भारतीय संस्कृति
और विरासत को गहन शोध के माध्यम से दस्तावेजित करने में अग्रणीय डॉ. अमिता सिन्हा उर्बाना
में इलिनोइस विश्वविद्यालय में लैंडस्केप आर्किटेक्चर विभाग में भूतपूर्व प्रोफेसर
रही हैं. सांस्कृतिक परिदृश्य क्षेत्र उनके अनुसंधान का केंद्रीय बिंदु है तथा वह
अपने छात्रों और सहयोगियों के साथ अपनी रिसर्च के आधार पर भारत में विरासत संरक्षण
पर कई लेख लिख चुकी हैं. जिनमें सारनाथ, ताजमहल, गुजरात में चंपानेर-पावागढ़, तिरुचिरापल्ली में रॉकफोर्ट, लखनऊ में गोमती रिवरफ्रंट, दिल्ली रिज क्षेत्र, बृज में गोवर्धन पर्वत और
यमुना रिवरफ्रंट, बुंदेलखंड में
ओरछा और राजस्थान में आमेर सम्मिलित हैं.
वर्ष 2001 में उन्हें
ताजमहल विरासत जिले के लिए अमेरिकन सोसाइटी ऑफ लैंडस्केप आर्किटेक्ट्स द्वारा राष्ट्रीय
मेरिट अवॉर्ड (विन्स बेलाफोएर और टेरेन्स हार्केनेस के साथ) द्वारा पुरस्कृत किया
गया है. अमिता जी लैंडस्केप्स इन इंडिया : भारत में परिदृश्य : फॉर्म एंड मीनिंग्स
(यूनिवर्सिटी प्रेस ऑफ कोलोराडो 2006) की लेखक है. लैंडस्केप पर्सेप्शन (एकेडमिक
प्रेस 1995) और दिल्ली की प्राकृतिक विरासत (यूएसआईईएफ और इनटाक 2009) में संपादक
भी रह चुकी हैं.
वर्तमान में अमिता जी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर में विजिटिंग प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं, वे कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त कर चुकी हैं. भारतीय संस्कृति के अंतर्गत नदी विरासत पर किया गया उनका गहन शोध कार्य सराहनीय है, जिसमें उन्होंने गंगा, यमुना, गोमती आदि नदियों की ऐतिहासिकता एवं धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी रिसर्च कर उन्हें दस्तावेजित किया है.