नाम : अपूर्वा शास्त्री
पद : एस्ट्रोलॉजर, लखनऊ
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वेबसाइट : http://apurvashastri.com/
जीवन परिचय –
अपूर्वा शास्त्री जी एक एस्ट्रोलॉजर हैं, जो लोगों को ज्योतिष विज्ञान का
महत्व समझाने व इस पर लोगों का विश्वास बनाये रखने के लिए कार्य कर रहीं हैं. वह
मूलरूप से लखनऊ के कृष्णानगर की रहने वाली हैं तथा उनकी शिक्षा-दीक्षा भी इसी
क्षेत्र से हुई है. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से ज्योतिष शास्त्र में एम.ए. तथा
कानपुर विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. किया है. इसके अलावा उन्होंने एसीआई दिल्ली
से ज्योतिष प्रवीण की शिक्षा भी प्राप्त की है.
इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा उन्हें अपने नाना जी से मिली, क्योंकि उनके
नाना ने ही उन्हें बताया कि इंसान का भाग्य उसके हाथों में होता है, तभी से उनके
मन में हाथों की लकीरें पढ़ने तथा लोगों को उनका भाग्य बताने की इच्छा जाग्रत हुई
और इस इच्छा ने धीरे-धीरे पेशेवर रुप ले लिया.
ज्योतिष से जुड़ने का कारण –
अपूर्वा शास्त्री जी के जन्म से पहले ही उनके पिता की मृत्यु हो गई थी, जिसका
कारण डॉक्टर का गलत इंजेक्शन लगाना था. इस कारण वह शुरू से ही एक डॉक्टर बनना चाहती
थीं, लेकिन उनके क्षेत्र के आस- पास साइंस साइड के स्कूल व कॉलेज न होने के कारण
उनका यह सपना पूरा न हो सका. इसके बाद उनके भाई ने उन्हें एस्ट्रोलॉजर बनने के लिए
प्रेरित किया और कहा कि एक डॉक्टर के जैसे वह एक एस्ट्रोलॉजर बनकर भी जन कल्याण के
कार्य कर सकती हैं. जिसके बाद उन्होंने इस विषय की पढ़ाई की और आज वह लखनऊ की एक बेहतरीन
ज्योतिषाचार्या के रूप में जानी जाती हैं.
जीवन संघर्ष –
बचपन में ही पिता की मृत्यु होने के कारण अपूर्व शास्त्री जी की पारिवारिक
स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं थी. वहीं आस-पास अच्छे स्कूल, कॉलेज न होने के कारण
उन्हें शिक्षा के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा. वहीं शिक्षा प्राप्ति के दौरान
उन्हें कायस्थ होने के कारण भी उन्हें काफी कुछ सहना पड़ा. इसके अतिरिक्त जब
उन्होंने ज्योतिष के रूप में लोगों से जुड़ना शुरू किया तो शुरूआत में लोग सिर्फ
उन्हें देखने आते थे तथा उनके ज्ञान पर विश्वास नहीं करते थे. इसके बाद धीरे-धीरे
लोगों ने उन्हें व उनकी विद्या को समझा तथा आज अपूर्वा शास्त्री जी के पास लखनऊ,
बदायूं, मुक्तेश्वर से लेकर अमेरिका तक के क्लाइंट आते हैं.
प्रमुख कार्यक्षेत्र –
ज्योतिष के अतिरिक्त भी अपूर्वा शास्त्री जी ने अन्य कई क्षेत्रों में कार्य
किया है. वह हमेशा से ही समाज व शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी रहीं हैं तथा उन्होंने
कई बच्चों को पढ़ाया है. वहीं उन्होंने अमौसी एयरपोर्ट के पास स्थित गुरूकुल में
कार्यालय अधीक्षिका के रूप में भी कार्य किया है. इसके अलावा शिक्षा प्राप्ति के
तुरन्त बाद ही उन्हें हच में एस्ट्रालॉजी के क्षेत्र में ही जॉब मिल गई थी, जहां
वह दिन में 150-200 कुण्डली देखती थीं. हच में सन् 2003-05 के आस-पास उन्होंने
करीब दो वर्ष तक नौकरी की. वर्तमान में वह एक ज्योतिषाचार्या हैं, जो लोगों की
कुण्डली तथा उनके बारे में मूलभूत जानकारी प्राप्त करने के बाद उनका भाग्य बताती
हैं तथा यदि कोई कभी उनसे इस क्षेत्र के बारे में कुछ पूछने आता है तो वह हमेशा
उसे बताती व सिखाती हैं.
ज्योतिष और विज्ञान में संबंध –
ज्योतिष और विज्ञान के संबंध में अपूर्वा शास्त्री जी का कहना है कि ज्योतिष
और विज्ञान में शरीर और आत्मा का सबंध होता है व इसे पढ़े बिना आप इसे नहीं समझ
सकते. ज्योतिष को सत्यापित करने के लिए उन्होंने हीलिंग आदि चीजें भी सीखी हैं.
उनका मानना है कि योग, साधना और ईश्वर पर आस्था से ज्योतिष को समझना आसान हो जाता
है और उन्होंने भी इसे ऐसे ही समझा है.
भारत में ज्योतिष शास्त्र का भविष्य –
अपूर्वा शास्त्री जी का मानना है कि भारत में ज्योतिष शास्त्र का भविष्य बहुत उज्जवल है, परन्तु कुछ लोगों ने धन कमाने के लिए इसे अंधविश्वास से जोड़ रखा है. ज्योतिष धर्म और संस्कारों से जुड़ा है और बिना इसे जाने–समझे आप इसे गलत नहीं ठहरा सकते.