नाम- गिरीश कुमार मिश्रा
पद- पार्षद (कांग्रेस), रामजी लाल नगर-सरदार पटेल नगर, वार्ड-29 (लखनऊ)
नवप्रवर्तक कोड-71183790
परिचय-
लखनऊ से वरिष्ठ पार्षद के रूप में कार्य कर रहे गिरीश मिश्रा समाज के वंचित वर्गों को सहायता देने के उद्देश्य से राजनीति में शामिल हुए. पेशे से लेक्चरर गिरीश कुमार सामाजिक एवं राजनीतिक दोनों ही क्षेत्रों में अपना योगदान देते हुए स्थानीय विकास की दृष्टि से विगत 25 वर्षों से सक्रिय तौर पर सेवाएं दे रहे हैं.
हिंदी एवं इकोनॉमिक्स विषय से परास्नातक की शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ उन्होंने बीएड की डिग्री भी प्राप्त की है तथा वर्तमान में वह खालसा इंटर कॉलेज, लखनऊ में हिंदी लेक्चरर के पद पर कार्य कर रहे हैं. इसके साथ ही राजनीतिक क्षेत्र में भी वह बतौर पार्षद जनहित के कार्यों में संलग्न हैं.
राजनीतिक पदार्पण-
छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश करने वाले गिरीश कुमार अपने स्कूल में कक्षा सात से लगातार क्लास मॉनिटर रहे हैं, इसके साथ ही स्नातक के समय भी वह छात्र राजनीति का हिस्सा बनते हुए सेक्रेटरी पद पर छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयासरत भी रहे हैं. अध्यापक बनने के उपरांत भी समाज हित की इच्छा से गिरीश कुमार राजनीति से जुड़े रहे.
सामाजिक सरोकार
नौकरी और व्यवसाय को मात्र जीविका का साधन मानते हुए गिरीश कुमार अपने विचार साझा करते हुए कहते हैं कि उन्हें अध्यापन कार्य से जो भी समय मिलता है, उसे वह मजबूर, असहाय, निर्धन और वंचित लोगों की समस्याएं सुनने व उनका निराकरण करने में लगा देते हैं. इसी सेवा भावना के चलते गिरीश कुमार समाज सेवा से जुड़े रहे हैं और राजनीति में उनके शामिल होने का प्रमुख ध्येय भी यही रहा है.
प्रमुख क्षेत्रीय समस्याएं
उनके अनुसार वार्ड में सबसे बड़ी समस्या जलभराव की है, बरसात के समय स्थानीय निवासियों के सम्मुख जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. जिसका सबसे बड़ा कारण क्षेत्र में कोई भी नाला नहीं होना है. हालांकि वार्ड में एक अंडरग्राउंड नाला है, किन्तु वह भी 30 वर्ष पुराना है जिस वजह से यह समस्या जस की तस बनी रहती है.
इसके अतिरिक्त वार्ड में कहीं भी सीवरलाइन नहीं है, जिसके चलते स्थानीय निवासी अपने घरों में ही टैंक की व्यवस्था कराने पर विवश हैं, ऐसे में लगातार भूजल प्रदूषण का खतरा मंडराता रहता है.
इसके साथ ही वार्ड में पेयजल की समस्या भी बेहद गंभीर है. उनके वार्ड में पेयजल का प्रमुख स्त्रोत टयूबवेल जल सप्लाई है और 18-20 मोहल्लों के लिए मात्र 6-7 ट्यूबवेल होना अपर्याप्त है. गिरीश कुमार ने यद्यपि वार्ड में सुचारू जल व्यवस्था के लिए बहुत से प्रयास किए हैं, किन्तु अभी भी बहुत से मोहल्लें पेयजल सुविधा से वंचित हैं.
संपन्न विकास कार्य
क्षेत्रीय समस्याओं के यथोचित समाधान के लिए गिरीश कुमार ने क्षेत्र में तीन बड़े और छोटे ट्यूबवेल लगाने का कार्य किया, जिससे जनता को पेयजल मिल सके और जल संकट से जुड़ी विभीषिका कम हो.
अपने पार्षदीय कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि गिरीश कुमार वार्ड में सभी पार्कों के नवीनीकरण को मानते हैं, उनके अनुसार आज वार्ड के सभी पार्क पूर्णरूपेण विकसित हैं. सभी पार्क हरीतिमा से भरपूर, साफ़-सुथरे, विकसित बाउंड्रीवाल, सुचारू फाउंटेन व्यवस्था और सुव्यवस्थित पैदल पथ से परिपूर्ण हैं, जिससे स्थानीय निवासियों को स्वच्छ हवा में टहलने के लिए बेहतरीन स्थान मिलता है.
इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्रवासियों की सुगमता हेतु 3-4 सुलभ शौचालय, रेलवे क्षेत्र में बारातघर इत्यादि भी स्थापित कराए. अपने कार्यकाल के अंतर्गत गिरीश जी ने कभी भी अतिक्रमण की समस्या को वार्ड में नहीं टिकने दिया, जिसे वह अपने कार्यकाल की बड़ी विशेषता मानते हैं. साथ ही वार्ड के तकरीबन 90 प्रतिशत क्षेत्र में मार्ग प्रकाश की व्यवस्था सुगम हो गयी है और अन्य विकास के जुड़े मुद्दों पर निरंतर कार्य चलता ही रहता है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार
आतंकवाद और बेरोजगारी को भारत के सबसे बड़े मुद्दें मानते हुए गिरीश कुमार मिश्रा कहते हैं कि वर्तमान में हमारे नौजवान अच्छे रोजगार के अभाव में खाली घूम रहे हैं, जो आज देश की सबसे बड़ी समस्या है. आज जब हमारे देश में युवाओं के कौशल और योग्यता को संवर्धित करते हुए सरकार को अच्छे उद्योगों की स्थापना कर रोजगार के अवसर बढ़ाने चाहिए, वहीं इसके विपरीत व्यवस्था बिलकुल उलट है और मजदूरों का शोषण पूंजीपतियों द्वारा हो रहा है. इस अव्यवस्था पर रोक लगनी चाहिए और हमारे युवाओं के लिए रोजगारपरक उद्योगों का विकास होना चाहिए.
गिरीश कुमार आतंकवाद को भी देश की विकट समस्या मानते हैं और उनके अनुसार सरकार के समझौतावादी दृष्टिकोण के चलते ही यह समस्या बढ़ रही है और यह तब तक नियंत्रण में नहीं आ सकती जब तक सरकार योजनाबद्ध रूप से अहम एवं निर्णायक फैसला नहीं ले लेती. इस समस्याओं के निवारण के साथ ही भारत की प्रगति के मार्ग स्वत: ही खुल जायेंगे.