नाम : बोधलाल शुक्ला
पद : कांग्रेस अध्यक्ष, लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड : 71183045
परिचय :
बोधलाल शुक्ला कांग्रेस पार्टी के एक अनुभवी राजनेता हैं. वह वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में महानगर लखनऊ के अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं. वह पेशे से एक अधिवक्ता हैं तथा उन्होंने बी.ए. से ग्रेजुएशन करने के बाद 1977 में वकालत की पढ़ाई पूरी की. वह मूलरूप से हरदोई के रहने वाले हैं तथा वर्तमान में उनका निवास स्थान लखनऊ है. वह 1997 में लखनऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी चुने जा चुके हैं तथा वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश राजस्व अधिवक्ता अधिवेशन के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं. इसके बाद उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1975 से विद्यार्थी जीवन से हुई तथा सबसे पहले वह ब्लॉक यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी में जिले के महामंत्री, प्रदेश यूथ कांग्रेस लीगल सेल के संचालक, प्रदेश संगठन मंत्री, जर्नल सेक्रेटरी तथा वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्य किया.
राजनीति में आने का कारण :
बोधलाल शुक्ला पेशे से वकील हैं किन्तु फिर भी वह सामाजिक व राजनीतिक रूप से अत्यंत सक्रिय हैं. उनके अनुसार प्रत्येक नागरिक के तीन ऋण होते हैं ; पितृ ऋण, संतान ऋण व राष्ट्र ऋण. अतः राष्ट्र के प्रति अपने ऋणों को चुकाने व दायित्वों को पूरा करने के उद्देश्य के साथ ही वह राजनीति में आये. उनका कहना है कि उन्होंने राजनीति को एक पेशे के रूप में नहीं बल्कि समाज व राष्ट्र की सेवा करने के एक माध्यम के रूप में चुना है. इसके साथ ही वह कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से अत्यंत प्रभावित थे, इसीलिए उन्होंने इस पार्टी के साथ जुड़ना उचित समझा तथा पिछले कई वर्षों से वह कांग्रेस पार्टी में विभिन्न पदों पर अपनी सेवा प्रदान कर चुके हैं.
क्षेत्रीय मुद्दें :
वर्तमान में क्षेत्रीय स्तर पर सबसे गंभीर मुद्दा है राजनीतिक दलों व सरकार द्वारा सांप्रदायिकता, जातिवाद व धर्मवाद फैलाना. बोधलाल शुक्ला का मानना है कि इसके अलावा लोगों के मध्य बढ़ रही आर्थिक असमानता भी एक अहम मुद्दा है. उनके अनुसार हमारे संविधान में जो प्रस्तावना दी गयी है, कांग्रेस पार्टी की विचारधारा व लक्ष्य पूर्णता उसी पर आधारित है. यही कारण है कि इन सब समस्याओं से लड़ने के लिए वह कांग्रेस पार्टी से जुड़े.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार :
राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर बोधलाल शुक्ला का कहना है कि देश की बढ़ती आबादी व जनसंख्या नियंत्रण में असफलता एक चिंतनीय विषय है. वहीं अक्सर अतिवृष्टि व अनावृष्टि से फसलों और किसानों को काफी नुकसान होता है, जिस ओर प्रशासन को गंभीरता से सोचना चाहिए. इसके अतिरिक्त पर्यावरण बचाना, नदियों को नदियों से जोड़ना, बेरोजगारी, स्वास्थ्य तथा शिक्षा आदि कुछ अहम मुद्दे हैं जिनकी तरफ जनता व सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है.
वैश्विक परिदृश्य पर विचार :
बोधलाल शुक्ला के अनुसार आजादी के समय भारत के पास कुछ भी नहीं था, किन्तु आज वैश्विक पटल पर हमारे देश की अपनी एक अलग पहचान व मजबूत राष्ट्र की छवि है. किन्तु देश को पूर्ण विकसित बनाने के लिए आवश्यक है कि देश में नई-नई टेक्नोलॉजी का विकास हो, सेना को और अधिक सशक्त बनाया जाए तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार को भी बढ़ावा दिया जाए. इसके अलावा हम सभी की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हिन्दुस्तान की संस्कृति और तहजीब का जो स्वरुप विश्व में कायम है उसे भविष्य में भी हम ऐसे ही बरकरार रखें.