नाम – अनुराग पांडे
पद – पूर्व पार्षद एवं भाजपा नेता, मल्लाही टोला प्रथम वार्ड - 79 (लखनऊ)
नवप्रवर्तक कोड – 71183494
वेबसाईट - Advanuragpandey.com
एक शिक्षित युवा अपने साहस, शक्ति, आदर्शों और सिद्धांतों से न केवल एक राष्ट्र अपितु समस्त विश्व के लिए सकारात्मक परिवर्तन और नवाचार के मार्ग प्रशस्त कर सकता है। आज देश और समाज को ऐसे युवाओं की आवश्यकता सर्वाधिक है, जो अपने ज्ञान के प्रकाश से एक बेहतर दुनिया का सृजन करने में योगदान दे सकें। अनुराग पांडे, युवा नेतृत्व की एक ऐसी ही मिसाल हैं, जो अदब-ओं-तहजीब की नगरी लखनऊ से आते हैं और छोटी सी आयु से लोककल्याण के जज्बे को साथ लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं।
लखनऊ के ठाकुरगंज क्षेत्र से एक लोकप्रिय युवा नेता के तौर पर अनुराग पांडे उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, जो वर्तमान में अनर्गल मुद्दों के बीच भटके हुए हैं। उन्होंने अपनी काबिलियत से क्षेत्र के लोगों के बीच आज एक चहेते नेता और निष्ठावान समाज सेवक का मुकाम हासिल किया है। आइए करीब से जानते हैं इस युवा नेता के जीवन, समाज सेवा के प्रति उनके जज्बे और उनके राजनीति सफर को..
पिताजी की प्रेरणा से आगे बढ़े कदम –
अनुराग पांडे विगत 27 वर्षों से राजनीतिक सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं, मात्र 14 वर्ष की आयु में उन्होंने समाज के प्रति संकल्पित होकर सेवा करने का जो प्रण लिया था, उस पर वह आज भी उसी दृढ़ इच्छा के साथ अडिग हैं और भाजपा के बैनर तले अपने विकास कार्यों को जारी रखे हुए हैं। पेशे से अधिवक्ता के रूप में हाशिये पर खड़े हर वर्ग को न्याय दिलाने में हाथ बढ़ाने के साथ साथ ठाकुरगंज क्षेत्र से पूर्व पार्षद का कार्यभार वह कुशलतापूर्वक संभाल चुके हैं।
उनके पिताजी ने आजीवन शिक्षक संघ से जुड़कर संघर्ष किया और उन्हीं के पद-चिन्हों पर चलते हुए अनुराग पांडे ने भी अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और पीजी डिप्लोमा (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और फिल्म प्रॉडक्शन) करने के बाद अनुराग पांडे ने एलएलबी की मानद डिग्री प्राप्त की। उन्होंने छात्र जीवन में ही अनुभव कर लिया था कि आज राजनीति में शिक्षित लोगों की कमी है और इसी लिए उन्होंने राजनीति में आने को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। अनुराग पांडे कहते हैं कि,
"यदि आप शिक्षित नहीं हैं तो लोगों के लिए आपका शोषण करने के विकल्प खुल जाते हैं लेकिन इसके विपरीत शिक्षा रूपी हथियार आपके हाथ में आते ही आप अपने अधिकारों व कर्तव्यों के लिए जागरूक हो जाते हैं और फिर कोई आपका फायदा नहीं उठा सकता है। लोगों तक शिक्षा के माध्यम से जागरूकता फैलाने और गरीब-मजलूम-कमजोर-वंचित वर्गों की आवाज बनने के लिए मैंने भी राजनीति के मार्ग पर आगे बढ़ने का निश्चिय किया।"
14 वर्ष की आयु में किया राजनीतिक सफर का आगाज -
14 वर्ष की छोटी सी आयु में अनुराग पांडे ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ग्रहण करते हुए अपने राजनीतिक सफर का श्री गणेश किया। उस समय वह क्रिश्चियन कॉलेज के छात्र थे, उन्होंने संगठन के राष्ट्रहित व युवा शक्ति के विकास के सिद्धांतों से प्रभावित होकर संगठन में सेवाएं देनी आरंभ की।
कालांतर में भी इससे अनुराग पांडे का जुड़ाव बना रहा। उसके बाद वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक माननीय जॉर्ज फर्नांडीस के संपर्क में आए और उनके दिशानिर्देशों पर चलते हुए गठबंधन को मजबूती देने के क्रम में संलग्न हो गए। उन्होंने छात्र समता के प्रदेश महासचिव के पद पर कार्य करते हुए 4-5 साल लगातार छात्र राजनीति के लिए काम किया। इस प्रकार उन्होंने 55 जिलों में अपने संगठन को मजबूती से खड़ा किया। उनके नेतृत्व कौशल्य को देखते हुए छात्र समता के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी उन्हें माननीय जॉर्ज फर्नांडीस जी की संस्तुति पर मिली।
अनुराग पांडे तत्कालीन समय में छात्र राजनीति की दिशा में बदलाव लाने की दिशा में काम कर रहे थे और उनकी इच्छा थी कि पढे-लिखे लोग राजनीति में शामिल हों। ऐसे में मा जॉर्ज फर्नांडीस जैसे निर्भीक व्यक्तित्व उनके लिए नई प्रेरणा लेकर आए और अपने सादा जीवन-उच्च विचार के सिद्धांतों से अनुराग पांडे को भी प्रेरित किया। राजनीति में बिना किसी दिखावे और लाग-लपेट के आगे बढ़ते हुए अनुराग पांडे ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर तकरीबन पांच साल काम किया और संगठन को आगे बढ़ाया।
इसके बाद मा जॉर्ज जी का स्वास्थ्य खराब रहने के कारण संगठन जनता दल यूनाइटेड में तब्दील हो गया। जदयू बनने के दौरान संगठन में बहुत से वैचारिक व सैद्धांतिक परिवर्तन हुए, जिसके चलते अनुराग पांडे ने समाजवादी पार्टी की सक्रिय सदस्यता ग्रहण की। सपा में उन्होंने दो बार समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश सचिव पद की जिम्मेदारी का भी वहन किया।
हालांकि पार्टी के माध्यम से उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा बल्कि 2012 में निर्दलीय नगर निगम चुनावों में अनुराग पांडे खड़े हुए और जनता के अपार सहयोग से पार्षदीय चुनाव में जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने भाजपा की सक्रिय सदस्यता ली। 2017-23 तक उनकी माता जी श्रीमती गीता पांडे मल्लाही टोला प्रथम वार्ड (परिसीमन से पहले ठाकुरगंज वार्ड) से पार्षद रही हैं। विगत दस वर्षों से निर्बाध क्षेत्र की सेवा से जुड़कर अनुराग पांडे ने वार्ड को विकास के पथ पर अग्रसर किया है और आज भी एक भाजपा नेता के रूप में इसी सेवाभाव की दिशा में वह कृत संकल्पित हैं।
ब्राहमण समाज को दिलाई नई पहचान -
पिछले 15-20 सालों से अनुराग पांडे ने जब से राजनीतिक क्षेत्र में स्थिरता पाई है, तभी से वह लगातार बहुत से सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे हैं। इनमें प्रथम "आचार्य द्रोण विचार संस्थान" है, जिसमें वह कोषाध्यक्ष पद पर सक्रिय हैं। इसके माध्यम से मंदिरों के निर्माण, विकास और देखरेख का कार्य किया जाता है। साथ ही संस्थान के तहत भगवान परशुराम जयंती के कार्यक्रम विगत 14 वर्षों से निरंतर आयोजित किए जाते रहे हैं। इसी संस्था के बैनर तले भगवान परशुराम मंदिर का निर्माण भी किया गया है।
वर्तमान में अनुराग पांडे ने भारतीय ब्राह्मण महासभा संगठन का गठन किया और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में वह समाज में ब्राह्मणों की स्थिति को मजबूती देने के उद्देश्य से कार्य कर रहे हैं। उनका मानना है कि वर्तमान में ब्राह्मण समाज को बहुत ही गलत और मिथ्यापूर्ण तरीके से रेखांकित किया जा रहा है, चाहे वह सिनेमा के माध्यम से हो या सोशल मीडिया के माध्यम से, ब्राहमण वर्ग की छवि पर प्रहार निरंतर जारी है।
इन्हीं कारणों के चलते ब्राह्मणों की छवि को सुधारने के लिए इस संगठन का निर्माण किया गया है ताकि लोग समझ सके कि ब्राह्मण समाज तो एक टॉर्च के समान हैं जो समाज को प्रकाशवान करने का काम करता है। भगवान परशुराम जी की भी सही छवि को समाज के सामने लाने का प्रयास इस संगठन के माध्यम से किया जाता है। लोगों में विरोध की भावना को दूर करके परस्पर सौहार्द और सद्भावना के लिए अनुराग पांडे अपने संगठनों के माध्यम से अलख जागा रहे हैं।
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दे –
संडीला विधानसभा 161, जहां से हाल ही में विधानसभा चुनावों के लिए अनुराग पांडे ने टिकट के लिए नामांकन भी किया था, वहां शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर के हालात बेहद खराब हैं। यहां जनता के सामने बहुत सी मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है, जिसके लिए अनुराग पांडे भविष्य में योजनाबद्ध रूप से विकासरूपी प्रयासों की एक शृंखला शुरू करना चाहते हैं।
जनता की मूलभूत समस्याओं को प्रमुख मानते हुए अनुराग पांडे का कहना है कि यह समय की मांग है कि जनता की मौलिक समस्याओं पर काम प्राथमिकता से होना चाहिए। यदि इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक है, तो सभी कुछ अपने आप ठीक हो जाता है। किसी भी क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, यातायात व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ होनी चाहिए।
इसके बाद शिक्षा व्यवस्था पर काम करने को अनुराग पांडे दूसरी सबसे बड़ी आवश्यकता मानते हैं। वह कहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना आज भारतीय समाज की सबसे बड़ी जरूरत है क्योंकि यदि हम शिक्षित नहीं होते तो समाज में अराजकता और भ्रष्टाचार जन्म लेता है। शिक्षित होने से हम अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरूक होते हैं और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में योगदान सुनिश्चित करते हैं। इन्हीं मूलभूत समस्याओं पर काम करते हुए वह वार्ड के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
संपन्न विकास कार्य -
अपने दोनों ही पार्षदीय कार्यकालों में अनुराग पांडे ने क्षेत्र में नि:स्वार्थ भाव के साथ समाज की सेवा की है और वार्ड के विकास को एक नया आयाम दिया है। हालांकि उनके द्वारा किए गए जनसेवा और विकास कार्यों की सूची बहुत बड़ी है लेकिन उनके किए गए कुछ जनकल्याण एवं प्रगति कार्यों की फेहरिस्त इस प्रकार है..
- 161 संडीला विधानसभा, पुराने लखनऊ तथा अपने क्षेत्र में वृहद स्तर पर विद्यालयों में प्राथमिक स्तर पर 25000 से अधिक छात्रों को पुस्तकों का वितरण किया एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्रयास किये। आध्यत्मिक विकास व भारतीयता का भाव जागृत करना मुख्य लक्ष्य है।
- पहले ही पार्षदीय कार्यकाल में क्षेत्र के मूलभूत ढांचे में सुधार किया। वार्ड में पहले किसी तरह की आवागमन व्यवस्था नहीं थी। अनुराग पांडे ने क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछवाया, बेहतर जल निकासी के लिए नालियों का निर्माण कराया।
- प्रथम पार्षद कार्यकाल के दौरान मार्ग प्रकाश की बेहतरी के लिए 300 ट्यूबलाइट लगवाई गई थीं और वर्तमान में उनका स्थान एलईडी लाइट ले चुकी हैं, यह कार्य आज भी जारी है।
- बिजली व्यवस्था में सुधार किया, जिसके लिए 18 ट्रांसफार्मर लगवाए। बिजली की बेहतरी के लिए ठाकुरगंज बिजली सब स्टेशन बनवाया, जो ठाकुरगंज के अलावा चौक से लेकर सहादतगंज तक की बिजली समस्याओं को तत्काल ठीक करने में अहम भूमिका निभाता है। इसके माध्यम से अब लोग आसानी से बिजली का बिल भी भरते हैं।
- एक टीबी हॉस्पिटल पहले वार्ड में था, जिसमें किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थी। उसे एक बड़े 100 बेड वाले अस्पताल के रूप में स्थापित कराया, जहां आज सभी बीमारियों का इलाज होता है। इसके अतिरिक्त भी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए बहुत से प्रयास किए।
- वार्ड के प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों को आधुनिक शिक्षण सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कंप्युटर शिक्षा का प्रबंध विद्यालयों में कराया, छात्रों के बैठने की समुचित व्यवस्था की। विद्यालयों में प्राथमिक स्तर पर 25000 से अधिक छात्रों को पुस्तकों का वितरण किया।
- वार्ड में लंबे समय से बंद पड़े सभी सुलभ शौचालयों को आमजन की सुविधा हेतु ठीक कराया।
- वार्ड के धार्मिक स्थलों में पानी की सुविधा को व्यवस्थित करते हुए वहां सबमर्सिबल पंप लगवाए, साथ ही मार्ग इंटरलॉकिंग की व्यवस्था भी श्रद्धालुओं के बेहतर आवागमन के लिए की।
- पेयजल की सुविधा के लिए वार्ड में वर्षों से बंद पड़ी हजारों लीटर के संग्रहण वाली एक पानी की टंकी को जनहित के लिए दोबारा शुरू करवाया, इसी कड़ी में तकरीबन 15 किमी तक की पाइपलाइन क्षेत्र में बिछवाई ताकि लोगों को जल की सुविधा मिले।
- क्षेत्र के हर मोहल्ले में सबमर्सिबल पंप की सुविधा की हुई है, जिससे हर घर को पानी मिले।
- वार्ड के समुचित विकास के लिए पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को भी जारी रखा हुआ है। वार्ड में पारिजात वृक्ष लगवाया, जो लखनऊ में कुछ ही स्थानों पर है। साथ ही वार्ड में 300 पीपल के वृक्ष और अन्य छायादार वृक्ष लगवाए। पहले जहां लोगों को खड़े होने पर छाँव भी नहीं मिलती थी, आज वहां सड़कों के दोनों किनारे पर वृक्षों को लगवाया गया है, जिनकी देखरेख का जिम्मा भी आसपास के लोगों को दिया गया है ताकि पर्यावरण के लिए जागरूकता का संदेश जन जन तक प्रसारित हो।
- वर्तमान में प्रत्येक कार्य को योजनाबद्ध रूप से संचालित किया जाता है और जनता की हर समस्या को प्राथमिकता पर रखते हुए काम किया जाता है। व्हाट्स ग्रुप, जिसमें स्वयं अनुराग पांडे, वर्तमान पार्षद (माता जी), आम नागरिक, सफाई निरीक्षण, अधिकारीगण इत्यादि सम्मिलित हैं, के माध्यम से बिजली समस्या, पेयजल समस्या, स्वच्छता समस्या या मार्ग प्रकाश व्यवस्था इत्यादि पर त्वरित कार्यवाही की जाती है।
- सामाजिक समरसता हेतु वार्डवासियों के लिए व्यवस्था बनाई हुई है कि किसी भी परिवार में शादी-विवाह या अन्य कोई बड़ा आयोजन होने पर पार्षद जी की ओर से सफाई व्यवस्था संभाली जाती है।
- हर धर्म-पंथ के त्यौहारों-पर्वों पर भी धार्मिक स्थलों की सफाई व्यवस्था और साज-सज्जा का कार्य भी किया जाता है। जैसे नवरात्रों पर मंदिरों में सफाई व्यवस्था और हर शुक्रवार को मस्जिदों में विशेष व्यवस्था की जाती है।
- प्रत्येक राष्ट्रीय पर्व पर क्षेत्र के विद्यालयों, सरकारी कार्यालयों में विशेष आयोजन किए जाते हैं।
- वैश्विक कोरोना महामारी के संकट काल के दौरान दोनों लहरों में लाखों जरूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन, दवाएं, मास्क, सेनेटाईजर, ऑक्सीजन एवं आर्थिक सहायता मुहैया कराई।
इस प्रकार अब तक वार्ड के सर्वांगीण विकास में काफी कार्य कराया जा चुका है और जो बचा है, उस पर भी कार्य सुचारु रूप से जारी है। जिस ठाकुरगंज क्षेत्र को आज से दस साल पहले लोग पता बताने पर भी नहीं जानते थे, उसमें अनुराग पांडे इतना अधिक बदलाव ला चुके हैं कि आज जनता दूर-दूर से यहां स्वास्थ्य लाभ, बिजली सुविधा इत्यादि के लिए आती है। इस पार्कर जनता की हर समस्या पर अनुराग पांडे त्वरित निर्णय लेते हुए उसका निदान करने की दिशा में प्रयासरत रहते हैं।
युवा भारत करें विश्व का मार्गदर्शन -
देश के युवाओं में आध्यात्मिक विकास, भारतीय संस्कृति और निज परंपराओं के प्रति आत्मीयता के भाव का संचार अनुराग पांडे करना चाहते हैं। उनका मानना है कि भारत में युवा शक्ति का अभाव नहीं है लेकिन उन्हें जागरूक करने की आवश्यकता बनी हुई है।
अनुराग पांडे युवाओं में नई ऊर्जा का संचार करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं ताकि युवा भारत समस्त विश्व को अपनी कर्मठता से मार्गदर्शित कर सके। वह संडीला विधानसभा से युवा जागरण अभियान का आगाज करते हुए इसे राष्ट्र अभियान बनाने के विज़न के साथ संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं।
जनसंख्या नियंत्रण और सर्वसुलभ शिक्षा पर कड़े कानून जरूरी -
अनुराग पांडे के अनुसार भारत में आज जनसंख्या विस्फोट की समस्या सबसे बड़ी है, जो देश को विकास पथ से पीछे धकेलने का काम कर रही है। मसलन, एक विकासशील देश में जनसंख्या दर में सतत वृद्धि से आर्थिक संसाधनों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिसके चलते बेरोजगारी बढ़ती है और रोजगार के अभाव में भुखमरी फैलती हैं। अनुराग पांडे कहते हैं कि आज सरकार भले ही लोगों को रोटी, कपड़ा, मकान जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं लेकिन प्रश्न उठता है "कब तक"? इसलिए आवश्यकता है कि वर्तमान सरकार "जनसंख्या नियंत्रण विधेयक" को पारित करे और सख्ती से उसका अनुपालन भी हो।
वहीं सहज और सर्वसुलभ शिक्षा को भी अनुराग पांडे बेहद आवश्यक मानते हैं। उनका कहना है कि शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य होनी चाहिए। इसके लिए सरकार को कड़े से कड़े नियम भी लाने चाहिए, जैसे यदि कोई शिक्षित नहीं हो तो लोगों को सरकारी सुविधाओं जैसे वोटर आईडी, राशन कार्ड इत्यादि से वंचित करना होगा, ऐसे सख्त कानून बनेंगे तो लोग जरूर शिक्षा प्राप्त करने के लिए पहल करेंगे और इससे राष्ट्र का विकास होगा।