नाम : अश्विनी
कुमार सनातनी
पद : राष्ट्रीय प्रवक्ता (हिन्दू समाज पार्टी बिहार), बक्सर विधानसभा (बक्सर)
नवप्रवर्तक कोड : 71185161
परिचय -
बक्सर विधानसभा क्षेत्र से कमरपुर गांव में राजनीतिक तौर पर सक्रिय अश्विनी कुमार सनातनी हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, जो स्पष्टता के साथ अपने विचार रखने के लिए जाने जाते हैं। एक साधारण किसान परिवार से आने वाले अश्विनी कुमार सनातनी देश में सनातन धर्म के लोगों को एकजुट करने के उद्देश्य से राजनीति का हिस्सा बनें।
छात्र जीवन में स्कूल, कॉलेज इत्यादि में सरकारी सुविधाओं का लाभ सुपात्रों को नहीं मिलकर आर्थिक रूप से सम्पन्न छात्रों को मिलते देखकर अश्विनी कुमार सनातनी के मन में सनातन धर्म के विभाजन को लेकर काफी पीड़ा होती थी, इसी के चलते उन्होंने निर्णय लिया की वह राजनीति का हिस्सा बनकर राष्ट्र के लोगों को जोड़ने का काम करेंगे।
राजनीति में आगमन -
राजनीति में अश्विनी कुमार सनातनी ने औपचारिक रूप से 2015 के विधानसभा चुनावों के जरिए प्रवेश किया, लेकिन उससे पहले वह बक्सर जिले से आरक्षण विरोधी पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर रहे थे। उन्होंने राजनीति में शामिल होने से पहले राजनीति का गहन अध्ययन किया और महसूस किया कि 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजी हुकूमत ने सनातन धर्म को आपस में बांटने के लिए राजनैतिक षड्यंत्र बनाया और तब से लेकर आज तक देश अंग्रेजों के बनाए गए नियम कायदों पर ही चल रहा है।
अश्विनी कुमार सनातनी बाल गंगाधर तिलक और स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों को अपना आदर्श मानते हैं और उन्होंने अपनी सनातनी विचारधारा पर अकेले ही संघर्ष करते हुए आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि हिंदू धर्म में आरक्षण की ब्रिटिश व्यवस्था से जो फूट डाली गई है आज उसे मिटाने की जरूरत है। अंग्रेजों द्वारा स्थापित पार्टियां आज भी देश को तोड़कर शासन करना चाहती हैं और इसी व्यवस्था को बदलने के लिए उन्होंने राजनीति का मार्ग चुना है।
राजनीति में सबसे पहले अश्विनी कुमार सनातनी आरक्षण विरोधी पार्टी का हिस्सा बने थे लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने महसूस किया कि पार्टी के पदाधिकारी अपने निजस्वार्थ के लिए राजनीति कर रहे हैं और इसके बाद उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया। इसके बाद वह राष्ट्रवादी जनसंघ पार्टी में बतौर बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्मिलित हुए लेकिन अपनी पृथक विचारधारा के चलते उन्होंने इस पार्टी से भी त्यागपत्र दे दिया।
हिन्दू समाज पार्टी, जिसका गठन अश्विनी कुमार सनातनी के गुरु श्री कमलेश तिवारी के द्वारा किया गया था, उन्होंने अंतत: उसी के साथ चलना तय किया। वह इस पार्टी से बिहार के प्रदेश अध्यक्ष पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं और वर्तमान में वह हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।
भावी विज़न -
अश्विनी कुमार सनातनी कहते हैं कि सनातन धर्म किसी प्रकार की जातियों में विभाजित नहीं था बल्कि इसमें चार वर्ण हुआ करते थे और देश में सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्था वर्णों के अनुसार ही चलती थी। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र, यह चारों वर्ण सनातन धर्म का अभिन्न अंग थे लेकिन जब देश में अंग्रेजी हुकूमत का आना हुआ तो यह व्यवस्था बदलने लगी। अंग्रेजों ने सनातनी भारत को तोड़ने के लिए वर्णों को आपस में लड़वाने का कार्य किया और ऊंच-नीच के दायरे में बांधकर विभाजित कर दिया।
विभाजन का यह दौर देश की आजादी के साथ समाप्त नहीं हुआ और संविधान में यही व्यवस्था आरक्षण के नाम से दर्ज हो गई। अश्विनी कुमार सनातनी का विज़न भारत को रोजगार युक्त वैदिक सनातन राष्ट्र के रूप में विकसित करना है, जहां सनातन धर्म एकजुट होकर आगे बढ़े। हिन्दू समाज पार्टी का मेनीफेस्टो भी यही है कि सनातनी हित की बात करने वालों के साथ पार्टी हमेशा खड़ी हुई है।
स्थानीय समस्याएं/विशेषताएं -
अश्विनी कुमार सनातनी के अनुसार बक्सर जिला, जो देश के देवस्थलों में से एक है और सप्तऋषियों की भूमि मानी जाती है। वहां आज भी ऐसी ही स्थिति है जो आजादी के समय थी बल्कि ब परिस्थितियां और अधिक बदहाल हो गई हैं।
बक्सर के धार्मिक महत्त्व को देखते हुए इस क्षेत्र को धार्मिक स्थल के रूप में विकास मिलन चाहिए था, पंचकोसी यात्रा, श्री राम-जानकी मंदिर इत्यादि का यहां विकास किया जाना चाहिए, जो आज तक नहीं हो पाया है और इसी दिशा में हिन्दू समाज पार्टी का संघर्ष जारी है।
इसके अतिरिक्त केशवपुर, मानिकपुर आदि में नलजल योजना को लेकर बड़े स्तर पर घोटाले किए गए हैं, जिनकी जांच होनी आवश्यक है। अश्विनी कुमार सनातनी का कहना है कि यदि क्षेत्र की जनता उन्हें आगे बढ़ने का अवसर देगी तो वह जरूर इन सभी मुद्दों को लेकर कार्य करेंगे।
स्थानीय जनता को संदेश -
बैलटबॉक्सइंडिया मंच के माध्यम से बक्सर की जनता से निवेदन करते हुए अश्विनी कुमार सनातनी कहते हैं कि जनता अपने प्रतिनिधि के रूप में अपराधी और आतंकी नेताओं को नहीं चुने बल्कि उनकी योग्यता के आधार पर चुने। यह बेहद अफसोस की बात है कि आज देश की संसद और सदनों में बैठने वाले नेता अपराधी होते हैं। जिन्हें जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए यदि उन्हें बड़े बड़े राजनीतिक पदों पर बैठा दिया जाएगा तो हम राष्ट्र निर्माण की बात सोच भी नहीं सकते हैं। इसलिए जनता का चयन अनुकूल और योग्य होना चाहिए।