नाम : इंद्रदेव पटवा
पद : पार्षद (भाजपा), जोल्हा उत्तरी, वार्ड 25 (वाराणसी)
नवप्रवर्तक कोड़ : 71183906
परिचय
वाराणसी के जोल्हा उत्तरी वार्ड 25 से पार्षद इंद्रदेव पटवा भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले कार्यरत हैं. राजनीति में प्रवेश से पूर्व भी वह सामाजिक कल्याण हेतु प्रयासरत रहे हैं. समाज सेवा के निहितार्थ राजनीति का हिस्सा बने इंद्रदेव पटवा, पटवा समाज से अध्यक्ष भी रहे हैं और साथ ही कोली समाज से प्रदेश सह प्रभारी के पद पर भी उन्होंने कार्य किया.
सामाजिक
अगुवाई
प्रारंभ से ही समाज सेवा क्रम से जुड़े रहे इंद्रदेव पटवा ने अपने वार्ड की समस्याओं को बेहद करीब से समझा. आम जन की मूलभूत समस्याओं और उनके निराकरण के लिए तत्कालीन पार्षद द्वारा कोई उपाय नहीं किये जाने को देखते हुए उन्होंने निश्चय किया कि यदि स्थानीय विकास करना है तो स्वयं ही आगे बढ़ना होगा. इसके चलते ही उन्होंने राजनीति में कदम रखा और भाजपा के साथ जुड़ते हुए आज पार्षद पद पर जनसेवा हेतु प्रयासरत हैं.
प्रमुख
क्षेत्रीय मुद्दें
एक मलिन बस्ती वार्ड होने के चलते जोल्हा उत्तरी के अंतर्गत बहुत सी मौलिक सुविधाओं का अभाव लम्बे समय से रहा है. वर्तमान पार्षदीय कार्यकाल से पूर्व यहां लगभग 1260 मीटर तक कोई पेयजल लाइन नहीं बिछी थी, साथ ही तकरीबन 2 किमी तक कच्ची सडकें वार्ड में थी और सीवर पाइप भी वार्ड में नहीं डाली गयी थी.
संपन्न विकास
कार्य
वार्ड का विकास करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए इंद्रदेव पटवा ने अपने डेढ़ वर्षीय कार्यकाल के अंतर्गत 22 गलियों का निर्माण करवाया, पेयजल हेतु प्रयास करते हुए एक मिनी ट्यूबवेल लगवाया, सभी कुंओं की सफाई एवं मरम्मत करवाई तथा बहुत से स्थानों पर हैंडपंप की भी व्यवस्था की. इसके साथ ही उन्होंने 200-250 तक पेयजल पाइप लाइन बिछवा दिए हैं और आगे भी कार्य जारी है. इंद्रदेव पटवा पेयजल लाइन के लिए टेंडर पास कराने की भी तैयारी कर रहे हैं.
पर्यावरण
संरक्षण पर विचार
इंद्रदेव पटवा वृक्षारोपण अभियान के माध्यम से पर्यावरण को सहेजे जाने को आज के दौर में सबसे अहम मानते हैं. उनके अनुसार यदि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगायेंगे तो भावी पीढ़ी को अन्न-जल का उपहार मिलेगा. देश में भूजल के गिरते स्तर को बरक़रार रखने के लिए उन्होंने वृक्षों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण बताई.
इसके अतिरिक्त उनका मानना है कि यदि गांवों और शहरों में घरों के अंतर्गत उपयोग होने वाला जल (सीवर जल से अलग) दोबारा से धरती में पहुंचा दिया जाये तो एक तो देश भर में इतना जल व्यर्थ नहीं जाएगा और दूसरे धरती में भूजल का स्तर भी संतुलित रहेगा. इसके लिए वें प्रत्येक घर के पास बोरिंग माध्यम से पाइप्स के जरिये दैनिक कार्यों में उपयोग होने वाले जल को धरती में पहुंचाया जाना उपयुक्त माध्यम मानते हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार
राष्ट्रीय मुद्दों पर इंद्रदेव पटवा का कहना है कि आज धारा 370 और 35ए के हटाये जाने से देश को बड़ी राहत मिली है, देश को इस तरह के निर्णायक फैसलों की अति आवश्यकता थी. इसके साथ ही उनके अनुसार आज देश में ऐसे बहुत से नेता हैं जो देश को दो भागों में बाँटने का कार्य अपने बयानों से कर रहे हैं, जिनके खिलाफ सरकार को कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए, जिससे भारत में चैन, अमन और खुशहाली बनी रहे.