नाम – अर्जुन यादव
पद – सपा पार्षद, सुभाष चंद्र बोस वार्ड - 52, अयोध्या
नवप्रवर्तक कोड –
परिचय –
छात्र जीवन से राजनीतिक सफ़र की शुरूआत करने वाले अर्जुन यादव विगत पांच वर्षों से इसी क्षेत्र से जुड़े हैं, इनका निवास- स्थान व कार्यक्षेत्र अयोध्या (उ.प्र.) है. वर्तमान में वह अयोध्या नगर निगम के सुभाष चंद्र बोस वार्ड से समाजवादी पार्टी के बैनर तले पार्षद हैं. उनकी शिक्षा एम.ए. तक है तथा लोगों की सेवा
के उद्देश्य से उन्होंने राजनीति का रुख किया है. राजनीति को आर्थिक लाभ से नहीं जोड़ते हुए अर्जुन यादव अपना निजी व्यवसाय करते हैं.
राजनीतिक पदार्पण –
कॉलेज के दिनों में ही लगभग वर्ष 2014–15 के दौरान अर्जुन यादव ने राजनीति में पदार्पण किया तथा सबसे पहले छात्रसंघ का चुनाव लड़ा, किन्तु उस चुनाव में वह सफ़ल नहीं हो सके. इसके बाद जनता के बीच उनका जुड़ाव निरंतर बढ़ता गया, जिसके चलते वह लोगों के मध्य रहकर जनसेवा का कार्य करने लगे. समाज के प्रति उनकी समर्पण भावना को देखते हुए क्षेत्र की जनता ने अर्जुन यादव को चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया तथा उन्हें समर्थन देते हुए पार्षद चुना.
क्षेत्रीय मुद्दें –
अर्जुन यादव के मुताबिक, उनके वार्ड में लम्बे समय से जलभराव की समस्या चली आ रही है. जिसका कारण है वार्ड के बीच में पड़ने वाला एक बड़ा नाला, जिसका वर्षों से निर्माण नहीं हो पा रहा है. इसके लिए उन्होंने प्रस्ताव दिया है तथा अगले वर्ष मार्च तक इस समस्या का निस्तारण होने की आशा है. इसके अलावा वार्ड की अन्य कई गलियों में भी जलभराव प्रमुख समस्या है, जिसके समाधान के लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं.
प्रमुख विकास कार्य –
अपने अब तक के कार्यकाल में कराए गए प्रमुख कार्यों पर अर्जुन यादव का कहना है कि उन्होंने पार्षद बनने के बाद अपने वार्ड की सारी कच्ची सड़कों को पक्की कराने का कार्य कराया. इसके अलावा वार्ड के आवासीय क्षेत्र से लेकर मलिन बस्तियों तक पानी पहुंचाने का कार्य किया. साथ ही उन्होंने वार्ड के कई क्षेत्रों में बिजली के खंभे लगवाकर एवं लाइन डलवाकर बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य भी किया है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार –
अर्जुन यादव के अनुसार, बेरोजगारी, शिक्षा व स्वास्थ्य को वर्तमान परिदृश्य में देश
के तीन प्रमुख मुद्दों के रूप में देखा जा सकता है. अगर इन तीनों मुद्दों में सुधार हो जाए तो देश स्वयं ही
विकास के पथ पर आगे बढ़ने लगेगा तथा भारत वैश्विक मानचित्र में विकसित देश के रूप
में दिखाई देगा.