानी की टंकी भी 2-4 माह में शुरू होने वाली है, जिससे पेयजल की बची हुई समस्या भी दूर हो जाएगी. इसके साथ ही उनके वार्ड में सीवर लाइन आदि डलवाने समेत कई विकास कार्य निरंतर चलते रहते हैं.
अहम चुनौतियां –
बतौर कांग्रेस पार्षद कौशर अली जी का मानना है कि विपक्षी पार्टी से होने के कारण काम करने में उन्हें काफी समस्या होती है. सत्ताधारी पार्टी के समर्थक हर कार्य में कमियां निकालते हैं, जिससे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है.
राष्ट्रीय मुद्दों का अवलोकन –
कौशर अली जी के अनुसार, वर्तमान में देश का सबसे गंभीर मुद्दा है - संप्रदायवाद अथवा धार्मिक कट्टरता. देश में धर्म के आधार पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. हर जाति, धर्म, समुदाय के लोग शांति से एक साथ रहना चाहते हैं, किन्तु राजनेताओं द्वारा उन्हें धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास किया जाता रहा है. इसलिए मौजूदा सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए तथा देश में शांति व सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए.