नाम : दिलप्रीत सिंह
पद : प्रदेश समन्वयक, अल्पसंख्यक विभाग (अखिल भारतीय कांग्रेस समिति), लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड : 71183049
परिचय :
दिलप्रीत सिंह कांग्रेस
के एक युवा राजनेता हैं जो कि वर्तमान में कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री हैं. वह भले ही एक युवा नेता हों किन्तु इतनी उम्र में
भी उन्हें राजनीति का अच्छा- खासा अनुभव है. वह पिछले दस वर्षों से कांग्रेस में
हैं तथा उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से हुई थी. कॉलेज के समय जब उन्हें
यह महसूस हुआ कि युवाओं का रुझान राजनीति की तरफ नहीं है तो उन्होंने छात्र
राजनीति के माध्यम से युवाओं को इस दिशा में जोड़ने का कार्य किया. उनका कहना है कि
छात्र राजनीति से ही उन्हें समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली.
राजनीति में आने का कारण :
दिलप्रीत सिंह के अनुसार इस समय देश का जो माहौल है उस के आधार पर युवाओं का
राजनीति से मोहभंग हो चुका है. किन्तु उनका मानना है कि नौकरी या व्यवसाय में आप
अपने तक ही सीमित रह जाते हो और अपने निजी स्वार्थ के लिए ही कार्य कर सकते हो.
अतः जो संतोष व सुख लोगों के लिए कार्य करने, उनकी सहायता करने व उनके लिए खड़े
होने में है वह किसी व्यवसाय या नौकरी में
नहीं है. उन्हें छात्र राजनीति से ही लोगों व देश के लिए कार्य करने की प्रेरणा
मिली.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार :
दिलप्रीत सिंह के अनुसार वर्तमान में भारत में सबसे अहम मुद्दा है रोजगार का. देश का युवा अपनी शिक्षा पूरी करके सबसे पहले नौकरी की तलाश करता है, किन्तु उसे नौकरी नहीं मिलती. नेता बस युवाओं के कल्याण की बातें करते हैं, किन्तु वास्तव में युवाओं के लिए जमीन पर कोई भी कार्य नहीं हो रहा.
इसके बाद देश का दूसरा प्रमुख
मुद्दा है कृषि. हमारे देश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि व मजदूरी से जुड़ी है लेकिन आज
कृषि व किसानों दोनों की ही स्थिति अत्यंत दयनीय है. कर्जे के कारण किसान
आत्महत्या करने को मजबूर हैं. अतः सरकार को इस ओर गंभीरतापूर्वक सोचने की आवश्यकता
है.
वहीं देश का तीसरा प्रमुख मुद्दा है महिला सुरक्षा. महिलाओं के लिए सरकार द्वारा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसी कई योजनाएं तो बनायीं जा रहीं हैं, किन्तु जिस तरीके से महिलाओं के खिलाफ क्राइम रेट लगातार बढ़ रहा है उससे यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि सरकार की सुरक्षा योजनाओं पर कितना काम हो रहा है.
इसके अलावा देश का चौथा महत्वपूर्ण मुद्दा है
विकास. आज हम बुलेट ट्रेन चलाने की बात तो करते हैं किन्तु हमारी साधारण ट्रेनें
ही कभी समय पर नहीं आतीं. अतः सरकार की प्राथमिकता बड़ी-बड़ी योजनायें न होकर यह
होनी चाहिए कि वह देश के सभी नागरिकों को आधारभूत संसाधन अथवा बुनियादी सुविधाएं
उपलब्ध करायें. इसके अलावा सरकार को सिर्फ विकास की बातें ही नहीं करनी
चाहियें बल्कि वह कागजों पर जो भी योजनायें बनाती है, वह जमीन पर
भी दिखाई देना चाहिए.
वैश्विक परिदृश्य पर विचार :
वर्तमान के वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए दिलप्रीत सिंह का कहना है कि आज हमारे
देश का युवा नौकरी के लिए पलायन कर रहा है, जिससे उनकी योग्यता का जो फायदा भारत को
मिलना चाहिए था, वह अन्य देशों को मिल रहा है. अतः हमें रोजगार के नए अवसर खोजने
पड़ेंगे, ताकि देश का युवा दूसरे देशों में न जाए. इसके लिए सबसे पहले हमें अपराध
रोकना पड़ेगा, जिससे विकास के अवसर बढ़ेंगे और निवेश में वृद्धि होगी तथा जब निवेश
बढ़ेगा तो रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे. वहीं भारत का युवा आज हर क्षेत्र में नाम
रोशन कर रहा है, यदि हम अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों तथा जो दूसरे देशों में कार्य कर
रहें हैं, उन्हें वापस लाने तथा देश में ही उनकी योग्यतानुसार रोजगार दिलाने में
सफल हो गये, तो देश स्वतः ही विकास की नयी ऊंचाइयों को छुएगा तथा वैश्विक पटल पर भी
भारत का स्तर बढ़ेगा.