परिचय – आशीष प्रताप मिश्रा एक सामाजिक
नवप्रवर्तक हैं. वह वर्तमान में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, सिकंदरा, कानपुर देहात में अंग्रेजी
विषय के प्रवक्ता हैं. वह मूलतः उत्तर- प्रदेश के इटावा जनपद के रहने वाले हैं. वह
एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से हैं तथा उनके पिता ने उनको अच्छी शिक्षा उपलब्ध
कराने के लिए काफी संघर्ष किया है. उन्होंने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट तक की शिक्षा सीबीएससी बोर्ड से इटावा जनपद से ही प्राप्त की है.
इसके बाद उन्होंने इटावा के के.के डिग्री कॉलेज से छत्रपति शाहूजी महाराज
विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन (बी.ए.) व पोस्ट ग्रेजुएशन (एम.ए.) किया. शिक्षण
क्षेत्र में रूचि होने के कारण उन्होंने बी.एड व एम.एड भी किया, जिसके बाद
उन्होंने कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की तथा हाल ही में वह नेट के एग्जाम
में सफल भी हुए.
कार्य – आशीष प्रताप सिंह के अनुसार उन्होंने
सबसे पहला कार्य जो किया वह है एक विद्यार्थी के रूप में परिवार के समर्थन व पिता
के प्रोत्साहन से सकुशल शिक्षा प्राप्त करना. उनका मुख्य उद्देश्य बच्चों को
शिक्षित कर उनके भविष्य को उज्जवल बनाना, उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना
है तथा उपलब्ध संसाधनों व अपने ज्ञान के माध्यम से उनका सर्वांगीण विकास कर उन्हें
एक सक्षम नागरिक बनाना है. इसी उद्देश्य के साथ वह निरंतर शिक्षण कार्य में लगे
हुए हैं. उन्होंने सबसे पहले इटावा के एक प्राइमरी विद्यालय में दो वर्ष शिक्षक के
रूप में अपनी सेवा प्रदान की.
इसके अतिरिक्त वह समाज में जागरूकता फैलाने वाले कई कार्यक्रमों से भी जुड़े
रहते हैं. जिनके तहत वह छात्रों को सन्देश देते हैं कि अपने हमें स्वयं को स्वच्छ
व स्वस्थ रखना चाहिए, क्योंकि स्वयं को स्वच्छ व स्वस्थ बना कर ही हम एक स्वच्छ और
स्वस्थ देश व समाज का निर्माण कर सकते हैं.
भावी परियोजना – एक शिक्षक के रूप में उनका
ध्येय है अपने कर्तव्यों का यथोचित निर्वाहन करना तथा एक शिक्षक की गरिमा को भंग
करने वाला कोई भी कार्य न करना. वह चाहते हैं कि भविष्य में भी वह एक शिक्षक,
सिविल अधिकारी या पब्लिक सर्वेंट के रूप में देश व समाज की सेवा करें. उनका मानना
है कि वर्तमान के बदलते वैश्विक परिदृश्य में लोक कल्याणकारी योजनाओं, स्वास्थ्य,
शिक्षा व सुरक्षा पर सभी वर्ग के लोगों को अपना मत प्रस्तुत करना चाहिए व सभी का
इन पर समान अधिकार होना चाहिए ताकि देश का प्रत्येक बच्चा स्वस्थ, शिक्षित व
आत्मनिर्भर बन सके तथा देश का यथोचित विकास कर सके.
बांधाएं- आशीष प्रताप का मानना है कि कोई भी
सामाजिक कार्य करते समय व्यक्ति के मार्ग में कई बांधाएं आती हैं किन्तु उन्हें
सदैव ही उनके परिवार व साथियों का सहयोग मिला. एक शिक्षक के रूप में सभी वर्ग के
लोगों को शिक्षित करने के उनके उद्देश्य में उनके सामने जो सबसे बड़ी कठिनाई आती है
वह है आर्थिक रूप से कमजोर व निम्न मध्यमवर्गीय अभिवावकों द्वारा शिक्षा को कम
प्रोत्साहन देना. आज भी गरीब तबके के लोग शिक्षा के महत्व से अनभिज्ञ है तथा
शिक्षा से वंचित हैं.
नीति – परिवर्तन पर विचार – आशीष प्रताप के
अनुसार कोई भी नीति- परिवर्तन समाज के रुझान पर निर्भर करता है. सरकार इस प्रकार
के नीति- परिवर्तन करे जिससे सभी लोगों को सामान शिक्षा, उचित स्वास्थ्य व
चिकित्सा सुविधाएं व सुरक्षा मिल सके तथा लोक- कल्याणकारी योजनाओं का सम्पादन इस
प्रकार से हो जिनसे समाज में आर्थिक समानता लायी जा सके व उन योजनाओं का लाभ समाज
के हर वर्ग के लोगों तक पहुंचाया जा सके.
सामाजिक- परिवर्तन पर विचार – सामाजिक –
परिवर्तन पर आशीष प्रताप सिंह का कहना है कि आज भी हमारे समाज में हर क्षेत्र में
जागरूकता का अभाव है. कुछ उच्च वर्ग के या पढ़े- लिखे लोगों को छोड़कर अन्य लोग निजी
शिक्षा, स्वास्थ्य, अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरूक नहीं हैं. अतः देश के
सभी लोगों को अपने कर्तव्यों के बारे में पता होना चाहिए क्योंकि अपने कर्तव्यों
का पालन किये बिना किसी भी व्यक्ति को अधिकारों की मांग करने का हक नहीं होता
है.