नाम – दिनेश कुमार
पद – सभासद सपा, पी.डी. नगर, वार्ड -18 (उन्नाव)
नवप्रवर्तक कोड –
परिचय –
काफी कम उम्र में ही क्षेत्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले दिनेश
कुमार एक युवा राजनीतिज्ञ हैं. उनका निवास– स्थान व कार्यक्षेत्र उन्नाव (उ.प्र.)
है. वह वर्तमान में जिले के वार्ड -18, पी.डी. नगर से सभासद पद पर कार्यरत हैं.
दिनेश जी ने राजनीति विज्ञान से परास्नातक किया है तथा वह छात्र जीवन में ही
राजनीति में आ गए हैं. उनकी शिक्षा अभी पूर्ण नहीं हुई है तथा राजनीति के साथ ही
वह इस वर्ष वह एल.एल.बी. की तैयारी करने जा रहे हैं.
राजनीतिक पदार्पण –
दिनेश जी के मुताबिक, वह गांव के सभी लोगों की छोटी- छोटी समस्याओं में उनका
साथ देते रहे हैं. जिसके चलते क्षेत्र के लोगों ने उनसे चुनाव लड़ने की अपील की.
इसके अलावा अन्य गांवों के विकास की तुलना में अपने गांव की बदहाल स्थिति ने भी
उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया. अपने क्षेत्र की स्थिति को बेहतर
बनाने के उद्देश्य से उन्होंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, जिसमें क्षेत्र की
जनता के भरपूर सहयोग व समर्थन के चलते वह सभासद निर्वाचित हुए.
क्षेत्रीय मुद्दे –
अपने वार्ड के प्रमुख मुद्दों पर दिनेश जी का कहना है कि उनके वार्ड में कई
सड़कों में इंटरलॉकिंग का कार्य नहीं हुआ है. वहीं ‘अमृत योजना’ के अंतर्गत पाइपलाइन और सीवर लाइन डालने के लिए सड़कें तोड़ दी गई थीं,
किन्तु उनकी मरम्मत नहीं कराई गई. जिससे सड़कों की स्थिति और भी खराब हो गई है.
इसके अलावा कई इलाकों में अभी भी खंभों पर लाइट की व्यवस्था नहीं है. साथ ही
स्वच्छता को लेकर भी क्षेत्र के लोगों में जागरूकता का अभाव है.
संपन्न विकास कार्य –
दिनेश जी के अनुसार, उन्होंने मेन रोड से गांव तक जाने वाली सड़क की इंटरलॉकिंग
का कार्य करवाया, जो कि उनके कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है. साथ ही
उन्होंने वार्ड के अंतर्गत आने वाली पुलिया की मरम्मत करायी तथा क्षेत्र में 2-3
नालों व 1 सुलभ शौचालय का निर्माण कराया. इसके अलावा वह समय- समय पर पार्कों अथवा
सार्वजनिक स्थलों पर वार्ड के लोगों को एकत्रित करके उन्हें स्वच्छता, टीकाकरण व
शिक्षा के लिए जागरूक करते रहते हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों का अवलोकन –
वर्तमान परिदृश्य में दिनेश जी जातिवाद को देश का सबसे गंभीर मुद्दा मानते
हैं. उनका कहना है कि देश में सभी जाति- धर्म के लोगों को एकजुट होकर रहना चाहिए
तथा आपस में लड़ने के बजाए देश की तरक्की में अपना योगदान देना चाहिए.
इसके अलावा उनका मानना है कि जिस प्रकार से हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी आगे बढ़
रही है, उसी प्रकार से सेना सुरक्षा के क्षेत्र में भी प्रौद्योगिकी विकास होना
चाहिए तथा वैज्ञानिकों को कोई ऐसी टेक्नोलॉजी खोजनी चाहिए, जो सैनिकों की जान की
रक्षा करने में मददगार साबित हो. वहीं सरकार को भी सेना सुरक्षा की ओर ध्यान देने
की आवश्यकता है.