नाम – अनिल विज
पद – विधायक एवं
स्वास्थ्य मंत्री, अंबाला छावनी विधानसभा (हरियाणा)
नवप्रवर्तक कोड – 71184836
हरियाणा की राजनीति में अपनी स्पष्ट और बेदाग छवि के लिए पहचाने जाने वाले अनिल विज अंबाला छावनी से विधायक के साथ साथ हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी हैं. राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के इस नेता को उनके तेज तर्रार बयानों के लिए जाना जाता है. अनिल विज के पास आठ बार विधानसभा चुनाव लड़ने का तजुर्बा है, जिसमें से छह में उन्हें जीत भी हासिल हुयी हैं.
अंबाला कैंट की सीट को हरियाणा के सबसे पुराने विधानसभा क्षेत्रों में से एक माना जाता है, जो अंबाला जिले का हिस्सा है और इसकी सीमाएं पंजाब से भी जुडी हुयी हैं. यहां भारतीय थल सेना और वायु सेना का केंद्र भी है, जिसके चलते इसे अंबाला छावनी की संज्ञा दी गयी है. कहा जाता है कि यह शहर 14वीं शताब्दी में अंबा राजपूत द्वारा बसाया गया था, साथ ही कुछ लोग यह भी मानते हैं कि यहां स्थित अंबा देवी के भव्य मंदिर के नाम पर इस शहर का नाम पड़ा है.
66 वर्षीय अनिल विज की शुरूआती शिक्षा बनारसी दास स्कूल से हुयी, जिसके बाद उन्होंने वर्ष 1972 में अंबाला के एसडी कॉलेज से विज्ञान विषय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की. इसके दो वर्ष के बाद ही उन्हें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी मिल गयी और उन्होंने 16 वर्षों तक एक बैंक अधिकारी के रूप में सेवाएं दी.
अनिल विज का राजनीतिक सफ़र बेहद रोचक रहा है, छात्र जीवन से ही उनका रुझान सामाजिक और राजनीतिक कार्यों की ओर था, जिसके चलते वह एबीवीपी से जुड़ गए थे. इसके दो वर्षों बाद ही वह एबीवीपी के महासचिव नियुक्त हुए. 90 के दशक में उन्होंने राजनीति में औपचारिक तौर पर प्रवेश करते हुए बैंक से इस्तीफ़ा दे दिया और 1990 में हुए अंबाला कैंट विस के उपचुनावों में उतरे और जीते.
भारतीय जनता पार्टी ने उनकी प्रतिभा का लोहा मानते हुए 1991 में उन्हें भाजपा युमो के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी थमा दी. धीरे धीरे जनता के बीच अनिल विज की लोकप्रियता बढती गयी, उन्होंने 1996 में निर्दलीय चुनाव में शिरकत की और जनता का भरपूर समर्थन उन्हें मिला. 2000 में भी विधानसभा चुनावों में अनिल विज को निर्दलीय सफलता मिली.
हालांकि 2005 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर अनिल विज बीजेपी के टिकट पर उतरे, लेकिन इस बार कुछ मतों से पीछे रह गए. वर्ष 2009 के अंबाला कैंट के चुनावों में उन्हें जीत हासिल हुआ और इसके साथ ही विधानसभा में उन्हें विपक्ष दल का नेता भी चुना गया. इसके बाद अनिल विज का विजय रथ नहीं थमा और क्रमशः 2014 व 2019 के चुनावों में उन्हें अभूतपूर्व जीत हासिल हुयी. अक्टूबर, 2019 में उन्हें हरियाणा का स्वास्थ्य मंत्री भी घोषित किया गया.