नाम - भूधर नारायण मिश्रा
पद - पूर्व विधायक, छावनी विधानसभा, कानपुर
नवप्रवर्तक कोड – 71182988
परिचय -
राजनीतिक गलियारों में एक कहावत बेहद मशहूर है ना काहू से दोस्ती,न काहू से बैर। आज की राजनीतिक परिपाटी में जहां बड़े से बड़े नेता अपने जरा से लाभ के लिए अपनी पुरानी पार्टी को छोड़ नई पार्टी में शामिल हो जाते हैं वहीं भूधर नारायण मिश्रा राजनीति में एक ऐसा नाम है जो लंबे अरसे से न सिर्फ कांग्रेस के साथ हैं बल्कि बखूबी कांग्रेस का साथ निभा रहे हैं। भूधर जी का राजनीतिक सफर बेहद लंबा रहा है। भूधर नारायण मिश्रा जी ने राजनीति की शुरुआत कानपुर के यूथ जिलाध्यक्ष (कांग्रेस) के पद से की। इंदिरा गाँधी जी से प्रोत्साहित होकर भूधर जी राजनीति में आए। इमरजेंसी के दौरान इंदिरा जी ने राजाओं का प्रभुत्व समाप्त करने एवं बैंकों का नवीनीकरण करने की योजना बनाई जिसका इन्होंने बढ़ चढ़ कर समर्थन किया। 1977 में चुनाव हारने के बाद इमरजेंसी के समय भूधर जी को जेल में जाना पड़ा।
राजनीतिक संघर्ष -
संजय गांधी के नेतृत्व में 1980 में छावनी विधानसभा में स्वर्गीय मनोहर लाल जी से भूधर जी विधानसभा चुनाव जीते। 1980 के बाद से लगातार
कांग्रेस से जुड़े रहे। इंदिरा गाधी जी की मृत्यु के बाद से भूधर जी को विधानसभा का टिकट मिलने में परेशानी होने लगी। भूधर जी कांग्रेस जनमोर्चा के
सदस्य रहे। एमएलए पद के लिए कल्याणपुर से टिकट
माँगा लेकिन आर्य नगर से टिकट
दिए जाने पर चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। बावजूद कांग्रेस के प्रति उनकी निष्ठा में कोई कमी नहीं आई
समाज की अगुवाई –
घर-परिवार का पालन पोषण करने हेतु भूधर जी ने निरन्तर प्राइवेट संस्थानों में नौकरी की। 3 माह तक
एलआईसी में नौकरी की । 1972 में राजनीति में आने के
बाद पंजाब के एक बैंक में क्लर्क के पद पर रहे। राजनीति में रुचि
एवं समाजसेवा का जज्बा होने के कारण भूधर जी निरन्तर राजनीति में सक्रिय रहें। क्या आपने आज के समय में एक आध अपवाद के सिवा कहीं ऐसा देखा है जिसमें कोई राजनीतिज्ञ जो विधायक भी रहा हो और वह परिवार के जीवनयापन के लिए नौकरी करता हो, बेशक आपका जवाब ना होगा
लोगों की सेवा और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए भूधर जी को लोग आज भी याद करते हैं। लोगों के बीच इनकी पहचान राजनीतिज्ञ से ज्यादा सामाजिक कार्यकर्ता की है
विधायकी के दौरान किये कार्य –
विधायक पद को संभालते हुए अपने क्षेत्र के विकास के लिए भूधर जी ने अनेक काम किये। विद्यालयों का निर्माण, आर्मी स्कूल का निर्माण, स्वास्थ के क्षेत्र में अस्पतालों के निर्माण एवं उनके सही रखरखाव का बंदोबस्त किया। भूधर जी पर्यावरण को बचाने एवं वृक्षारोपण का कार्य करते रहे हैं। इसके साथ अनेक ऐसे छोटे मोटे कार्य रहे हैं जिनको लेकर लोगों की इनसे बेहद उम्मीद रही है और इन्होंने भी लोगों की आशा को कभी टूटने नहीं दिया
भारत के राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार –
भूधर जी का मानना है कि भारत को ऊंचाइयों तक पहुँचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभी भी अनेक प्रयास करने होंगे। शिक्षा का प्रसार, बेरोजगारी को कम करना, स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान, कृषि की उन्नति के लिए कार्य और अस्पतालों में लूट को दूर करने जैसी समस्याओं पर ध्यान देना आवश्यक हो गया
है। भूधर जी के अनुसार आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित भारत के लिए जरूरत है कि सबसे पहले यहां की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
वैश्विक स्तर पर निर्माण –
भूधर जी का कहना है कि राजीव गांधी ने भारत में डिजिटल क्रांति का सूत्रपात किया। नेहरू ने जमींदारी प्रथा को
समाप्त करने का कार्य किया। कम्प्यूटर क्रांति, डिजिटल क्रांति, आटोमोबाइल से बेरोजगारी दूर करने हेतु कई रास्ते खोले, मगर भूधर जी का मानना है कि बेरोजगारी को दूर करने
के लिए और प्रयास करने होंगे।