नाम : डॉक्टर ऋषि कुमार सिंह
पद : चिकित्सा अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, लखीमपुर खीरी
नवप्रवर्तक कोड : 71183014
परिचय :
डॉक्टर ऋषि कुमार सिंह लखीमपुर जनपद के एक सरकारी डॉक्टर के पद पर कार्य कर रहे हैं. खाली समय का सदुपयोग किया जा सके इसलिए वह समाज सेवा के कार्यों में भी संलग्न हैं. ऋषि कुमार चिकित्सा के माध्यम से तो जनसेवा कर ही रहें हैं, इसके अलावा वह एनजीओ से भी जुड़े हुए हैं. जिसके माध्यम से वह समाज सुधार तथा समाज सेवा के कार्य को सही रूप से करते हैं. उन्होंने सामाजिक संस्थाओं को लोगों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण माना इसीलिए वह सामाजिक संस्थाओं में भी सम्मिलित हुए. जन कल्याण करने की भावना से वह एक सामाजिक संस्था उत्थान युवा चेतना समिति में भी सम्मिलित हुए, इस समिति का प्रमुख ध्येय महिला उत्थान है. उन्होंने समाज के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सरकारी विभागों की भी सहायता ली. वृक्षारोपण के कार्य को बढ़ावा देने की दिशा में भी कई कार्य किये.
संगठनों से जुड़ने का उद्देश्य
उन्होंने प्रारंभ से ही समाज की कुरीतियों को देखकर, सामाजिक उत्थान का कार्य करने का मन बना लिया था. उन्होंने पिछड़े लोगों को सही शिक्षा प्राप्त कराने एवं महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत प्रयास किया. उन्होंने समाज में फैली पुरानी मान्यताओं को समाप्त करने के लिए भी कई कार्य किये.
टी.बी. की बीमारी के बारे में लोगों को जो भ्रांतियां थी, उन्हें समाप्त
करना इनका प्रमुख उद्देश्य रहा. अपने अटल उद्देश्य को साथ लेकर वह ममता फण्डिंग
एजेंसी से जुड़े, उन्होंने इस संगठन से जुड़ने के बाद कानपुर देहात में टी.बी. के
मरीजों की उचित सहायता की.
समाजसेवा से जुड़ने का कारण
उनके अनुसार सरकार के द्वारा दी गयी सहायता जमीनी स्तर के लोगों तक नही पहुंच पाती है तथा सरकार द्वारा गठित सभी योजनायें पिछड़े वर्ग को सहायता प्रदान नही कर पाती हैं, इसीलिए उन्होंने सरकारी योजनाओं तथा नीतियों को जनसामान्य तक पहुँचाने की ठान ली, ताकि सभी वर्ग के लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो सके.
समाज में बीमारियों के बारे में अनेक भ्रांतियां फैली हैं,
जिसमें लोग या तो अपनी बीमारी को छुपा लेते हैं या किसी अनजान डॉक्टर से इलाज़
करवातें हैं, इन बातों का अंत करने के लिए उन्होंने सामाजिक संस्थाओं के साथ जुड़कर लोगों को जागरूक करना प्रारंभ कर दिया.
मार्ग में आने वाली कठिनाइयां
समाज सुधार के कार्य में कठिनाइयाँ स्वाभाविक हैं, प्रारंभ में नेताओं की राजनीति केन्द्रीकरण वाली सोच के कारण इनको सरकार का सहयोग नहीं मिला तथा पिछड़ी बुद्धि के लोगों ने भी समाज सेवा के कार्य में बांधाएं डाली. झोलाछाप डॉक्टरों ने बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के कार्य में प्रमुख रूप से हस्तक्षेप किया. उन्होंने इतनी कठिनाइयां आने के बावजूद हार नहीं मानी और अपने कार्य को अनवरत रूप से करते रहे.
सामाजिक योजनायें
उन्होंने ममता फण्डिंग एजेंसी के द्वारा 3000 से भी अधिक लोगों को कानपुर देहात में टी.वी. के प्रति जागरूक किया. उनकी प्रमुख योजनाओं में से एक कानपुर तथा लखनऊ में मधुमेह तथा कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना है.
विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से शिक्षा,
नारी प्रोत्साहन तथा पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा देना इनकी प्रमुख योजनायें हैं. वह
गवर्मेंट डिपार्टमेंट की सहायता से पर्यावरण संरक्षण के दायरे को फैलाना चाहते
हैं.
सुधार की दृष्टि से विचार
उनके अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा, नारी उत्थान, वृक्षारोपण आदि के विषयों को सामाजिक रूप से प्रोत्साहन मिलना चाहिए. उनके अनुसार सरकारी विभाग केवल एक सीमित समय तक ही कार्य करते हैं जबकि एनजीओ अनिश्चित समय तक, इसीलिए सरकार को एनजीओ को भी स्वयं के साथ जोड़ना चाहिए. सामाजिक संस्थाओ और एनजीओ के माध्यम से सामाजिक उत्थान के कार्य को दिन–रात किया जा सकता है. लोगों को एक-दूसरे से जुड़ना और एक संपर्क स्थापित करना चाहिए, जिससे सभी की सहायता हो सके. इसके अलावा सभी व्यक्तियों को आपसी सहयोग से पर्यावरण की सुरक्षा करनी चाहिए.