नाम : दिनेश चन्द्र मिश्रा
पद : जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन, कानपुर देहात
नवप्रवर्तक कोड : 71183144
परिचय एवं शिक्षा -
कानपुर देहात से
राजनीतिक नवप्रवर्तक दिनेश चन्द्र मिश्रा ने बचपन से ही कठिन परिश्रम किया है. वे शिक्षा
प्राप्ति के लिए भी स्वयं ही श्रम करते थे. उनका जन्म 4 दिसंबर, 1962 में हुआ था.
वे मृदुभाषी होने के साथ-साथ समाज कल्याण को ही अपना कर्तव्य मानकर चलते हैं.
दिनेश जी एक प्राइवेट स्कूल में अध्यापन कार्य करते थे, जहां से मिले वेतन को वे
अपनी शिक्षा में लगाते थे. उन्होंने डबल एमए तक की शिक्षा प्राप्त की.
राजनीति में आगमन -
वर्ष 2005 में हुए
ग्राम पंचायत के चुनाव के दौरान उनके अच्छे व्यवहार और सामाजिक विकास से सरोबार
विचारधारा ने उन्हें भाजपा से ग्राम प्रधान बनने का अवसर प्रदान किया. उन्होंने
अपने कार्यकाल में गरीबों को आर्थिक रूप से काफ़ी सहयोग किया. दिनेश जी पंचायत
प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
समाज की अगुवाई का विचार -
दिनेश जी का मानना है कि नौकरी से घर-परिवार की समस्याओं को ख़त्म किया जा सकता है लेकिन सामाजिक क्षेत्र
की समस्या को ख़त्म करने में समस्या होती है. वे औरेया और बुंदेलखंड के पिछड़े इलाकों
को आगे लाना चाहते हैं. वहां व्यापर की दृष्टि से क्षेत्र को उन्नति की ओर ले जाना
चाहते हैं. इसी को अपना परम कर्तव्य मानते हैं.
दिनेश जी अपने
क्षेत्र की उन्नति के लिए हमेशा कार्यरत रहते हैं, जिसके चलते वे कानपुर देहात के पिटाकपुर
से तीन बार ग्राम प्रधान रह चुके हैं. ग्राम छौलापुर में पाल समाज के लोग वोटर थे.
वे लोग दिनेश जी के पास प्रधान बनाने का प्रस्ताव लेकर आये और उनको प्रधान बनाया. छौलापुर
के उद्धार का काम किया, जिससे उस गाँव के लोग उनके शुभचिन्तक बन गये.
क्षेत्रीय विकास कार्य -
दिनेश जी मंडल स्तर
तक अपनी पहचान बना चुके हैं. अपने क्षेत्र के मानसिक रूप से विकृत और दलितों को
राहत कोष से 4-4 हजार रूपए की आर्थिक मदद की. उन्होंने अपने क्षेत्र में सड़क का
निर्माण कराया. उन्होंने अपने समर्थन से अनुसूचित सीट परहरिजन उमीदवार को जीता कर विकास में योगदान दिया. दिनेश जी ने 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के लिए उचित व्यवस्थाओं का
इंतजाम किया.
दिनेश जी ने अपने
कार्य के प्रति हमेशा सजग रहते हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी से भी
दिनेश मिश्रा ने मांग की थी कि तहसील दिवस के साथ ही ग्राम दिवस की स्थापना करने
की मांग की थी. जिसे लगभग मान्यता मिल ही चुकी है.
राष्ट्रीय मुद्दे -
जातिवाद को दिनेश जी देश की सबसे बड़ी समस्या मानते हैं. जाति-धर्म को अलग रखकर ही देश को उन्नति की ओर ले जाया जा सकता है. उनका मानना है कि आज हम आधुनिक तो हो गये हैं, परन्तु हमारी प्राचीन सभ्यता व संस्कृति कहीं खो सी गयी है, जिसके परिणामस्वरुप नैतिकता का ह्रास देश में हो रहा है. आज सबको समानता के साथ उन्नति के पथ पर ले जाने की आवश्यकता है, तभी देश भी उन्नति कर सकता है.