नाम : अर्जुन राम
पद : विधायक प्रत्याशी (भाजपा) सकरा (मुजफ्फरपुर), उपाध्यक्ष राज्य महादलित मंच (भाजपा)
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सकरा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के अनुभवी नेता और भाजपा के राज्य महादलित मंच के उपाध्यक्ष विधायक प्रत्याशी अर्जुन राम ने वर्ष 2015 में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में भागीदारी ली थी और वें रनर अप रहे थें. वह मूल रूप से मुजफ्फरपुर जिले के मौहल्ला- नीलकंठ चोक, ब्रह्मपुरा के रहने वाले हैं. उन्होंने वर्ष 1990 में नितेशवर कॉलेज से आई.ए की डिग्री और वर्ष 1995 में बी.आर.ए.बी.यू से स्नातक तक पढ़ाई की है.
अर्जुन राम भारतीय जनता पार्टी में एक अनुभवी राजनीतिज्ञ के रूप में आमजन के मध्य काफी लोकप्रिय हैं. लम्बे समय से राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय अर्जुन राम वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए विभिन्न पदों अपनी जिम्मेदारी निभा रहें हैं. इसके साथ ही वह पार्टी के प्रचार-प्रसार में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें हैं.
उनकी आरंभ से समाज सेवा के कार्यों में काफी रूचि रही है. राजनीति में उनका रुझान होने का कारण उनके ससुर का सकरा विधानसभा से विधायक पद पर कार्य करना रहा है. उनके ससुर सकरा विधानसभा से विधायक पद पर रहें हैं, साथ ही उनकी पत्नी भी शिक्षिका के पद को संभाल रही हैं. अपने ससुर के विचारों से प्रभावित होकर वह अपनी सेवाएं आमजन तक पहुंचाने में अपना योगदान दे रहें हैं.
सामाजिक जीवन -
अर्जुन राम श्री दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों पर चलते हुए निर्धन व दलित समुदाय के कल्याण की दिशा में कार्य कर रहे हैं और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार की सुविधाओं के लिए प्रयासरत हैं. इसके अतिरिक्त वह सकरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत होने वाले सभी सामाजिक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण से जुड़े आयोजनों में भी अग्रणीय रहते हैं. भारतीय जनता पार्टी के सिद्धांतों को जन जन तक पहुँचाने की कड़ी में अर्जुन राम का योगदान सराहनीय रहा है.
राजनीतिक पर्दापण
जनता की आवाज बन कर समाज के लोगों के लिए कार्य कर रहे अर्जुन राम राजनीतिक क्षेत्र में काफी वर्षों से पूर्ण रूप से सक्रिय हैं तथा स्थानीय व राज्य स्तर पर विभिन्न पदों पर कार्यभार संभाल चुके हैं. उन्होंने सर्वप्रथम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़कर एक सेवक के रूप में जिम्मेदारियों का वहन किया. उसके बाद वर्ष 1989 में अर्जुन राम बजरंग दल के जिला सह संयोजक बनें. तदुपरांत वर्ष 1990 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और पूरी तरह से पार्टी के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना आरंभ कर दिया.
उन्हें भाजपा में अनुसूचित जाति मोर्चा भगवानपुर मंडल से मंडल अध्यक्ष बनाया गया. वर्ष 1992 में अर्जुन राम महानगर मंत्री के पद पर रहे. साथ ही वह बंदरा, कटरा, साहेबगंज मंडल से मंडल चुनाव प्रभारी भी नियुक्त हुए. इसके बाद वर्ष 1995 में अर्जुन राम सकरा विधानसभा से प्रत्याशी के रूप में चुनाव में खड़े हुए परन्तु अल्पायु होने के चलते उन्हें टिकट नहीं मिल पाया. उस दौरान चुनाव के बाद जिला का गठन हुआ, जिसमें अर्जुन राम को सकरा विधानसभा प्रभारी के साथ साथ जिला कोषाध्यक्ष का पद संभालने के मौका मिला.
वर्ष 1997 में मुजफ्फरपुर से अर्जुन राम जिला मंत्री नियुक्त हुए. इसके साथ ही वर्ष 2000-03 के सत्र में वह भाजपा से प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं. वर्ष 2004-06 के दौरान वह जिला सदस्य प्रभारी एवं जिला महामंत्री भी रहे, साथ ही वर्ष 2003 में उन्होंने बीजेपी से ही सक्रिय सत्यापन पदाधिकारी का पदभार भी संभाला.
वर्ष 2006-09 तक अर्जुन राम जिला उपाध्यक्ष के साथ साथ प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भी रहे हैं. साथ ही भारतीय जनता पार्टी से वर्ष 2008 में अनुसूचित जाति मोर्चा बिहार प्रदेश से प्रदेश उपाध्यक्ष के अतिरिक्त वर्ष 2010 में वह भाजपा महादलित मंच बिहार से प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.
इन सभी महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए अर्जुन राम को वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने मुजफ्फरपुर स्थित भीम राव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के सीनियर सदस्य के रूप में चुना गया. इसके पश्चात वर्ष 2015 में विधानसभा चुनाव में भले ही वह कुछ मतों से पीछे रह गए हों, किंतु विपक्ष में रहते हुए भी अर्जुन राम ने क्षेत्र के विभिन्न कार्यों में भूमिका निभाई. उन्होंने सड़क निर्माण कार्य, विधवा व वृद्धा पेंशन जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं से लोगों को जोड़ा. यदि संक्षिप्त में कहा जाए तो भारतीय जनता पार्टी की सभी योजनाओं से उन्होंने जमीनी स्तर पर लोगों को लाभान्वित कराया.
इसके अतिरिक्त उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए पार्टी से लगभग 24,000 लोगों को सदस्य के रूप में जोड़ने का कार्य किया और उन सभी का ऑनलाइन डिजिटलाइजेशन कराया, उन्होंने सकरा विधान सभा में काफी संख्या में सक्रिय सदस्यों को पार्टी के कार्यों में संलग्न किया. साथ ही अर्जुन राम ने पार्टी के विभिन्न सम्मलेन जिनमें कार्यकर्ता सम्मलेन, विधानसभा प्रकोष्ठ सम्मेलन व रैली इत्यादि में सभी कार्यकर्ताओं के साथ बढ़-चढ़ कर भागीदारी सुनिश्चित की. वर्तमान में अर्जुन राम भारतीय जनता पार्टी के अंतर्गत राज्य परिषद सदस्य के रूप में कार्य कर रहें हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारधारा
अर्जुन राम के अनुसार इस समय राष्ट्र स्तर पर भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है, जो देश की नींव को अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है, बात चाहे पंचायत राज की हो या जिला व राज्य स्तर की इस समय भ्रष्टाचार सबसे गंभीर मुद्दा है. इसके लिए सरकार को और सख्त कदम उठाने चाहिए. यदि भ्रष्टाचार जैसी समस्या देश से खत्म हो जाए तो भारत आर्थिक रूप से सशक्त बनेगा.
साथ ही अर्जुन राम के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिल पाना तो संभव नहीं है। अर्जुन राम बड़ी बारीकी से बताते हैं कि अगर सरकार के द्वारा कोई कार्य किया जा रहा है तो उस कार्य के साथ कई और लोगों के रोजगार जुड़े हुए हैं। जैसे सरकारी बसें चल रही हैं या किसी भी प्रकार से बस चलवाई जा रही है तो उसके पीछे कई लोगों का रोजगार सृजन हो रहा है। उनका कहना है कि बस में जो ड्राइवर है, कंडक्टर है, या बस में जो पानी की बोतल बेचा करते हैं, या कोई अन्य खाने-पीने के सामान। या फिर बस में कुछ खराबी हुई तो उसे बनवाने के लिए मैकेनिक के पास जाना पड़ता है, टायर अगर पंचर हुआ तो पंचर ठीक करवाना पड़ता है। यहां कई तरह से रोजगार का यहां सृजन होता है।. उनका मानना है कि वर्तमान सरकार अपने प्रयासों से बखूबी कार्य कर रही है.