नाम : अश्विनी कुमार चौबे
पद : ग्राम प्रधान, बंदेमऊ (कानपुर देहात)
नवप्रवर्तक कोड : 71183106
परिचय -
एक जनसेवक के रूप में कार्य कर रहे अश्विनी कुमार चौबे कानपुर देहात के बंदेमऊ गांव से ग्राम प्रधान हैं. ग्रामीण जनता की सेवा अश्विनी जी निर्बाध समर्पण के साथ करते हैं. उन्होंने इंटर तक शिक्षा प्राप्त की है, इसलिए वें चाहते हैं कि गांव के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर बड़े पदों पर आसीन हों, जिससे केवल ग्राम ही नहीं अपितु देश का भी उचित विकास हो.
वर्ष 2000 में जनता के समर्थन से उन्हें ग्राम सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था, तभी से वे लगातार बंदेमऊ के अंतर्गत आने वाले पांच गांवों के विकास कार्यों को बखूबी कर रहे हैं. वर्ष 2011 से वें ग्राम प्रधान के रूप में चुने जाने के बाद से ही क्षेत्र को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से सक्रिय बने हुए हैं. अपने संगठन के माध्यम से अश्विनी जी लगातार जनसेवा के कार्यों को प्रमुखता दे रहे हैं.
संगठन का ध्येय एवं विज़न -
राजनीति के साथ साथ जन सेवा के कार्य करने में अश्विनी जी काफी समय से अग्रणी हैं. वे अपने संगठन पंडित रूपनहल शिक्षा समिति के माध्यम से गरीब छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्रदान करने का कार्य करते हैं. गरीब, निराश्रित, वंचित वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों उचित शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से उन्होंने इस संगठन की नींव वर्ष 2002 में रखी थी और तब से लेकर आज तक यह संगठन अलग अलग स्थानों पर तीन विद्यालयों के माध्यम से बच्चों को शिक्षित बनाने का कार्य कर रहा है.
प्रमुख क्षेत्रीय कार्य -
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अश्विनी जी ने साढ़े तीन करोड़ रूपये बंदेमऊ के पांच गांवों में लगाए और गरीब, बंजारे व नट समाज के लोगों को 250 आवास दिलाने का प्रबंध किया. स्वच्छ भारत अभियान के चलते अश्विनी जी की प्राथमिकता भी अपने गाँव एवं आस पास के इलाके को स्वच्छ बनाने की है, जिसके चलते उन्होंने शौचालयों का निर्माण भी करवाया.
वर्तमान में उनकी धर्मपत्नी भी ग्राम सभा की सदस्या हैं और माता जी खानपुर ग्राम की प्रधान हैं. वहां भी विकास का कार्य अश्विनी जी तेजी से कर रहे हैं. ग्राम सभा का विकास करना भी उनके प्रमुख क्रियाकलापों में से एक है.
भविष्यगत योजनाएं -
स्वच्छ भारत योजना के तहत अश्विनी जी का ग्राम बंदेमऊ अगले दो माह में पूर्णत शौचालय युक्त हो जाएगा. इसके अतिरिक्त वे सौर उर्जा प्लांट की अनूठी योजना पर भी कम कर रहे हैं, जो सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के ग्रामों में अपनी किस्म की पहली परियोजना है. इसके चलते उन्होंने खाली पड़ी भूमि पर टिन स्लाइड्स लगाना आरम्भ भी कर दिया है, जल्द ही सौर प्लेट्स भी इन पर लगा दी जाएगीं. ग्रामवासियों को बिजली के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने की यह अनोखी मुहिम अश्विनी जी अथक प्रयासों से पूरी करने की दिशा में प्रयत्नशील हैं.
नीति- परिवर्तन में बदलाव -
अन्ना गायों की समस्या को सुलझाने के लिए अश्विनी जी सरकारी नीतियों में बदलाव की अपेक्षा रखते हैं. उनका मानना है कि किसान गायों को विभिन्न कारणों से छोड़ देते हैं और ये कई दिक्कतों का कारण बनती हैं. उनके अनुसार यदि प्रत्येक गाँव से 10 किसानों का समूह इन गायों को चराना एवं पालना शुरू कर दे और इसके लिए उन्हें मनरेगा की मजदूरी योजना के चलते प्रतिदिन भुगतान दिया जाये तो अन्ना गायों की समस्या आसानी से सुलझ जाएगी.
सरकार को चाहिए कि वह मनरेगा योजना के अंतर्गत मजदूरी देने वाले विषयसूची में अन्ना गायों को पालने का विषय भी यदि जोड़ देगी तो इससे अत्याधिक लाभ होगा. ग्राम प्रधानो के अंतर्गत समिति का निर्माण कर किसानों को मनरेगा से जोड़ने का विकल्प ना केवल किसानों को रोजगार मुहैया कराएगा अपितु अन्ना गायों की समस्या पर भी लगाम लगेगी.
सामाजिक परिवर्तन के प्रति विचार -
तमाम बाधाओं को पीछे छोड़ते हुए अश्विनी जी सामाजिक विकास के कार्यों को बड़े चाव से करते हैं, उनका मानना है कि समाज में लोगों के बीच सद्भावना होनी चाहिए. ईर्ष्या और द्वेष जैसी मलिन दुर्भावनाओं के प्रति व्यक्ति के मन में कोई स्थान नहीं रहना चाहिए. उचित शिक्षा के साथ साथ यदि हमारी वैदिक संस्कृति का भी विकास हो तो समाज अवश्य ही उन्नति करेगा. वर्तमान में पाश्चात्य संस्कृति के बुरे पक्षों को ग्रहण करने की जो कवायत चल पड़ी है, वह हमारी पुरातन भारतीय संस्कृति का अनुसरण करने पर ही बदली जा सकती है.