नाम - हाकिम सिंह यादव
पद - पूर्व ब्लॉक प्रमुख, राजपुर
नवप्रवर्तक कोड – 71183001
परिचय –
हाकिम सिंह यादव एक राजनीतिक नवप्रवर्तक हैं जो कि राजपुर ब्लॉक, कानपुर देहात के पूर्व ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं. वह मूलरूप से गुरुनईखुर्द ग्राम, थाना सिकंदरा, ब्लॉक राजपुर, कानपुर देहात के रहने वाले हैं. वह एक अत्यंत सरल व साधारण परिवार से सम्बन्ध रखते हैं. उन्होंने एम.ए. व बी.एड किया है जिसके बाद उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में ही काफी कार्य किये. उन्होंने एक विद्यालय की स्थापना की जिसे उन्होंने इंटरमीडिएट तक की मान्यता दिलाई. उन्होंने सर्वप्रथम क्षेत्र से पंचायत चुनाव लड़ा था जिसमें क्षेत्र की जनता ने उन्हें भारी मतों से विजयी बनाया. इसके बाद वह दो बार ब्लॉक प्रमुख भी चुने गये जिसमें भी वह काफी अच्छे मतों से चुनाव जीते. वहीं 2003 में वह सर्विस में आ गये थे. सर्विस में रहने के बावजूद वह समाज से जुड़े रहें तथा सर्विस के बाद का अपना शेष समय राजनीति व जनसेवा से सम्बंधित कार्यों को देते थे.राजनीति में आने का कारण –
हाकिम सिंह यादव ने समाज सेवा के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया. उनका लक्ष्य समाज में योगदान देकर उसे विकास के पथ पर ले जाना है. उनके विचार से एक पढ़ा-लिखा व जागरूक नागरिक होने के नाते हम सब का कर्त्तव्य व दायित्व है कि हम समाज को एकता के सूत्र में बांधे जिससे समाज का विकास व उन्नति हो. इन्हीं उद्देश्यों के साथ उन्होंने राजनीति करना प्रारंभ किया व क्षेत्र पंचायत तथा ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ा.क्षेत्रीय मुद्दें –
क्षेत्रीय मुद्दों पर हाकिम सिंह यादव का कहना है कि आम लोगों को अभी भी बेहतर सुविधाओं के लिए कानपुर नगर जाना पड़ता है किन्तु कानपुर नगर से कानपुर देहात काफी दूर है. अतः प्रशासन को कानपुर देहात में अच्छी शिक्षा व स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहियें ताकि लोगों को बाहर न जाना पड़े, क्योंकि जब लोग स्वस्थ होंगे तभी अच्छा कार्य कर सकेंगे तथा तभी क्षेत्र विकास हो पायेगा. हाकिम सिंह यादव के अनुसार उन्होंने अपने कार्यकाल में अपने क्षेत्र का हर संभव विकास किया. उन्होंने अपने ब्लॉक के साधन विहीन गांवों में निजी निधि से सड़कें व नालियां बनवायीं तथा कई अन्य विकास कार्य किये.
राष्ट्रीय मुद्दें –
राष्ट्रीय स्तर पर हाकिम सिंह यादव का मानना है कि वर्तमान में देश का सबसे बड़ा मुद्दा है भ्रष्टाचार. हमें देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना होगा. आज कुछ नेता कालेधन की बात करके सत्ता में आ जाते हैं, किन्तु उनकी मंशा कुछ और ही होती है. इसके अलावा आज जिस तरह से राजनीति में जातिवाद बढ़ता जा रहा है उसे समाप्त करना होगा. नेता भले ही अशिक्षित हों, किन्तु स्वच्छ छवि वाले होने चाहियें तथा उनकी भावना देश को बांटने की नहीं बल्कि एकता के सूत्र में बाँधने की होनी चाहिए. वहीं राजनीति में सिर्फ साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को मौका मिलना चाहिए और इसके लिए संविधान में अलग से व्यवस्था की जानी चाहिए.