नवप्रवर्तक - डॉ मो. सनाउल हक
पदभार – संयोजक, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी, शिक्षक प्रकोष्ठ
नवप्रवर्तक कोड -
वेबसाइट - http://mohammadsanaulhaque.com/
परिचय
लखनऊ के नामचीन घराने से ताल्लुक रखने वाले डॉ मो. सनाउल हक एक उच्च शिक्षित
समाजसेवक एवं स्वच्छ राजनीति के पक्षधर हैं. उनकी पारिवारिक जडें बेहद प्राचीन
हैं, उनके पैतृक घराने से मुल्ला कुतुबुद्दीन उर्फ मुल्ला बड़े साहब तत्कालीन
समय में बादशाह दिल्ली के मुर्शिद (धार्मिक गुरु) हुआ करते थे और उन्हें दिल्ली
दरबार में दुआगो तख्त-ओ-ताज का ख़िताब प्राप्त था.
वहीं यदि उनके मातृक परिवार की बात की जाये तो उनकी माता जी
स्वर्गीय शाहजहां बेगम लाहौर के जाने माने खान बहादुर डॉ. रहीम खां की पोती थीं,
जिनका जिक्र “द गोल्डन बुक ऑफ इंडिया” में है और उनका
नाम लाहौर के जाने माने रईसों में लिया जाता है.
प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा-दीक्षा
जब आप एक खानदानी परिवार से संबंध रखते हों, तो उसकी स्वाभाविक
विशिष्टाएँ स्वयं आप में होनी भी जायज है..इसी पुरातन तहजीब का हिस्सा डॉ. सनाउल
हक भी बनें और शिक्षा के क्षेत्र में बेहद नाम कमाया. वर्ष 1940 में डालीगंज, लखनऊ
में जन्में डॉ. सनाउल हक ने लखनऊ विश्वविद्यालय से जूलॉजी विषय में एम.एससी करते
हुए टॉप किया और जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से के.एन.बहल मैडल प्राप्त किया. इसके
उपरांत उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से पीएचडी की मानद डिग्री प्राप्त करते हुए लखनऊ
के मशहूर कॉलेज इसाबेला थोबम के डिग्री विभाग में मुलाजमत की तथा वहां प्राध्यापक
एवं प्रधान पद पर सेवाएं देते हुए रिटायर हुए.
राजनीति एवं सामाजिक सरोकार
वर्तमान समय में कांग्रेस से जुड़कर राजनीति के अंतर्गत
भागीदारी कर रहे डॉ. सनाउल हक शिक्षा के साथ साथ समाज कल्याण के क्षेत्र से भी
जुडें हैं. नि:स्वार्थ भाव से जनसेवा कार्यक्रमों में अग्रणी होकर कार्य करते हुए
वह लखनऊ जिले में जनता के सेवक के रूप में लोकप्रिय हैं. खेलकूद एवं स्टेज एक्टिंग
में भी रूचि रखते हुए उन्होंने रिटायरमेंट के बाद बच्चों के लिए एक स्कूल भी खोला
हुआ है.
बेहद ईमानदारी के साथ निरंतर जनहित कार्य करते हुए डॉ. सनाउल हक
चुनाव लड़ने के स्थान पर समाजसेवा को ही अपना ध्येय मानकर चलते हैं.
जन विकास का मंतव्य
डॉ. सनाउल हक लोगों के बीच में जाकर उनकी समस्याओं को सुनकर
उनका समाधान निकालने की दिशा में प्रमुख रूप से कार्य करना चाहते हैं, जिससे आम
जनता को प्रेरणा मिले तथा उनमें विश्वास पैदा किया जा सके. साथ ही उनका मानना है
कि वर्तमान में हमें प्रभावशाली एवं स्वच्छ शासन की आवश्यकता है तथा एक राजनेता को
भाषण देते समय यह ख्याल रखना होगा कि आपके शब्द किसी को ठेस न पहुंचाए. डॉ. सनाउल
हक के अनुसार आज समाज को एक ऐसे नेता की आवश्यकता है, जिसकी कथनी और करनी में कोई
फर्क नहीं हो और जो जनता की जरूरतों से भली-भांति वाकिफ हो.
प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार और समाधान
“विकास के ऊपर सही मायने में ध्यान दें, किन्तु बीते हुए
समय को सामने रखते हुए.” यह विचारधारा रखते हुए डॉ. सनाउल हक चाहते हैं कि देश में
गरीबों को एक ऐसे स्तर पर लाना होगा, जहां उनको समाज में सम्मान मिल सके. समाज में
सभी लोगों को सुरक्षा तथा न्याय मिलना आवश्यक है.
साथ ही देश को उच्च शिक्षित बनाने का उद्देश्य लेकर चलना होगा, उच्च स्तरीय शिक्षा को बढ़ावा देते हुए सबको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करना हमारा प्रमुख ध्येय होना चाहिए, क्योंकि जब शिक्षित लोग आपस में मिलजुलकर रहना पसन्द करेंगे तो निश्चित ही अपने भविष्य को सुधारने की कोशिश करेंगे और देश भी आगे बढ़ेगा.