नाम - धनीराम पैंथर
पद – प्रदेश अध्यक्ष, 'भारतीय दलित पैंथर’, उत्तर प्रदेश व सचिव, ‘समाज कल्याण सेवा समिति’
नवप्रवर्तक कोड - 71183010
परिचय
धनीराम पैंथर एक कुशल नेता व समाजसेवक हैं जो कि समाज में भेदभाव मिटाने व एकता लाने के उद्देश्य से कार्य करते रहे हैं. वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बदलापुर तहसील के जौनपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं. एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ साथ वह राजनीतिक रूप से भी सक्रिय हैं. वह 1989 में सभासद भी रह चुके हैं. वह वर्तमान में ‘भारतीय दलित पैंथर’, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष व ‘समाज कल्याण सेवा समिति’ के सचिव हैं. यह संगठन पूर्ण रूप से सामाजिक संस्थाएं हैं. जिनके अंतर्गत वह दलित, पिछड़े व ऐसे अल्पसंख्यक वर्ग जिनके साथ समाज में भेदभाव होता था, उनके हितों की रक्षा व उनकी मदद के लिए कार्य करते हैं.
सामाजिक कार्य
धनीराम पैंथर का मुख्य उद्देश्य एक ऐसे जातिविहीन समाज का निर्माण करना है, जहां सभी को समान दृष्टि से देखा जाये. इसके लिए उन्होंने अपने संगठन के माध्यम से कई मुहिमें शुरू की तथा गांव-गांव जाकर लोगों को जातिगत भेदभाव व छुआछूत को न मानने के प्रति जागरूक किया. उन्होंने गांवों के गरीबों की जमीनों की रक्षा के लिए काफी संघर्ष किया तथा करीब 30-35 हजार बीघा जमीन गरीबों को दिलवाई.
इसके अलावा उनकी संस्था रक्तदान जैसे सामाजिक कार्य भी करती रहती है. उनके अनुसार उनके संगठन के युवाओं ने आज तक हजारों बोतल रक्तदान किया है. उनका मानना है कि कोई भी व्यक्ति लावारिस नहीं होता, इसीलिए उन्होंने अपने संगठन के माध्यम से लगभग 6 हजार लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करवाया. वहीं 600 बेटियों की शादी करवाई तथा लगभग 2000 युवाओं को ट्रेनिंग दिलवाई. इसके अलावा उनका संगठन समाज के पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप, एडमिशन से सम्बंधित या अन्य किसी भी प्रकार भी मदद प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर रहता है.
भविष्य की योजनायें
वैसे तो धनीराम पैंथर ने अपनी संस्था के माध्यम से अभी तक लगभग कई प्रकार के सामाजिक कार्य किये हैं, किन्तु अभी भी कई ऐसे कार्य हैं जो वह अपने संगठन के माध्यम से अपने क्षेत्र व लोगों के लिए करना चाहते हैं. उनका मुख्य उद्देश्य दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को एकजुट करना है. इसके अलावा वह चाहते हैं कि जिस प्रकार से उनकी संस्था ने 600 हिन्दू बेटियों का विवाह करवाया है, आगे उसी प्रकार से मुस्लिम बेटियों का निकाह पढ़वाया जाये. वहीं दूसरी ओर वह भविष्य में क्षेत्र में एक वृद्धाश्रम व बेटियों की सुविधा व शिक्षा के लिए एक महिला डिग्री कॉलेज खोलना चाहते हैं.
नीति परिवर्तन पर विचार
धनीराम पैंथर के अनुसार हमारे संविधान में सब कुछ समाहित है व समाज के सभी वर्गों के हितों की बात की गयी है. अतः बीएस देश में संविधान अक्षरशः लागू हो तथा जैसा कि आजकल किया जा रहा है, लोग इसे अपने शब्दों में परिभाषित व अपने विचारों के हिसाब से बदलने का प्रयास न करें. अतः हम सभी को अपने संविधान पर विश्वास रखना चाहिए.
सामाजिक परिवर्तन पर विचार
सामाजिक परिवर्तन पर धनीराम पैंथर का कहना है कि देश में सभी जाति व धर्म के लोगों को सम्मान मिलना चाहिए व किसी के भी साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए. हमें इस देश के किसी भी नागरिक को महज जाति या धर्म के आधार पर देशभक्त या आतंकवादी नहीं घोषित करना चाहिए क्योंकि आतंकवादियों व देशद्रोहियों की कोई भी जाति या धर्म नहीं होती. अतः सभी लोग आपसी समरसता व समानता के भाव को बनाएं रखें.
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