नाम : ज्योतिष्ना कटियार
पद : चेयरमैन, अकबरपुर नगर पंचायत कानपुर देहात
नवप्रवर्तक कोड :
वेबसाइट - http://jyotishnakatiyar.in/
परिचय –
समाज सेवा कार्यों में अग्रणी ज्योतिष्ना कटियार जी मूल रूप से विधानसभा सिकंदरा के ग्राम उरसान के मध्यम वर्गीय किसान परिवार से संबंधित हैं, उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं से सम्पन्न हुई. इंटरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात वर्ष 1989 में वे महेंद्र कटियार जी के साथ परिणय सूत्र में बंधकर अकबरपुर आ गयी, जिसके उपरांत इनका सामाजिक जीवन आरम्भ हुआ. वर्तमान में ज्योतिष्ना जी जनपद कानपुर देहात की सदर नगर पंचायत अकबरपुर से चेयरमैन हैं.
राजनीतिक पदार्पण -
ससुराल पक्ष की पृष्ठभूमि सामाजिक होने के कारण ज्योतिष्ना कटियार जी का रुझान भी सामाजिक कार्यों में बढ़ गया, उनके ससुर जी एवं पति भी समाज सेवा के क्षेत्र में लम्बे समय से सक्रिय थे, इसी कारण समाजसेवा के जरिये जन साधारण की समस्याओं का वे ज़मीनी स्तर पर अवलोकन करती रहती थी. अंततः अपने पति से प्रेरणा लेकर उन्होंने भी राजनीति में भागीदारी करने की ठान ली.
वर्ष 2012 में नगर पंचायत के चुनावों में उन्होंने हिस्सा लिया और पूरे जनपद में सर्वाधिक रिकार्ड मतों से विजयी रही. उन्होंने लगातार 5 वर्ष जनता की सेवा बहुत ही मनोयोग से की जिसका परिणाम यह रहा कि पुनः वर्ष 2017 में जनता ने उन्हें रिकॉर्ड मतों से विजई बनाया वर्तमान में चेयरमैन के पद पर रहकर लगातार जनता की सेवा कर रही हैं
समाज सेवा से सरोकार –
ज्योतिष्ना जी के ससुराल में सभी के भीतर समाज सेवा का ज़ज्बा कूट कूट कर भरा हुआ है, उनके पति महेंद्र कटियार जी जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी हैं, राजनीति क्षेत्र में औपचारिक रूप से प्रवेश से पहले भी उनका परिवार समाज उत्थान के कार्यों में योगदान करता रहा है. विशेषकर निर्धन मरीजों की चिकित्सा हेतु वे मुफ्त दवाइयों का प्रबंध निजी धन से करते आए हैं.
गरीबों और राहगीरों के लिए प्याऊ लगवाना, गरीब बालिकाओं की विवाह में सहयोग करना इत्यादि बहुत से कार्य हैं जो उनका परिवार लगातार करता आ रहा है. ज्योतिष्ना जी का मानना है कि समाज में पिछड़े, दबे-कुचले और जरुरतमंदों की सेवा करके उन्हें आत्म-संतुष्टि का आभास होता है. उनका मानना है कि राजनीति के माध्यम से सामाजिक निर्माण का कार्य करना और अधिक सरल हो जाता है.
सम्पन्न विकास कार्य –
अपने दो बार के राजनैतिक कार्यकाल के दौरान ज्योतिष्ना जी क्षेत्र के विकास के लिए अनगिनत कार्य संपन्न करवा चुकी हैं. पेयजल की दिक्कतों को दूर करने के लिए उन्होंने जल निगम से वार्ता करके ग्रामों में 200 नल इंडिया मार्का हैंडपंप लगवाए, साथ ही शीतल पेयजल की व्यवस्था हेतु अब तक 16 वाटर कूलर भी वे लगवा चुकी हैं.
उनके कार्यकाल के प्रारम्भ में नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में कच्ची सडकों की समस्या से जनता को आए दिन जूझना पड़ता था, जिस पर उन्होंने सर्वाधिक कार्य करते हुए बहुत से ग्रामों में पक्की सड़कों की व्यवस्था करवाई और उनकी स्वच्छता व मरम्मत सम्बन्धी कार्य भी निरंतर कराती रहती हैं.
ग्रामों में विद्युतीकरण से जुड़ा विकास कार्य करवाने का सबसे बड़ा श्रेय भी ज्योतिष्ना जी को जाता है, उन्होंने अलीगढ़ से तकरीबन 250 पिलर तथा कानपुर से वायर आदि मंगवाकर 21 ग्रामों में बिजली की नई लाइन बिछवा कर ग्रामों को कस्बों से जोड़ा. इसके अतिरिक्त वे चिकित्सा के क्षेत्र में भी काफी क्रियाशील रहते हुए गरीब मरीजों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाती हैं.
सामाजिक क्षेत्र में भी उनका विकासात्मक योगदान काफी अधिक है, वृद्ध एवं बेसहारा महिलाओं के लिए उन्होंने वृद्धाश्रम में अच्छी व्यवस्थाएं करवाई तथा सुविधाएं बढ़वाई तथा वह अपने व्यस्त समय में से कुछ वक्त निकाल कर इन महिलाओं के साथ व्यतीत अवश्य करती हैं. एक गृहणी के तौर पर घर का संचालन तथा जनप्रतिनिधि के तौर पर नगर पंचायत के सभी व्यवस्थाओं को ज्योतिष्ना जी सुचारु व सफल रूप से संचालित कर रही है
क्षेत्रीय मुद्दे –
नगरीय क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण ज्योतिष्ना जी के क्षेत्र में बहुत सारी मूलभूत समस्याएं हैं, जिन पर वह कार्य करना चाहती हैं. जैसे स्वच्छता, बिजली एवं पेयजल आदि से जुड़ी समस्याएं. विशेष रूप से जल संरक्षण की दिशा में वे बहुत से कार्य करना चाहती हैं, क्योंकि ग्रामों में भी भूजल का स्तर अनवरत रूप से गिर रहा है और ज्योतिष्ना जी मानती हैं कि यदि ग्राम स्तर पर जल संचयन किया जाए तो ना केवल भूजल प्राकृतिक रूप से रिचार्ज होगा, अपितु बाकी के ग्रामों को जल संरक्षण की प्रेरणा भी मिलेगी. इसके लिए वे भविष्य में क्षेत्र में तालाबों को संरक्षित कर उनका सौंदर्यीकरण भी करवाना चाहती हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार –
राष्ट्रीय स्तर पर ज्योतिष्ना जी का कहना है कि देश में अहम मुद्दा लचर शिक्षा व्यवस्था का है . प्राइमरी स्कूलों में छात्रों को उचित सुविधाएं नहीं मिल पाती, जिसके कारण लोग आज ग्रामीण इलाकों से पलायन करने पर विवश हैं. साथ ही मिड डे मील का भोजन भी बहुत खराब रहता है, जो छात्रों की सेहत के लिए अच्छा नहीं है. इसलिए मिड डे मील प्रणाली हटवाकर गरीब छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए.
वहीं देश में दूसरा गंभीर
मुद्दा है स्वास्थ्य के प्रति देश में अज्ञानता और गरीबों को स्वास्थ्य संबंधी
योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाना. वास्तव में सरकारी परियोजनाओं का उचित ज्ञान नहीं
होने के कारण जरूरतमंदों को इनका लाभ नहीं मिल पाता है और वे झोलाछाप डॉक्टर या
नीम- हकीमों के चक्करों में पड़कर अपनी जान गवां देते हैं. इसकी ओर सरकार को सख्त
रवैया अपनाने की व भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है.
वैश्विक परिद्रश्य में भारत –
ज्योतिष्ना जी का मानना है कि यदि भारत में शिक्षा का स्तर विकसित कर दिया जाये और ग्राम-देहातों में विद्यार्थियों को प्राइमरी स्तर से ही गुणवत्ता से भरी शिक्षा उपलब्ध करायी जाए तो देश वास्तव में उन्नति करेगा, क्योंकि बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं. साथ ही वे मानती हैं कि जल-संचयन पर ध्यान देकर भी देश विश्व पटल पर एक सकारात्मक छवि बना सकता है.