नाम – डॉ बिशन लाल सैनी
पद – विधायक, रादौर विधानसभा क्षेत्र, यमुनानगर (हरियाणा)
नवप्रवर्तन कोड – 71184817
डॉ बिशन लाल सैनी कुरुक्षेत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रादौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह 2009 में भी इस सीट पर चुने जा चुके हैं और कांग्रेस पार्टी से वर्ष 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में उतरे डॉ बिशन लाल ने भारतीय जनता पार्टी के कर्ण देव कम्बोज को 2541 वोटों के अंतर से शिकस्त दी और वर्तमान में वह 14वीं विधानसभा से रादौर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
मूलतः यमुनानगर के सारण गांव के निवासी डॉ बिशन लाल ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के अंबाला स्थित डीएवी कॉलेज से वर्ष 1974 में प्री-मेडिकल करने के उपरांत वर्ष 1977 में रोहतक की एमडी यूनिवर्सिटी के श्री मस्तनाथ आयुर्वेदिक कॉलेज से जीएएमएस की डिग्री प्राप्त की. पेशे से डॉक्टर बिशन लाल का रुझान सामाजिक कार्यों की ओर अधिक रहा, जिसके चलते वह जनता से जुड़े रहे.
2019 के विधानसभा चुनावों में दावेदारों की लिस्ट में उनका नाम काफी ऊपर था, लेकिन अंततः बीजेपी ने उनका टिकट काटकर एडवोकेट वेदपाल को थमा दिया, जिसके कारण रणधीर सिंह गोलन निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरें और बतौर निर्दलीय प्रत्याशी क्षेत्रीय जनता का भरपूर समर्थन उन्हें प्राप्त हुआ.
डॉ बिशन लाल ने वर्ष 1985 में अपने राजनीतिक जीवन का श्री गणेश सारण गांव के सरपंच के रूप में किया था, जिसके उपरांत उन्होंने बसपा पार्टी से जुड़ते हुए जगाधरी सीट पर चुनावों में शिरकत की और इसमें अपने तीसरे प्रयास यानि वर्ष 2000 में वह विधायक बने. वर्ष 2009 में उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से चुनावों में भागीदारी करते हुए कांग्रेस के सुरेश कुमार को मात दी और रादौर का विधायक पद संभाला. वर्ष 2015 में उन्होंने इनेलो छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया और 2019 के चुनावों में कांग्रेस को तकरीबन पांच दशकों के बाद रादौर की सत्ता वापस दिलाई.
बता दें कि वर्ष 1967 में हुए चुनावों में ही कांग्रेस पार्टी यहां से विजयी हुयी थी, जिसके बाद से कभी यहां कांग्रेस प्रत्याशी नहीं जीत पाया. वहीं दूसरी ओर इनेलो ने 1996 से लेकर 2014 तक यहां एकछत्र राज किया है. इस तरह कांग्रेस को रादौर की सरजमीं पर फिर से स्थापित करने में डॉ बिशन लाल सैनी की भूमिका सबसे अहम रही है.
रादौर विधानसभा क्षेत्र वस्तुतः यमुनानगर जिले का हिस्सा है, जो अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण विख्यात है. चुनाव आयोग की सिफारिशों के बाद वर्ष 1977 में हुए परिसीमन के बाद रादौर को विधानसभा क्षेत्र का दर्जा दिया गया था. पश्चिमी यमुना नाहर के किनारे से सटा होने के कारण इस क्षेत्र को पॉल्यूशन मुक्त ज़ोन भी बताया जाता है, साथ ही शिक्षा एवं तकनीक के मामले में भी रादौर अग्रणी माना जाता है.
अपनी गन्ने की खेती के लिए प्रसिद्द रादौर जाट, राजपूत, सैनी और कंबोज समुदायों की बहुलता वाला क्षेत्र है, जहां राजनीतिक तौर पर इंडियन नेशनल लोकदल की प्रधानता रही है. लेकिन वर्तमान में यहां डॉ बिशन लाल विधायक हैं, जो कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं और रादौर के विकास क्रम में संलग्न हैं.