नवप्रवर्तक : हसीब अहमद निज़ामी
पदभार : राष्ट्रीय अध्यक्ष, अल्पसंख्यक महासभा
नवप्रवर्तक कोड़ : 71183569
परिचय
“सम्प्रदायवाद न जातिवाद.. सर्वोपरि राष्ट्रवाद,” के सिद्धांत का अनुसरण करने वाले हसीब अहमद
निज़ामी जी भारतीय अल्पसंख्यक महासभा संगठन के माध्यम से देश के सभी अल्पसंख्यक
वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए कार्य करते हैं. यह संगठन रचनात्मक रूप से देश के तक़रीबन
18 राज्यों में सक्रियता के साथ कार्य कर रहा है.
संगठन का ध्येय व विजन :
भारतीय अल्पसंख्यक महासभा के माध्यम से हसीब अहमद जी सभी अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों में एकता लाने व उन्हें स्वावलंबी बनाने का कार्य करते हैं. उनका मानना है कि आज जब समाज के सभी लोग स्वयं को सक्षम बनाने के लिए विभिन्न कार्य कर रहें हैं, तो देश के अल्पसंख्यक वर्ग पीछे क्यों रहें? हमारे संगठन का प्रथम प्रयास ही अल्पसंख्यकों को सही दिशा व नेतृत्व प्रदान करना है तथा उन्हें जागरूक कर कर देश के उज्जवल कल के निर्माण में उनका योगदान अंकित करना है.
संपन्न विकास कार्य :
लोगों को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयासरत हसीब अहमद जी अपने संगठन के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं को अल्पसंख्यक वर्ग तक पहुँचाने के लिए प्रयासरत हैं. इसके अतिरिक्त वह अल्पसंख्यक वर्ग को भी सरकार से जोड़ने के लिए विभिन्न प्रयास करते हैं. सरकार और लोगों के बीच हसीब अहमद जी एक मध्यस्थ की भांति कार्य कर रहें हैं. उन्हें सरकार द्वारा जो भी प्राप्त होता है, वह सब अल्पसंख्यक वर्ग तक पहुँचाया जाता है. उनकी मौलिक जरूरतों को समझते हुए सरकार द्वारा उन्हें समय पर पूरा करने का भी प्रयास किया जाता है.
इसके साथ ही वह लोगों के निर्वाचन सूची में नाम अंकित कराने का कार्य भी करते
है. जिससे लोगों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता व सभी को उचित सुविधाएं प्राप्त होती
हैं और देश में एक स्वस्थ लोकतंत्र स्थापित होता है.
इसके अतिरिक्त उनके संगठन द्वारा छात्रवृति व सभी छात्र-छात्राओं को समान रूप से शिक्षा प्राप्त कराने के उद्देश्य से युध्स्तर पर उनके दाखिले के लिए कार्य किया गया है. साथ ही वह आधुनिक शिक्षा की दिशा में भी सुधार लाने का हर संभव प्रयास कर रहें हैं. उनका मानना है कि यदि हमारे देश के युवा आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे तभी हमारा देश भी तरक्की कर उच्च पायदान पर विराजमान होगा.
सामाजिक कार्यों में बाधाएं :
हसीब अहमद के अनुसार यदि कोई व्यक्ति सामाजिक हित के लिए कार्य करने का प्रयास
करता है तो उसके मार्ग में बाधाएं उत्पन्न होना तो स्वाभाविक है. सबसे बड़ी बाधा तो
आर्थिक तौर पर आती है. कोई भी कार्य संपन्न करने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होना
बेहद आवश्यक है, क्योंकि सरकार की तरफ से
कोई भी सहायता नहीं मिल पाती.
इसके अतिरिक्त सभी को मिलकर अपने बलबूते पर सभी कार्य संपन्न करने पड़ते हैं.
कोई भी राजनीतिक पार्टी, नेता या सरकार की ओर से हमारे द्वारा किए गये कार्यों को
प्रोत्साहित नही नहीं किया जाता. जिससे संगठन की क्रियाशीलता तो प्रभावित होती ही
है, साथ ही व्यक्ति का मनोबल भी कमज़ोर पड़ जाता है.
नीति परिवर्तन पर विचारधारा :
आज हमारा देश दौराहे की स्थिति पर खड़ा है, ऐसा मानने वाले हसीब अहमद बताते हैं कि आज़ादी प्राप्त होने के पश्चात जिस वेग से देश आगे बढ़ा था, वर्तमान में वह गति बेहद धीमी हो चुकी है. देश की तरक्की में स्वयं देश के लोग ही बाधाएं उत्पन्न कर रहें हैं.
राजनीति के माध्यम से लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से लोग देश की नींव को ही
कमजोर करने में लगे हैं. उनका मानना है कि यदि इसी प्रकार लोग नीति-नियमों से
खेलते रहेंगे तो हमारा देश बेहद पीछे रह जाएगा. आज समय है, सभी को मिलकर अपनी
बुद्धिमता का परिचय देने का और देश को सही दिशा में ले जाने के लिए प्रयास करने
का.
भविष्यगत योजनाएं :
हसीब अहमद जी बहुत सी योजनाओं के माध्यम से समाज को एक बेहतर स्तर प्रदान करना
चाहते हैं. उनके अनुसार आज देश का इतिहास लुप्त होने की कगार पर है, देश के लिए अपने प्राण त्याग देने वाले हमारे स्वतंत्रता
सेनानी, महान शूरवीर, कवि व लेखकों के कार्यों को आज सभी अपने दैनिक कार्यों को
पूर्ण करने के चक्कर में भूलते जा रहें हैं. वह चाहते हैं कि उनके प्रयासों के
द्वारा देश के इतिहास की रक्षा की जाए व सभी लोगों को इस दिशा में कार्य करने के
लिए प्रेरित किया जाए.