नाम - कल्पना सिंह
पद - सचिव , प्रगति सेवा सदन , कानपुर
नवप्रवर्तक कोड – 71182986
परिचय –
यूं तो महिला सशक्तिकरण की मिसाल देना एक आम बात हो गयी है, परन्तु अपने समाज के लिए कुछ कर गुजरने की जिद ने कल्पना जी को सही मायने में महिला सशक्तिकरण की मिसाल बना दिया है। कल्पना जी मूल रूप से एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहीं हैं। उनका जन्म फतेहपुर में हुआ था, पिता जी की मृत्यु के बाद माता जी ने उनका पालन-पोषण किया। 9वीं कक्षा तक कानपुर में पढ़ाई करने के बाद कल्पना जी संस्था की मदद से नैनीताल चली गई। वहाँ से इण्टर करने के बाद पुनः कानपुर आयीं तथा अरमापुर कॉलेज से
बीए की पढ़ाई शुरू की। इसी के साथ वें सामाजिक कार्यों के प्रति भी अग्रसर हुई।
संगठन की विशेषता –
अपने संगठन के माध्यम से कल्पना जी ने कानपुर की मलिन बस्तियों में जाकर विकलांगो का सर्वेक्षण किया तथा उन्हें उनकी जरूरत के सामान्य उपकरण मुहैया कराए। प्रगति संस्थान संगठन से डूडा को मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों की सही सूची का पता चल पाया था।
संस्था द्वारा पूर्ण कार्य -
प्रगति संस्थान के जरिये विकलांगों के लिए विशेष
विद्यालय चलाया जाता है, जिसका भरण–पोषण समाज द्वारा ही किया जाता है।
इस विद्यालय में कोई भी व्यक्ति अपने सामर्थ्यानुसार पठित सामग्रियों का दान कर सकता है. मुख्य तौर पर नोटबुक, ड्रेस, स्टेशनरी से जुड़ी वस्तुएं इत्यादि दान में विद्यालय को मिलती हैं. इस प्रकार विद्यालय
ठीक प्रकार से समाज द्वारा ही संचालित हो रहा है। यूएचआई के माध्यम से प्रगति सेवा
संस्थान में मलिन बस्तियों में लोगों को परिवार नियोजन की सही सीख देने का कार्य भी किया जाता है।
संस्थागत भविष्य के कार्य –
भविष्य में प्रगति सेवा संस्थान के माध्यम से कल्पना जी प्रताड़ित महिलाओं को इस संस्था में लाकर उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहती हैं। रोजगार से विमुख महिलाओं को सही दिशा निर्देश देने का प्रयास भी वें कर रहीं हैं साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी कल्पना जी का मूल ध्येय है।
समाज कार्य में आने वाली बाधाएं –
कल्पना जी देहव्यापार में फंसी महिलाओं को खुले वातावरण का जीवन देना चाहती हैं, परन्तु दलाल इसमें बाधाएं
उत्पन्न करते हैं। घरेलू महिलाओं को अपना घर छोड़ कर आने में समस्या होती है और जो महिलाएं
आती हैं, उनके भरण- पोषण में समस्याएं आती हैं। साथ ही सरकार की तरफ से फण्ड आने में देरी की समस्या भी एक बड़ी बाधा है।
नीति परिवर्तन पर विचार –
कल्पना जी चाहती हैं कि सरकार ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करना शुरू करे। जिससे लोन एवं महिलाओं को काम करने के लिए बैंक ने जाना पड़े। कोई कर्मचारी आकर
उस आवेदन की शीघ्रतम कार्यवाही करें। सरकारी कार्य वर्षों तक पेंडिंग पड़े रहते हैं, जिनका सही रूप से होना जरूरी है, इसके अतिरिक्त कल्पना जी का मानना है कि सरकारी कार्यों में यदि कोई बाधा उत्पन्न न हो और कार्य सुचारू रूप से चलता रहे तो निश्चित ही महिलाओं का विकास होगा।
सामाजिक परिवर्तन पर विचार –
यदि लोग अपने आप को बदलें, तभी वह विकास एवं जागरूक होने की बात सही ढंग से कह पाएंगे, इसी सोच के साथ कल्पना जी आगे बढ़कर कार्य करती हैं। साथ ही उनका मानना है कि अपने व्यक्तित्व को सुधार कर चीजों को देखने के नज़रिए में परिवर्तन लाना होगा एवं सही दिनचर्या का पालन करना होगा।