नाम : कामरान बेग
पद : पार्षद सपा, नज़रबाग़, वार्ड 92, (लखनऊ)
नवप्रवर्तक कोड :
परिचय –
कामरान बेग समाजवादी पार्टी से एक अनुभवी राजनीतिक नवप्रवर्तक हैं. वह वर्तमान में लखनऊ से नगर निगम पार्षद के रूप में कार्यरत हैं. वर्तमान में उनका निवास- स्थान फूलबाग, लखनऊ है एवं उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए. किया है. क्षेत्रीय राजनीति से कामरान बेग काफी लम्बे अरसे से जुड़े रहें हैं तथा वह करीब 24 साल से पार्षद के रूप में कार्य कर रहें हैं. उन्होंने सबसे पहले सन् 1995 में पार्षदी का चुनाव लड़ा था. इसके बाद उन्होंने लगातार 5 चुनाव लड़े और सभी में जीत हासिल की. उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक रही है तथा उनके मामा व नाना भी सक्रिय राजनीतिज्ञ रहे हैं. उनके नाना चेयरमैन व विधायक आदि पदों पर कार्य कर चुके हैं. जिस कारण शुरू से ही उनका राजनीति के प्रति झुकाव रहा हैं.
राजनीति में आने का कारण –
लम्बे अरसे से राजनीति से जुड़े होने तथा पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक होने के कारण कामरान बेग ने क्षेत्र में एक सियासी व प्रतिष्ठित ताना- बाना बुन रखा है, जिसे बरक़रार रखने और अपने क्षेत्र में गंगा- जमुनी तहजीब को कायम रखने के लिये ही वह राजनीति में सक्रिय हैं. इसके अलावा उनका कहना है कि गरीबों की मदद करने व क्षेत्र में अमन- शांति बनाए रखने के उद्देश्य से वह राजनीति में आये, क्योंकि राजनीति के माध्यम से समाज हित के लिए कार्य करने में आसानी हो जाती है.
क्षेत्रीय मुद्दे -
कामरान बेग के अनुसार नगर निगम चुनाव लड़ने के बाद एक पार्षद के सामने जो मुख्य मुद्दे होते हैं, वह है स्वच्छता, पेय जल, विद्युतीकरण तथा सडकों, गलियों व नालियों के निर्माण का कार्य. अपने लम्बे राजनीतिक कार्यकाल के दौरान वे अपने वार्ड में इन्हीं मुद्दों पर कार्य करते आये हैं तथा आगे भी करते रहेंगे.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार –
वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर कामरान बेग क्षेत्रीयवाद को देश के सबसे गंभीर मुद्दे के रूप में देखते हैं. उनका कहना है कि देश को क्षेत्रीयवाद अथवा वर्गवाद में विभाजित कर राजनीतिक दल आज वोटों की रोटियां सेंक रहे हैं और उनके इस स्वार्थ के कारण ही आज आम जनता जातिवाद, संप्रदायवाद और मॉब लिंचिंग जैसी समस्याओं से जूझ रहा है तथा यह मुद्दे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को भी धूमिल कर रहे हैं.
वैश्विक परिदृश्य पर विचार –
कामरान बेग के अनुसार भारत का विश्व में सम्मान बढ़ाने और इसे एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए हमें देश से संप्रदायवाद को समाप्त करना होगा. इसी के चलते आज देश जाति- धर्म व हिन्दु- मुस्लिम जैसे मुददों में बंट रहा है. यह मुद्दे आज देश के लिए नासूर बन गये है और देश को विकास के पथ से पीछे धकेल रहैं हैं. इसलिए सरकार को इसके लिए सख्त और एक ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिसका दुरूपयोग न किया जा सके. क्योंकि संप्रदायवाद के अंत से ही भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है.